
दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । लूट और छिनैती जैसे मामलों में भी थानों की पुलिस गम्भीर नहीं है थानों की पुलिस का अधिक प्रयास क्राइम कंट्रोल पर न होकर क्राइम मिनिमाइजेशन पर रहता है यही वजह की आपराधिक घटनाओ में अचानक बाढ़ सी आ गई है जबकि पुलिस की निष्क्रियता व लापरवाही से लूट जैसे मामलों में भी हफ्ते भर से तीन तीन अलग अलग मामलो में पीड़ित भटक रहे हैं।
लूट के गम्भीर मामलो में भी भटक रहे पीड़ित
आपको बता दें कि पहला वाकया 30 नवम्बर की शाम का है जब मलवां थाना क्षेत्र के रावतपुर गांव का निवासी रजत सोनी, जो भदबा गांव में सर्राफ की दुकान चलाता है। दुकान बन्दकर अपने घर रावतपुर जा रहा था। रास्ते मे स्विफ्ट डिजायर में सवार 5 बदमाशों ने उसे भरसवां के जंगल मे रोककर लूटने का प्रयास किया।
व्यापारी ने बदमाशों से संघर्ष किया जिससे लूट की घटना में बदमाश सफल नहीं हो पाए मगर व्यापारी को जमकर पीटा। बदमाश दूसरे राहगीरों को देखकर भाग खड़े हुए। पीड़ित रजत सोनी ने सहिली चौकी में तहरीर दी लेकिन आज तक न ही एफआईआर दर्ज हुई है और न ही बदमाशों को पकड़ने में पुलिस ने रुचि ली है। इस बाबत मलवां थानाध्यक्ष आलोक पांडे ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है पीड़ित के साथ मारपीट की घटना हुई है जिसमे कार्रवाई की जा रही है।
एफआईआर न दर्जकर टहलाना बन गई पुलिस की आदत
दूसरा वाकया दो दिसम्बर की रात का है जब एक ट्रक को बदमाशों ने कानपुर में लूटकर चालक व खलासी को जिले के बिंदकी क्षेत्र में पीटकर सड़क के किनारे फेंक दिया और फरार हो गए। तीन दिसम्बर को भोर पहर जब चालक रंजीत व खलासी आकाश को होश आया तो किसी राहगीर के मोबाइल से ट्रक मालिक लखनऊ के ओमेगा ग्रीन अपार्टमेंट निवासी कृष्णमोहन को दी। कृष्णमोहन ने 112 पुलिस को सूचना दिया व बिंदकी कोतवाली में तहरीर दी।
लेकिन बिंदकी पुलिस ने घटनास्थल कानपुर का होने की वजह से पीड़ित की रिपोर्ट नहीं दर्ज की। पीड़ित ने बताया कि उसने कानपुर में बिधनू में भी प्रार्थना पत्र दिया मगर उनका कहना है कि मामला हमारे यहां का नहीं है घायल अवस्था मे जहां मिले थे वहीं एफआईआर कराओ। पुलिस की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली की वजह से एक पीड़ित दर दर भटकने को मजबूर है। दो जिलों की पुलिस लूट के गम्भीर मामले में भी पल्ला झाड़ रही है।
नियमतः एफआईआर दोनो थानों में हो सकती है मगर क्राइम मिनिमाईजेशन व लूट के खुलासे में मेहनत न करनी पड़े इस चक्कर मे थानेदार एफआईआर नहीं दर्ज करते। इस बाबत कोतवाली प्रभारी बिंदकी शमशेर सिंह ने बताया कि प्रकरण कानपुर से सम्बंधित है हमारे थाने में सूचना मिली थी। पीड़ित ने लिखित तहरीर नहीं दी। अगर दोबारा कोई आएगा तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उधर कमिश्नरेट कानपुर के ट्वीटर एकाउंट से कहा गया कि प्रकरण बिंदकी से सम्बंधित है। अब दोनो जगह से विरोधाभास होने की वजह से पीड़ित कृष्ण मोहन एफआईआर दर्ज कराने के लिए दर दर भटक रहा है।
तीसरा वाकया 4 दिसम्बर की रात में फ़तेहपुर शहर के नउआबाग के करीब का है। जहां बांदा निवासी विवेक सिंह व उमाकांत तिवारी पुत्र संगम लाल के ट्रक को शहर क्षेत्र के नउआ बाग के करीब तेलियानी विकास खण्ड के आगे चार पहिया लगाकर कथित बदमाशो ने रोक लिया। उमाकांत ने बताया कि वह अपने साथी विवेक सिंह निवासी आवास विकास बांदा तथा वीरू सिंह निवासी मौदहा हमीरपुर के साथ गाड़ी खाली करने बछरावां जा रहे थे तभी तेलियानी विकास खण्ड के करीब दो चार पहिया वाहनों में सवार आधा दर्जन लोगों ने उनके ट्रक को सीज़र बताते हुए रोक लिया। उन्होंने जबरन वाहन खींचने की कोशिश की और वसूली का प्रयास किया। वसूली न देने पर हम लोगो को जमकर मारा पीटा व गले से सोने की चैन खींच लिया।
इस दौरान विवेक सिंह व वीरू सिंह के सिर व पैर में चोटे आयी। जिससे विवेक सिंह की हालत खराब है वह बार बार बेहोश हो जाते हैं। उमाकांत ने बताया कि विवेक सिंह ने कोतवाली में तहरीर दी है पुलिस का कहना है लूट का मामला हटाओ तभी एफआईआर दर्ज करेंगे। उन्होंने बताया कि जानकारी करने पर पता चला कि आरोपी फ़तेहपुर के रहने वाले हैं जिनमे सिराजुद्दीन, सुहैलुद्दीन, ताबिज व साहिल हैं जो गैंग बनाकर जबरन वाहनों से वसूली करते हैं जबकि यह किसी बैंक से अधिकृत सीजर भी नहीं हैं।
इस बाबत एसएसआई कोतवाली संतोष कुमार ने बताया कि पांच आरोपियों के विरुद्ध धारा 147,148,323,504,341 की धाराओ में एफआईआर दर्ज की गई है। जिनमे सुभाष पांडे, सुहैलुद्दीन, सिराजुद्दीन, ताबिज व साहिल हैं। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। इस बाबत पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि कानून ब्यवस्था बिगाड़ने वालो को बख्सा नहीं जाएगा। अपराध नियंत्रण में लापरवाही बरतने वाले थानेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।