कानपुर में जानलेवा हुई गर्मी, हीट स्ट्रोक से गई दो की जान


कानपुर। जून के महीनें में पारा बढ़ने के साथ चिलचिलाती धूप व लू के थपेड़ों ने उल्टी दस्त बुखार, चक्कर आने हीट स्ट्रोक का प्रकोप बढ़ा दिया है। इससे मरीजों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही मौतों का सिलसिला भी जारी है। इसके बाद भी स्वास्थ्य केंद्रों के रेफर सेंटर बने होने से बड़ी संख्या में मरीज निजी अस्पतालों में महगा इलाज कराने को विवश हो रहे हैं। वहीं जिला अस्पताल में रोजाना मरीजों की भारी भीड़ जुट रही है। शनिवार को भी यहां 540 मरीज उपचार के लिए पहुंचे। इससे पंजीकरण, डाक्टर को दिखाने व दवा लेने में मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। मरीजों की भारी भीड़ जुटने से बालरोग विशेषज्ञ व फिजीशियन के कक्षों के बाहर लंबी लाइन लगी रही।

 इसके चलते अधिकांश मरीजों से बीमारी की जानकारी लेने के बाद डाक्टरों ने उनको दवा लिखकर टरका दिया। रूरा के सिठमरा गांव के रहने वाले बड़के (45) की एकाएक हालत बिगड़ गई। शनिवार को चक्कर खाकर उनके गिरने से भाई दीप उनको गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाए। इमरजेंसी ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर जांच के बाद उसको मृत घेाषित कर दिया। बरौर के हैदरपुर के राम अवतार (50) खेत से काम कर वापस आने के बाद हालत बिगउ़ गई। उनको भी पुत्र लल्लन व परिजन जिला अस्पताल लाए, लेकिन रास्ते में ही उनकी भी मौत हो गई। दोनों का परीक्षण करने वाले डा. ने बताया कि दोनों को उनके परिजन मृत अवस्था में ही यहां लाए थे। परिजनों ने तेज धूप व लू में उनकी हालत खराब होने की बात कही थी। इसके बाद कार्रवाई न कर शव लेकर लौट गए।

गर्मी व लू से बचाव के लिए डाक्टरों की सलाह
जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि गर्मियों में शरीर का अधिकांश पानी पसीने के रूप में वाष्पीकृत हो जाता है। इसलिए दिन में कम से कम चार से पांच लीटर तक पानी पिएं। गर्मी में तली हुई चीजों के उपयोग से बचने तथा दाल, चावल, सब्जी, रोटी आदि सामान्य भोजन करने की ही उन्होंने सलाह दी।

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