कांग्रेस : पंचायत चुनाव में हिसाब चुकता करने की तैयारी


-भाजपा के साथ सपा और बसपा से भी दो-दो हांथ की बारी
-आंदोलनों के सहारे जनता के बीच पैठ बनाने की रणनीति
-पंचायत चुनावों को लेकर वृहद संपर्क अभियान चलायेगी कांग्रेस
-उपचुनावो में दो सीटों पर दूसरे नंबर पर आने से जोश हुआ दूना

योगेश श्रीवास्तव

लखनऊ। पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से राजनीतिक वनवास भोग रही कांग्रेस मिशन-२०२२ में किला फतेह करने और जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता और स्वीकार्यता बनाने की गरज से धरने प्रदर्शनों और आंदोलनों का सहारा लेने जा रही है। साथ ही कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पूर्व पंचायत चुनाव में अपना शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में है। पंचायत चुनाव में कांग्रेस की वरिष्ठï नेत्री और प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी अगुवाई करने जा रही है। हाल के किसान आंदोलन का समर्थन करने के साथ ही प्रदेश की कानून व्यवस्था सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस सड़कों पर उतरने का एक्शन प्लान तैयार करने में लगी है। पार्टी का मानना है कि प्रदेश में किसानों के आंदोलन के साथ ही जो अन्य ज्वलंत मुद्दों है उन पर गैर कांगे्रसी विपक्षी दल उतनी आक्रामक भूमिका नहीं निभा पा रहे है। जितना उन्हे आक्रामक होना चाहिए।

प्रदेशाध्यक्ष की बागडोर संभालने के बाद से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अपने एक साल के कार्यकाल में जो भी धरने प्रदर्शन किए उनमें कई मौकों पर प्रियंका गांधी ने शिरकत की। २०१९ के लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था। उनके प्रभारी बनने का चुनाव में कोई खास असर नहीं दिखा बावजूद इसके केन्द्रीय नेतृत्व उन्हे पूरे प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया। उनके प्रदेश प्रभारी बनने का उतना असर नहीं दिखा जितना अजय कुमार लल्लू के प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस लाकडाउन के बाद से अब तक सुर्खियों में रहे। कांग्रेस को उपचुनावों और विधानपरिषद के चुनावों को लेकर भले कोई कामयाबी न मिली हो पर इसकों लेकर वह हताश निराश नहीं है।

पार्टी के रणनीतिकारों को मानना है कि प्रदेश की जनता इन तीस सालों में सपा-बसपा और भाजपा तीनों का कार्यकाल देख चुकी है। इन तीनों दलों की सरकारों की कार्यशैली को लेकर जनसामान्य में कोई अनुकूल माहौल नहीं है। ऐसे में जनता कांग्रेस को ही विकल्प के रूप में देख रही है। पार्टी का मानना है कि किसानों के मुद्दों को लेकर जो दल आज इतनी आक्रामकता दिखा रहे है उन्हे देखना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने इन किसानों के लिए क्या किया।विधानसभा उपचुनावों और स्नातक क्षेत्र के चुनावों में कांग्रेस को भले शिकस्त मिली हो लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस का जोश अभी ठंडा नहीं हुआ है।

प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले संगठन सृजन अभियान के जरिये ग्रामीण इलाकों में पैठ मजबूत करने जुटी कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार करने के इरादे से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा नये साल में वृहद संपर्क अभियान छेडऩे की तैयारी में है। प्रदेश प्रभारी की कमान संभालने के बाद प्रदेश में कांग्रेस की पैठ जमाने के लिए यह प्रियंका गांधी की यह पहल होगी। पार्टी सूत्रों की माने तो प्रियंका गांधी जनवरी के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश में डेरा डाल सकती है। अपने संपर्क अभियान के तहत श्रीमती गांधी मंडल वार क्षेत्रों का दौरा करेंगी और सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक उस क्षेत्र में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर ग्रामीणों की समस्याये जानने के साथ क्षेत्र में पार्टी की स्थिति की समीक्षा करेंगी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी पूर्व निर्धारित क्षेत्र में चौपाल लगाकर ग्रामीणों से संवाद करेंगी जबकि वह रात्रि का भोजन किसी भी आम कार्यकर्ता अथवा साधारण ग्रामीण के घर पर करेंगी।

प्रियंका गांधी का यह अभियान पंचायत चुनाव और उसके बाद वर्ष 20़22 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा। हाल ही में हुये विधानसभा उपचुनाव के नतीजे उत्साहवर्धक रहे हैं। इस चुनाव में पार्टी भले ही किसी सीट पर जीत दर्ज न कर सकी हो लेकिन बांगरमऊ और घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र में जहां पार्टी दूसरे नम्बर पर रही वहीं सभी सात सीटों पर मत प्रतिशत में इजाफा हुआ है। पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि अब बारी पंचायत चुनाव की है जिसके लिये पार्टी संगठन को ग्रामीण स्तर पर मजबूत करने में लगी है।

पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता और पदाधिकारी लगातार ग्रामीणों इलाकों का भ्रमण और जनसंपर्क कर रहे है और संवाद के जरिये पार्टी की नीतियों के बारे में ग्रामीणों को रूबरू करा रहे हैं। पंचायत स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का यह अभियान जनवरी के मध्य तक जारी रहने की संभावना है जिसके बाद उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के दौरों की शुरूआत होगी। प्रवक्ता ने बताया कि प्रियंका गांधी के साथ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और उस क्षेत्र के कद्दावर पदाधिकारी साथ रहेंगे जो चलाये गये अभियान की समीक्षा करने के साथ चौपाल लगाकर ग्रामीणों के साथ संवाद करेंगे। इस दौरान नये कृषि कानून के दूरगामी दुष्प्रभावों के बारे में किसानो को जागरूक किया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान दो अक्टूबर से जारी है। अभियान में अब तक ब्लॉक स्तर में कमेटियों का गठन किया जा चुका है जबकि न्याय, पंचायत, ग्राम सभा स्तर तक कमेटियों के गठन का काम प्रगति पर है। ब्लॉक कमेटी में 25 न्याय पंचायत में 21 और ग्राम पंचायत में 15 सदस्य होंगे। इस अभियान की मानीटरिंग भी सीधे प्रदेश मुख्यालय स्तर पर की जा रही है।

हालांकि ग्रामीण स्तर तक पार्टी को पहुंचाने की प्रियंका गांधी की यह कोई पहल नहीं होगी। इससे पूर्व २०१७ के विधानसभा चुनाव से पूर्व राहुल गांधी ने प्रदेश भर में खाट सभाएं कर लोगों से संवाद स्थापित किया था। लेकिन उसके कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आये लेकिन बावजूद इसके विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव में बेहतर नतीजे लाकर अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है।

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