ममता की रैली को भाजपा ने बताया ‘अवसरवादिता’, शत्रुघ्न पर कार्रवाई के संकेत

नयी दिल्ली ,. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली को ‘राजनीतिक अवसरवादिता’ बताया और मंच पर पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की मौजूदगी का संज्ञान लेते हुये उन पर कार्रवाई के संकेत दिये। कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में आयोजित यह रैली एक प्रकार से राष्ट्रीय राजनीति में गैर-राजग दलों का शक्ति प्रदर्शन थी।

रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, सपा प्रमख अखिलेश यादव, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी, जनता दल (एस) के नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और कुमारस्वामी, तेलुगुदेशम् पार्टी प्रमुख एन चंद्र बाबू नायडू, भाजपा के पूर्व सांसद अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा तथा राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी, द्रमुक नेता एमके स्टालिन तथा लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव मौजूद थे।

भाजपा ने इस रैली को सिद्धान्तविहीन लोगों को एकजुट करने की कोशिश बताते हुए रूडी ने कहा, ‘ये वो लोग हैं जो सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ अपने स्वार्थों वजह से इकट्ठा हुए हैं। केंद्र की मोदी सरकार को हटाने के लिए इनका जमघट लगा है, लेकिन इन्हें समझ लेना चाहिए कि जनता समझदार है और इनके झांसे में नहीं आने वाली है।’

शत्रुघ्न सिन्हा के रैली में शामिल होने को लेकर रूडी ने कहा, ‘शत्रुघ्न सिन्हा पर पार्टी अपना संज्ञान ले चुकी है। कुछ लोगों की महत्वाकांक्षा बहुत बढ़ गई है। मैं ऐसे लोगों के बारे में कुछ नहीं कह सकता। यह जरूर कहना चाहता हूं कि यह पार्टी और जनता के विश्वास के साथ धोखा देने का काम है।’

कोलकाता में ममता की रैली को संबोधित करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘इससे ज्यादा जानदार, शानदार और दमदार रैली मैंने कभी नहीं देखा। मेरी जवाबदेही पहले जनता के लिए बनती है, इसलिए जो देश के हित में होता है जो जनता के हित में होता है वही मैं बोलता हूं। मुझसे लोग सवाल करते हैं कि जब आप बीजेपी में हैं तो बीजेपी के खिलाफ क्यों बोलते हैं? क्या आप बागी हैं? तो मैं कहता हूं कि अगर सच कहना बगावत है तो हां मैं बागी हूं।’

इस इस रैली में अखिलेश यादव-सपा, सतीश मिश्रा- बीएसपी, चंद्रबाबू नायडू-टीडीपीएमके, स्टालिन-डीएमके,एचडी कुमारस्वामी और एचडी देवगौड़ा-जेडीएस, खड़गे और सिंघवी-कांग्रेस, अरविंद केजरीवाल-आप, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला-नेशनल कांफ्रेस, तेजस्वी यादव-आरजेडी,शरद पवार-एनसीपी,अजित सिंह और जयंत चौधरी-आरएलडी, हेमंत सोरेन, हार्दिक पटेल,जिग्नेश मेवाणी, लालधुवहावमा-नेता विपक्ष मिजोरम,यशवंत सिन्हा, शरद यादव, शत्रुघ्न सिन्हा,गेगांग अपांग-पूर्व मुख्यंत्री अरूणाचल प्रदेश,अरुण शौरी इसमें शामिल हुए हैं।

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