कानपुर : विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने आईजीएमएस 2.0 लोक शिकायत पोर्टल का किया शुभारंभ

कानपुर। आईआईटी में इंटेलिजेंट ग्रीवेंस मॉनिटरिंग सिस्टम (IGMS) 2.0 लोक शिकायत पोर्टल का शुभारंभ किया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस पोर्टल का शुभारंभ किया। यह अपनी क्षमताओं के संदर्भ में एआई /एमएल का उपयोग करते हुए केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल का एक प्रमुख अपग्रेड है। आईजीएमएस 2.0 डैशबोर्ड को आईआईटी की टीम द्वारा विकसित किया गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार सीपीजीआरएएमएस में डीएआरपीजी द्वारा किए गए सुधारों के कारण केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा सार्वजनिक शिकायतों का औसत निपटान समय कम हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के लिए औसत निपटान समय में लगभग 50% की गिरावट आई है, जो 2021 में 32 दिन से घटकर 2023 में 18 दिन हो गया है।आईआईटी कानपुर के गणित और सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर और डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर शलभ ने कहा कि “आईआईटी और डीएआरपीजी के बीच 14 दिसंबर 2021 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद सीपीजीआरएएमएस को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/ मशीन लर्निंग (एआई/ एमएल) क्षमताओं के साथ अपग्रेड करने का काम शुरू हुआ था।

आईआईटी के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर एस गणेश ने कहा कि “आईआईटी हमेशा समाज के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के अपने मिशन में काम करता है। अधिक संवेदनशील और नागरिक केंद्रित प्रशासन प्राप्त करने की दिशा में सरकार के एक अभिनव कदम में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है।

आईआईटी के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर निशीथ श्रीवास्तव ने कहा कि प्रशासन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग के लिए एक विशेष रूप से उपयोगी क्षेत्र है क्योंकि दोनों सूचना और शक्ति के केंद्रीकरण को तर्कसंगत बनाते हैं। आईआईटी कानपुर का चल रहा शोध ऐसे इंटेलिजेंस सिस्टम विकसित करने पर जोर देना जारी रखेगा जो इस बात के प्रति संवेदनशील हों कि कृत्रिम रूप से इंटेलिजेंस एंटीटीज मनुष्यों के साथ कैसे बातचीत करती हैं।

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