इंटरनेशनल मर्डर मिस्ट्रीः लव, $ex और धोखा और फिर हुआ प्रेमिका का अंत….

गोपाल त्रिपाठी
गोरखपुर। चर्चित राजेश्वरी श्रीवास्तव हत्याकांड प्रकरण किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। जिसमें लव सेक्स और धोखा और अंत में प्रेमिका की दर्दनाक मौत होती है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी कि आर्यन अस्पताल के मालिक डॉ. डीपी सिंह का राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी से संबंध साल 2006-07 में तब हुआ जब राखी के पिता हरेराम श्रीवास्तव डॉ. डीपी सिंह के अस्पताल में भर्ती थे।
  
राखी के लगातार अस्पताल आने जाने के दौरान डा डीपी सिंह से उनका संबंध बन गया। फिर उन दोनों ने गुपचुप तरीके से फरवरी 2011 में गोंडा में शादी कर ली। डॉ. डीपी सिंह की पहली पत्नी ऊषा आर. सिंह को इस शादी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनकी एक बेटी हुई जिसकी मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। दिल्ली में हुई दिल दहलाने वाली निर्भया कांड के बाद डा. डीपी सिंह पर उनकी पत्नी ऊषा ने रेप और अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
राखी को डॉक्टर ने सरस्वतीपुरम थाना बछिया शाहपुर गोरखपुर में मकान खरीद कर दिया था। सामाजिक रूप से राखी की शादी फरवरी 2018 में मनीष कुमार श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति से हुई बावजूद राखी का डाक्टर से संबंध बरकरार रहा। इस बीच राखी डॉक्टर को ब्लैकमेल करके पैसे ऐठनें लगी। जिससे तंग आकर डॉक्टर ने राखी की हत्या की योजना बनानी शुरू कर थी। 4 जून 2018 को डॉक्टर डीपी सिंह, देशदीपक निषाद और प्रमोद कुमार सिंह के साथ स्कार्पियो से नेपाल गए। नेपाल जाने के दौरान प्रमोद कुमार गाड़ी चला रहे थे जबकि देश दीपक निषाद ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठा था और डॉक्टर पिछली सीट पर।
दोपहर के समय ये लोग नेपाल पहुंचे। प्रमोद कुमार ने भंसार बनवाया था। भंसार बनवाने के लिए प्रमोद का डीएल लगवाया गया था। नेपाल में थोड़ा अंदर जाने पर रास्ते में सड़क पर राखी बैग लेकर खड़ी थी जहां इन लोगों से उसकी मुलाकात हुई। डॉक्टर की बात नेपाल के नंबर से ही राखी से हुई थी। राखी डॉक्टर के बगल में ही उनके साथ गाड़ी में बैठ गई। इसके बाद ये लोग पोखरा के लिए निकले। बुटवल से थोड़ा आगे और पालपा से पहले इन लोगों ने नाश्ता किया। बुटवल से लगभग 100 किमी आगे मुलंग में एक छोटे होटल में सभी रात में रूके। इन लोगों ने होटल में दो रूम बुक किये थे। डॉक्टर और राखी एक कमरे में ठहरे थे। इसके बाद सुबह लगभग 11 बजे ये लोग खाना खाकर पोखरा के लिए निकले। लगभग 4-5 बजे सभी पोखरा पहुंचे और डेविस फाल घूमे।
इसके बाद राखी ने मार्केटिंग की फिर पोखरा में ही सभी ने नाश्ता किया और उसके बाद पहाड़ के ऊपर सारंगकोट स्थान पर सभी होटल मे रूके। इस होटल में इन लोगों ने चाय और शराब भी पी ली। राखी के चाय में डॉक्टर ने एल्प्रैक्स दवा का पाउडर मिला दिया। लगभग रात के 11 बजे राखी की तबियत अचानक खराब होने लगी। फिर ये लोग राखी को लेकर उसी रात पोखरा के लिए निकल गये। गाड़ी में ही राखी बेहोश हो गई। इसके बाद इन लोगों ने राखी को गाड़ी से निकाला और एक पहाड़ से नीचे धक्का दे दिया।
राखी को पहाड़ से धक्का देने के बाद उनके फोन को नाले में फेंक दिया गया। 6 जून 2018 को ये लोग गोरखपुर आ गये। हत्या करने के एवज में डॉक्टर ने प्रमोद कुमार सिंह व देश दीपक निषाद का वेतन प्रतिमाह 5 हजार रूपये बढ़ाने के लिए कहा था। राखी का मोबाइन इन लोगों ने नेपाल में ही नाले में फेंक दिया और सिम कार्ड भी निकाल लिया। सितबंर या अक्टूबर में राखी के सिम को दूसरे मोबाइल में लगाकर गुवाहाटी लेकर जाकर ऑन करके छोड़ दिया। इसके लिए प्रमोद कुमार सिंह और देश दीपक निषाद अवध आसाम ट्रेन से गुवाहाटी गये थे। सिम को गुवाहाटी  में छोड़ने की एवज में इन दोनों को 50 हजार रूपये दिये गये थे।

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