दक्षिण 24 परगना । कोविड-19 महामारी से उपजे संकट के बीच एक स्वास्थ्य कर्मी के साथ अमानवीय घटना प्रकाश में आयी है। घटना दक्षिण 24 परगना जिले के नरेंद्रपुर थाना इलाके की है। यहां स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक कर्मचारी को कोरोना फैलने के डर से मकान मालिक ने उसे घर से निकाल दिया है।
वह अपनी पत्नी के साथ आंधी तूफान में भी फुटपाथ पर रहने को मजबूर है। पीड़ित का नाम संजय सील है। वह पेशे से ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूटर हैं। स्वास्थ विभाग के निर्देश पर विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई करते हैं। हर महीने 7000 रुपये का वेतन मिलता है। पत्नी अपर्णा सील भी स्वास्थ्य विभाग के ही दफ्तरों में छोटे-छोटे काम करती है। दंपत्ति का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिए गए दिशा-निर्देश के मुताबिक ही वह सारा काम कर रहे थे। करीब चार साल से नरेंद्रपुर में शैलेन दास के घर में किराएदार के तौर पर रहते थे। डेढ़ हजार रुपये भाड़ा भी देते थे।
दंपत्ति की कोई संतान नहीं है। सारा दिन मेहनत कर परिवार में शांति रहती थी लेकिन जबसे कोरोना का संकट शुरू हुआ और स्वास्थ्य विभाग के कार्य में पति-पत्नी जुटे थे, तो करीब 20 दिन पहले ही मकान मालिक ने उन्हें घर से निकाल दिया। अब खुले आसमान के नीचे आंधी तूफान में भी थोड़ा बहुत खा पीकर फुटपाथ पर दिन गुजार रहे हैं।
दंपत्ति का आरोप है कि कई बार नरेंद्रपुर थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई लेकिन उन्हें किसी तरह से सहायता नहीं मिली। गुरुवार देर शाम दोनों एक बार फिर थाने में गए थे लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी। एसपी रसीद मुनीर खान ने आश्वस्त किया था कि वह मदद करेंगे लेकिन नरेंद्रपुर थाने ने कोई मदद नहीं की है।