कोरोना से ज्यादा खतरनाक निकला अस्पताल : निकाल दी ऑक्सीजन, पूरी रात तड़पा फिर मौत !

जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में लापरवाही से मौत का बड़ा मामला सामने आया है. स्वजनों का आरोप है कि मंगलवार रात कोविड वार्ड में भर्ती शिक्षक सुरेंद्र शर्मा को लगे ऑक्सीजन सपोर्ट को वार्ड बॉय ने हटाकर दूसरे मरीज को लगा दिया. जिससे शिक्षक सुरेंद्र शर्मा की सांस रूकने से मौत हो गई. उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की मांग की है. पहले तो अस्पताल प्रबधंन गलती से इंकार करता रहा, लेकिन बाद में जब मामला उधा स्तर पर पहुंचा तो वार्ड में लगे सीसीटीवी फुटेज देखे गए जिसमें वार्ड में तैनात एक युवक मरीज को लगा ऑक्सीजन सपोर्ट हटाता दिखाई दिया. दरअसल, शिवपुरी जिला अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीज की इलाज के दौरान एक वार्ड बॉय ने ऑक्सीजन मशीन हटा दी.

मरीज कई घंटों तक तड़पता रहा, कभी वह अपना सिर घुटनों में फंसाता तो कभी पलंग पर सिर पकटता. दर्द के चलते उसकी चीख भी नहीं निकल पा रही थी। वह मुंह को दबाकर ऑक्सीजन लेने की कोशिश करता रहा.करीब 9 घंट तक वह तड़ता रहा, लेकिन कहीं से ना तो कोई नर्स आई और ना ही कोई डॉक्टर आा. किसी तरह बेटे ने अपने लाचार पिता को आईसीयू में ले जाने की कोशिश की, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी. आखिर में बेटे के ही सामने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। बेबस बेटा भी सरकारी सिस्टम की लापरवाही के सामने सिर्फ रोते रहा, लेकिन कुछ कहने की हिमाकत नहीं कर पाया.

मृतक के बेटे दीपक शर्मा ने बताया कि मंगलवार रात 11 बजे तक वह पिता के साथ थे, अगले दिन सुबह अस्पताल से फोन आया. उन्होंने बताया कि 2-3 दिन से पापा की स्थिति अच्छी थी, वे ठीक से खाना खा रहे थे, पानी पी रहे थे. रात में किसी ने ऑक्सीजन हटा दी. वे तड़पते रहे. सुबह मेरे पास फोन आया. मैं दौड़ते हुए पहुंचा तो पिता का ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं था. मैंने डॉक्टर-नर्सों से बोला ऑक्सीजन लगा दीजिये, लेकिन उन्होंने नहीं लगाया.10-15 मिनट में पिता की मृत्यु हो गई.

मामला बिगड़ता देख मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक द्वारा तीन सदस्यी डॉक्टरों की एक जांच टीम का गठन किया गया है. यह टीम 48 घंटे में पूरे मामले की जांच पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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