लखीमपुर : डीएम के प्रयास से आमजन की सोंच में बदलाव, विद्यालय भवनों का हुआ कायाकल्प

लखीमपुर खीरी । बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों की दशा व दिशा बदली तो लोगों की सोच भी बदल गई है। खीरी जनपद के संचालित परिषदीय विद्यालयों में हुए नौनिहालों के नामांकन में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। लोगों का भरोसा सरकारी स्कूल की व्यवस्थाओं पर बढ़ा है। 

आम से खास बना परिषदीय विद्यालय राजापुर, वर्णमाला जाप से हो रहा गूंजित

स्कूल भवन के आकर्षण कक्ष, यूनिफार्म में पढ़ते विद्यार्थियों में शिष्टाचार, साफ सफाई के साथ विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई। ऐसी नजारा परिषदीय विद्यालय राजापुर का है। प्रधानाध्यापिका ऋतु अवस्थी व उनकी टीम ने विद्यालय की सूरत ही बदल दी। शिक्षकों की लगन से इस विद्यालय में सुविधाएं किसी निजी विद्यालय से कम नहीं हैं। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अभिनव पहल “best school of the week” के तहत इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब अपने नाम दर्ज किया।

प्राथमिक विद्यालय में बने रामानुजन कक्ष की दीवारों पर कुछ बच्चे अबेकस पर नंबरों का अभ्यास करते मिलेंगे, बच्चों का एक समूह पेपरमेशी से आकर्षक वस्तुएं बना रहा होगा, कुछ बच्चे योग मुद्रा का अभ्यास करते दिखेंगे, वही कुछ भाषा के खंड में तय कर रहे होंगे कि अंग्रेजी,संस्कृत और हिंदी में किस भाषा के शब्द उन्हें अधिक आकर्षित करते हैं। यह सब सम्भव हुआ है ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत कराए गए रचनात्मक बाला पेंटिंग्स के कारण। 

इंग्लिश मीडियम में संचालित प्राइमरी स्कूल राजापुर में एक कक्षा अभिनय की चल रही है तो एक कक्षा नृत्य व संगीत की क्योंकि बच्चे विद्यालय के वार्षिकोत्सव की तैयारी में मशगूल हैं। एक छोटे से परिसर में विशाल छात्रों की संख्या के समूह को समेटे, विद्यालय निरंतर प्रयत्नशील है कि बच्चों में छिपी हर प्रकार की योग्यता को अवसर उपलब्ध करा सके और उनका सर्वांगीण विकास कर सके , संभवत विद्यालय में लगातार बढ़ती छात्रों की संख्या इसी का परिणाम है, वर्तमान समय में विद्यालय में 381 छात्र छात्राएं नामांकित हैं।

अभिभावकों को लुभाती विद्यालय की खूबियां

प्राइमरी स्कूल राजापुर में ऑपरेशन कायाकल्प के सभी 19 पैरामीटर पूरे है। विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम शिक्षण की सुविधा संचालित होने के साथ-साथ ऑपरेशन कायाकल्प से बाला पेंटिंग्स में थीम आधारित परिवेश (गणित के लिए रामानुजन कक्ष, भाषा एवं सामान्य ज्ञान के लिए अलग-अलग कक्षों पर रोचक, ज्ञानवर्धक पेंटिंग्स) जिनको बच्चे न केवल देख सकते हैं अपितु अभ्यास भी कर सकते हैं।

बच्चों के व्यक्तित्व के सभी पहलुओं पर कार्य करते हुए बच्चों को शिक्षण के साथ-साथ विभिन्न रचनात्मक कार्य, अभिव्यक्ति कला सिखाने के लिए अभिनय, नृत्य, संगीत की नियमित कक्षाएं क्रियान्वित है। शासन के निपुण कार्यक्रम के साथ साथ प्रत्येक माह मासिक टेस्ट, उनके परिणामों को अभिभावकों के साथ नियमित रूप से साझा किया जा रहा है। *विद्यालय का गत वर्षो का नामांकन एक नजर….* प्रधानाध्यापक ऋतु अवस्थी ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय राजापुर में सत्र 2018-19 में 221, सत्र 2019-20 में 224, सत्र 2020-21 में 264, सत्र 2021-22 में 366, सत्र 2022-23 में 381 है।

बताते चले कि खीरी जिले में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने परिषदीय विद्यालयों में गुणात्मक विकास के लिए सदैव संजीदगी दिखाई। आपरेशन कायाकल्प के सफल क्रियान्वयन के बाद उन्होंने शैक्षिक स्तर सुधारने पर जोर दिया। आपरेशन कायाकल्प को सफलता पूर्वक अमलीजामा पहनाने के कारण परिषदीय विद्यालयों को आकर्षक रूप मिला। इससे प्रभावित होकर अभिभावकों ने अपने बच्चों को बेहतर सुविधाओं से लैस परिषदीय विद्यालयों में भेजना मुनासिब समझा। परिषदीय विद्यालयों को निखारने सजाने संवारने के लिए डीएम नित नए प्रयास कर रहे हैं।

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