सियासत हुई गर्म : कांग्रेस का बड़ा ऐलान, कहा-गहलोत-पायलट दोनों लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

नई दिल्ली :  आगामी विधानसभा चुनाव के पहले एक बार फिर सियासत गरमा गयी है. भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस दांव पर दांव खेल रही है इस बीच पार्टी ने एक बड़ा ऐलन किया है, कांग्रेस ने कहा सचिन पायलट और अशोक गहलोत, दोनों ही चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने खुद इस बात की घोषणा की है। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच अनबन की अटकलें सामने आ रही थीं। ऐसे में गहलोत ने खुद आगे आकर साफ किया है कि पायलट और वह दोनों नेता विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।

बता दें कि पायलट राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हैं और उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आगामी चुनाव में वह और पायलट दोनों ही भागीदारी करेंगे। इससे पहले चर्चाएं थीं कि अभी दोनों नेताओं की सीट तय न हो पाने की वजह से ही कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर रही है। गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं।

आपको बता दें कि राजस्थान कांग्रेस में लगातार गुटबाजी की खबरें सामने आ रही हैं। विपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी ने भी कुछ सीटों पर पायलट की चॉइस का विरोध करने की बात कही है। राजस्थान में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव से पहले 200 विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस करीब 3,000 संभावित दावेदारों से जूझ रही है, जो बागी होकर राज्य में गणित बिगाड़ सकते हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान में 7 दिसंबर को मतदान होना है और 11 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। लेकिन अभी तक कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की एक भी सूची जारी नहीं की है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में 33 जिले हैं, जिनमें कुल 200 विधानसभा सीटें हैं। मौजूदा वक्त में यहां बीजेपी सत्ता में है और वसुंधरा राजे सूबे की मुख्यमंत्री हैं। यहां पिछला चुनाव दिसंबर 2013 में हुआ था और मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 20 जनवरी 2019 को खत्म हो रहा है।

मुख्यमंत्री पद की दावेदारी

दरअसल अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही राजस्थान में कांग्रेस के कद्दावर और लोकप्रिय नेता हैं। दोनों ही नेता प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार भी हैं। ऐसे में दोनों दिग्गज नेताओं का विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला काफी अहम हो सकता है। प्रदेश में कांग्रेस भाजपा सरकार के खिलाफ जिस तरह से लोगों के बीच असंतोष है उसे इस बार के चुनाव में पूरी तरह से भुनाने की कोशिश कर रही है। पार्टी प्रदेश में किसी भी तरह की कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

सचिन पायलट का रुख

एक तरफ जहां भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे पार्टी की नेता हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से अभी इस बात का ऐलान नहीं किया गया है कि प्रदेश में पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है। लेकिन जिस तरह से दोनों ही उम्मीदवारों ने जिस तरह से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है उसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों ही नेता मुख्यमंत्री पद की रेस में बराबरी से बने हुए हैं। अशोक गहलोत के इस फैसले के एलान करने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी और अशोक गहलोत के निवेदन के बाद मैंने विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।

अंदरूनी कलह से इनकार

सचिन पायलट ने कहा कि हम सब मिलकर इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बंपर जीत हो। प्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं , जबकि सचिन पायलट की सीट पर अभी फैसला नहीं लिया गया है कि वह कहां से चुनाव लड़ेंगे। गहलोत ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस के भीतर विवाद की खबरें पूरी तरह से गलत हैं और इसे भाजपा फैला रही है, हम सब एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

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