कहीं फिर से घातक सिद्ध न हो जाए, भारत-पाक युद्व विराम समझौता


भारत और पाकिस्तान में संबंध हमेशा से ही सामरिक और राजनीतिक मुददों की वजह से तनाव पूर्ण रहे है। इन दोनों देशों में तल्खी भरे रिश्तो की मूल वजह भारत के विभाजन को देखा जाता है। कश्मीर में धारा 370 हटाने और आतंकी हमलों का जवाब देने से पाकिस्तान हैरान हो गया ,यही वजह है कि पाकिस्तानी सेना के संचार और जनसंपर्क महानिदेशालय डीजीआईएसपी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान ने लाइन ऑफ कंट्रोल की स्थिति पर आपस में बातचीत की है ,जो एकता पूर्ण माहौल में संपन्न हुई ।

दोनों पक्ष के सैन्य अभियान के महानिदेशक इस बात पर राजी हुए हैं कि दोनों एक दूसरे से जुड़े और शांति पूर्वक उन गंभीर मुद्दों पर बातचीत करते रहेंगे।दोनों पक्षों के बीच हुए वार्तालाप को सम्मान दिया जाएगा, 24 और 25 फरवरी 2021 की रात से सीमा पर सभी सेक्टर में गोलीबारी बंद कर दी जाएगी।इसके अलावा दोनों पक्ष आने वाले वक्त में असहमति पर बात करने के लिए और परिस्थिति पर चर्चा करने के लिए दोनों देशों के बीच हॉटलाइन और बॉर्डर फ्लैग मीटिंग का इस्तेमाल किया जाएगा।

-डा. राहुल चतुर्वेदी-

वहीं भारत ने कहा है कि वे पाकिस्तान के साथ पड़ोसी जैसे अच्छे संबंध रखना चाहते हैं। भारत और पाकिस्तान ने 2003 में संघर्ष विराम समझौता किया था ,लेकिन पिछले कुछ वर्षों से शायद ही इस पर अमल हुआ हो ।केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस महीने की शुरुआत में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि पिछले 3 साल में पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन की कुल 1 0752 घटनाएं हुई जिनमें 72 सुरक्षाकर्मियों और 70 आम लोगों की जान गई।

उन्होंने बताया कि 2018 , 2019 और 2020 मैं जम्मू कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा एवं नियंत्रण रेखा सीमा पार गोलीबारी में 364 सुरक्षाकर्मी और 341 आम नागरिक घायल हुए। भारत-पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष विराम की घोषणा अगर वास्तविक रूप से अमल में लाई जाए तो इसका सकारात्मक असर दोनों देशों के राजनीतिक और व्यापारिक रिश्तों पर पड़ेगा, जो कि सुधार की दृष्टि से एक बड़े कदम के रूप में देखा जा सकता है।

अधिकारिक सूत्रों का मानना है कि जम्मू कश्मीर में फोरजी सेवा शुरू होना ,भारत की वजह से बुलाई गई पड़ोसी देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा कोविड़ जैसी स्थितियों से निपटने के लिए किए गए उपायों का पाकिस्तान द्वारा समर्थन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विमान को भारतीय आकाश के उपयोग की इजाजत देना और अब दो कदम आगे बढ़कर संघर्ष विराम पर परस्पर सहमति इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक सामरिक और राजनीतिक रिश्तो में बहुत कुछ विचरण हो रहा है, परंतु अनेक बार समझौते हुए, कई दौर की बैठकों के उपरांत संघर्षविराम भी हो गया,और किसी भी प्रकार का कोई रास्ता नहीं निकला। इसलिए भारत पाक के समझौते पर विश्वास करना उतना ही मुश्किल और जल्दबाजी होगा जिस प्रकार माउंट एवरेस्ट पर किसी पर्वतारोहियों का चढ़ना। अब कहीं फिर से घातक सिद्ध न हो जाए भारत , पाक का युद्ध विराम समझौता। –

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