कानपुर : विधायक और पूर्व पार्षद पर बांग्लादेशी नागरिक को शरण देने पर दाखिल हुई चार्जशीट

कानपुर। आगजनी मामले में सपा विधायक को कोर्ट से राहत भी नहीं मिल पाई है कि बांग्लादेशी नागरिक को शरण देने के दस्तावेज सत्यापित करने में विधायक पर शिकंजा कस गया है। शनिवार को विधायक इरफान सोलंकी और पूर्व पार्षद मन्नू रहमान के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जबकि जांच के दौरान विधायक के लेटरपैड की जांच में उनके हस्ताक्षर का मिलान नहीं हुआ है। आर्य नगर के एक आलीशान सोसाइटी में बांग्लादेशी रिजवान मोहम्मद पहचान छिपाकर पत्नी हिना और तीन बच्चों के साथ रहता था। मूलगंज पुलिस ने रिजवान को अरेस्ट करके खुलासा किया था, कि वह अवैध तरीके से छिपकर कानपुर में रहता है। उसने फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारतीय आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज हासिल कर लिए थे।

पुलिस ने रिजवान और उसकी पत्नी हिना व बच्चों को अरेस्ट करके जेल भेज दिया था।मामले की जांच कर रहे विवेचक सूर्यबलि पांडेय ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया था। कि बांग्लादेशी को सपा विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद रहे मन्नू रहमान ने शरण दी थी। दोनों का लेटरपैड पर लिखा हुआ पत्र भी बरामद हुआ था। जिसमें लिखा था कि बांग्लादेशी रिजवान मोहम्मद भारतीय है। इसी आधार पर उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज तैयार करा लिए थे।इसी साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने इरफान सोलंकी और मन्नू रहमान को भी आरोपी बनाया था। पुलिस पत्र के हस्ताक्षर की फोरेंसिक लैब के हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई तो विधायक के हस्ताक्षर से मेल नहीं खाया।

इसके बाद भी पुलिस ने विधायक को आरोपी बनाया है। पुलिस का कहना है कि अन्य आरोपियों से पूछताछ और उनके बयान के आधार पर विधायक को दोषी बनाया गया है।बांग्लादेशी रिजवान मोहम्मद ने 1998 में कानपुर के मैदा बाजार निवासी हिना से दिल्ली में निकाह किया था। इसके बाद वह चोरी छिपे कोलकाता होते हुए सड़क मार्ग से पत्नी समेत बांग्लादेश लौट गया। हिना ने वहां तीन बच्चों को जन्म दिया। वर्ष 2016 में रिजवान अपनी पत्नी व बच्चों के साथ अवैध रूप से दोबारा बंगाल के रास्ते ही भारत में घुसा और तब से यहीं रह रहा था।

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