भूखे को भोजन प्यासे को पानी पिलाना भारतीय सँस्कृति की पहचान, मयंक गोस्वामी

मथुरा(वृन्दावन)भीषण गर्मी में जल के अभाव में तड़प तड़प कर जीवन गंवाने वाले मूक पशु पक्षियों को जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मेरा वृन्दावन की टीम द्वारा धर्मनगरी वृंदावन में पेयजल जल पात्र सेवा का शुभारंभ परिक्रमा मार्ग से बुधवार को किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए
ठाकुर बाँके बिहारी मंदिर के सेवायत आचार्य मयंक गोस्वामी वंटू महाराज ने कहा कि प्यासे को पानी पिलाना और भूखे को अन्न खिलाना हमारी प्राचीन संस्कृति रही है और हम सदैव इस संस्कृति का अनुपालन करते हुए आए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राधा कृष्ण की रासस्थली में उनकी प्रिय गायों, बंदरों, पक्षियों आदि जीवो के लिए भीषण गर्मी में जल की व्यवस्था करना अनुकरणीय कार्य है। ऐसे सेवाभावी कार्य दूसरों को भी प्रेरणा देते हैं। मेरो वृन्दावन टीम के चेयरमैन व समाजसेवी सौरभ गौतम ने कहा कि भीषण गर्मी में प्रतिवर्ष पानी की कमी के चलते हजारों पशु पक्षी अपना जीवन गंवा देते हैं। हमें इस तथ्य को ध्यान में रखकर इन पशु पक्षियों के लिए पेयजल की व्यवस्था हर स्तर पर करनी चाहिए।
इससे पूर्व जल पात्र सेवा के अंतर्गत दर्जनों पानी की टंकिया परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह रखी गई। जिनसे प्रतिदिन पशु पक्षियों को पीने का पानी मिलेगा।
इस अवसर पर शैलेंद्र सिंह, विष्णु गोला, गोपाल शर्मा, जितेंद्र कुमार गौतम, निकुंज बिहारी गौतम, मुकेश कृष्ण शर्मा, अशोक शर्मा, आदि उपस्थित थे।

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