- 17 दिन की मासूम बच्ची कीपोस्टमार्ट रिपोर्ट में गला दबाकर हत्य की पुष्टि।
- बच्ची की मां ने बच्ची के पिता पर हत्या का आरोप लगाया था।
- डीएम से मांग की गई थी कि बच्ची की लाश को कब्र से बाहर निकलवा कर उसका पोस्टमार्टम कराया जाए।
अतुल शर्मा
गाजियाबाद मसूरी कस्बे में बीते बुधवार को जिला अधिकारी के आदेश पर कब्रिस्तान से बाहर निकाले गए 17 दिन की मासूम बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या का मामला सामने आया है। पिता सहित चाचा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल में जुट गई ।
मसूरी इलाके में 24 नवंबर को 17 दिन की मासूम की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। बच्ची की मां ने बच्ची के पिता पर हत्या का आरोप लगाया था। मसूरी थाने में दी गई शिकायत के मुताबिक आरोप लगाया गया था कि बेटी होने की वजह से 17 दिन की मासूम की हत्या उसी के पिता ने कर दी है। जो उसके बाद फरार हो गया। इस बीच बच्ची को बिना पोस्टमार्टम के कब्र में दफन कर दिया गया था।
लेकिन डीएम से मांग की गई थी कि बच्ची की लाश को कब्र से बाहर निकलवा कर उसका पोस्टमार्टम कराया जाए और बुधवार को जिला अधिकारी रितु माहेश्वरी के आदेश पर कब्र को खोदा गया और लाश को बाहर निकाल लिया गया। सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में प्रशासन और पुलिस की टीम ने लाश को कब्र में से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम को भेज दिया था।
मासूम बच्ची के मां का आरोप था कि बच्ची की गला दबाकर हत्या की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात साफ हो गई की बच्ची की मौत गला दबाने से हुई है, और वाकई बच्ची की हत्या की गई है। मासूम बच्ची की माँ का आरोप ये भी था कि उसने जब मासूम की अचानक मौत का कारण जानना चाहा तो उसे प्रसूति की हालत में ही मारा पीटा गया और बंधक बनाया गया था। हालांकि बच्ची की मां ने शिकायत में यह भी कहा था कि 2 साल पहले भी बच्ची के पिता ने अपनी नवजात बच्ची की हत्या कर दी थी। जिसका कोई सबूत नहीं था। आरोप यह था कि बेटी होने की वजह से बच्ची के पिता इस तरह से बच्चियों की हत्या कर रहा था ।
वहीं बच्ची के मामा रहीस और नाना शमशाद का आरोप है कि उन्हें इंसाफ चाहिए। परिवार के साथ साथ पुलिस को भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हो गया कि ऐसा कौनसा बेरहम, जालिम पिता होगा जो अपने ही खून प्यासा हो गया। बेटे की चाहत ने दुनिया देखने समझने से पहले ही दुनिया से रुखसत कर दिया।