Mitron App: जिसे आप समझ रहे हैं मेड इन इंडिया, वह मेड इन पाकिस्तान है, असली नाम था…असली नाम था टिकटिक !

आपका ये नागरिक कर्तव्य है की जैसे ही आप इस खबर को पढ़ें, तुरंत ही अपने सभी मित्रों और रिश्तेदारों को ये जानकारी दे दें दरअसल इन दिनों चीनी ऐप टिक टोक के बहिष्कार की मुहीम चल रही है और इसी बीच पाकिस्तानियों ने चालाकी से भारतियों को मुर्ख बनाने के लिए साथ ही भारतियों का डाटा ISI तक पहुंचाने के लिए एक नयी चाल चली है

ISI ने MITRON नाम का ऐप गूगल प्ले स्टोर पर डाला, पाकिस्तानीयों ने भारतीय गद्दारों के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर ये प्रचार किया की MITRON एक इंडियन ऐप है और चीनी टिक टोक की जगह आप इसे इस्तेमाल कर सकते है प्रचार किया गया की इस ऐप को भारत के IIT के छात्रों ने बनाया है और, छात्र का नाम बताया गया शिवांक अग्रवाल और बताया गया की ये IIT रुड़की का छात्र है  प्रचार किया गया की चीनी ऐप टिक टोक को हटाकर आप MITRON डाउनलोड करें, इस प्रचार के बाद 1 ही महीने में MITRON ऐप को भारत में 50 लाख से भी ज्यादा लोगो ने डाउनलोड कर लिया है और आग की तरह इस ऐप को भारतीय बताकर प्रचारित भी किया जा रहा है

ये ऐप भारतीय नहीं बल्कि पाकिस्तानी है और इसका पुराना नाम टिकटिक था (TICTIC), ये पाकिस्तानी ऐप है और इसे ISI संचालित कर रही है इस ऐप को असल में पाकिस्तान के इरफ़ान शेख नाम के सॉफ्टवेयर डेवलपर ने बनाया है और मूल रूप से इस ऐप को टिक टिक के नाम से लांच भी किया गया था, इसे पाकिस्तान की Qboxus नाम की कंपनी चला रही थी पर अब इसे MITRON के नाम से परिवर्तित कर दिया गया है ये एक फ्लॉप ऐप था, और चीनी ऐप टिक टोक के नक़ल के तौर पर पाकिस्तानियों ने बनाया था, इस ऐप में काफी समस्या थी इसी कारण ये फ्लॉप हो गया, पर चालाकी से अब पाकिस्तानियों ने इसका नाम MITRON रख दिया और लाखों भारतियों का डाटा 1 ही महीने में चुरा लिया. 

VIDEO source by AMARUJALA 

भारतीयों ने चीनी ऐप टिक टोक को हटाने की मुहीम चलाई तो ISI ने बड़ी चालाकी से अपनी एक फ्लॉप ऐप टिक टिक का नाम बदलकर MITRON कर दिया, बड़े पैमाने पर इसे भारत में इंडियन ऐप के रूप में प्रचारित किया गया है और लाखों भारतियों का डाटा अबतक चुराया जा चूका है 

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