
भास्कर ब्यूरो
जहानाबाद/फतेहपुर । कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चों को मिलने वाले राशन में कोटेदार, बच्चों एवं अभिभावकों को प्रधानाध्यापक द्वारा दिए गए प्राधिकार पत्र होने के बावजूद राशन में कटौती के बाद भी आनाकानी कर परेशान कर रहा है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान स्कूलों को बंद कर दिया गया था जिसके चलते मिड डे मील योजना भी प्रभावित हो गई थी।
स्कूल खोलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया था कि जितने दिन बच्चों को दोपहर का भोजन नहीं दिया गया उसके एवज में बच्चों को सरकारी राशन की दुकान से खाद्यान्न मुहैया कराया जाएगा लेकिन कोटेदारों द्वारा बच्चों को मिलने वाले खाद्यान्न में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
विकास खंड देवमई के अंतर्गत कस्बे में खुली राशन की दुकान के कोटेदार द्वारा प्राइमरी पाठशाला प्रथम के बच्चों को विद्यालय प्रधानाध्यापक प्राधिकार पत्र देकर उसमें नाम, पंजीयन संख्या, कक्षा व राशन की मात्रा अंकित कर खाद्यान्न लेने हेतु अभिभावकों के साथ सरकारी राशन की दुकान भेज देते हैं लेकिन कोटेदार द्वारा कभी आधार कार्ड, तो कभी अगले दिन आने, तो कभी पर्ची फटी होने की बात कहकर टरका दिया जाता है फल स्वरूप थक हार कर अभिभावक राशन छोड़कर घर बैठ जाते हैं।