मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को विकास और विरासत से जोड़ने का आह्वान करते हुए वर्ष 2047 तक आत्मनिर्भर तथा विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। पर, स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायतों तथा आम नागरिकों के लिए भी विचारणीय आत्मावलोकन का अवसर है कि विकसित भारत के निर्माण में उनकी क्या भूमिका होनी चाहिए। आवश्यकता है कि नगर पंचायत और स्थानीय निकाय विकास के उन आयामों से जुड़ें जो नागरिक सुविधाओं का विस्तार करने के साथ ही रोजगार सृजन भी करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को जनपद के चौक बाजार में 940 करोड़ रुपये की 505 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास तथा नगर पंचायत चौक बाजार के नवनिर्मित कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास विभाग, एमएसएमई, कृषि विभाग, उद्यान विभाग की लाभार्थीपरक योजनाओं समेत मुख्यमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना, दिव्यंगजन सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक, चाबी, प्रमाण पत्र व उपहार देकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत युवाओं को टैबलेट वितरित किए।
इस अवसर पर योगी ने राजस्व विभाग, युवा कल्याण विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, होमगार्ड तथा समाज कल्याण विभाग में नियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। मुख्यमंत्री ने इन सभी लोगों को दीपावली का उपहार भी प्रदान किया। लोकार्पण और शिलान्यास की परियोजनाओं में सड़क, शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा स्वास्थ्य, निराश्रित गोवंश, स्ट्रीट वेंडर के लिए वेंडिंग जोन, पेयजल, पर्यटन विकास, पुलिस, अग्निशमन आदि से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रही है। कहीं पर बड़े-बड़े हाईवे बन रहे हैं। एयरपोर्ट बन रहे हैं। मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, स्कूल कॉलेज बन रहे हैं। तो इसके साथ ही उद्योग और रोजगार को लेकर भी अनेक कार्य आगे बढ़ाए जा रहे हैं। सरकार के इस काम में साथ देने के लिए स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायत और नागरिकों को भी अपनी भूमिका पर विचार करना होगा।
मुख्यमंत्री ने ग्राम सचिवालय की तर्ज पर नगर पंचायत के सचिवालय का स्वरूप तय करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ग्राम सचिवालय नागरिकों की सुविधा के साथ रोजगार सृजन के केंद्र बने हैं, वैसे ही नगर पंचायत के सचिवालय को भी विकसित किया जा सकता है।
उन्होंने ने कहा कि आज ग्राम पंचायतें पांच प्रकार से रोजगार देने के केंद्र भी बन रही हैं। पहला ग्राम सचिवालय से आय, जन्म, मृत्यु, निवास जैसे अनेक प्रमाण पत्र बनाए जाने से वहां सहायक के रूप में कंप्यूटर ऑपरेटर की तैनाती की गई है। इससे लोगों को प्रमाण पत्रों के लिए तहसील या मुख्यालयों पर नहीं जाना पड़ रहा है और साथ ही एक युवा को नौकरी भी मिल गई है। ग्राम पंचायत में दूसरी जॉब सार्वजनिक शौचालय के निर्माण से मिल रही है। इसके संचालन के लिए ग्राम पंचायत द्वारा एक महिला को नौकरी दी जाती है जिसका वेतन यूजर चार्ज से दिया जाता है। गांव में तीसरी नौकरी बीसी सखी के रूप में मिल रही है। बीसी सखी ग्रामीणों को बैंकिंग लेनदेन की सुविधा उपलब्ध कराती हैं और इसके लिए उसे मानदेय तथा इंसेंटिव मिलता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 42 हजार बीसी सखी कार्यरत हैं। ग्राम पंचायत में चौथा जॉब कन्वेंशन सेंटर से मिलेगा। गांव में कन्वेंशन सेंटर होने से लोगों को शादी विवाह आदि के आयोजनों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इसके रखरखाव के लिए रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत में पांचवा जॉब कोटे की दुकान पर मिलेगा। कोटे की दुकान पर अब राशन के साथ ही सामान्य उपभोक्ता के लिए उपयोगी सामानों की भी बिक्री की जा सकेगी। इसके लिए सरकार गोदाम बनवाएगी, जहां गांव के ही एक व्यक्ति को नौकरी मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से सरकार की योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने का काम तो होगा ही, आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना में पंचायतों की आत्मनिर्भरता का विजन भी सरकार हो पाएगा।