नयी दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चियों के एक आश्रय स्थल में बलात्कार की घटनाओं की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। मालिवाल का पत्र इस प्रकार है“ नीतीश कुमार जी, आज फिर मैं रात में ठीक तरह से सो नही पायी। मुजफ्फरपुर के बालिका गृह की बेटियों की चीखें मुझे पिछले कई दिनों से सोने नही देती। उनके दर्द के सामने पूरे देश का सर शर्म से झुक गया है। मैं चाह कर भी उस दर्द को अपने आप से अलग नही कर पा रही हूँ और इसलिए आपको यह पत्र लिख रही हूँ। मैं जानती हूँ कि बिहार मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं आता, पर देश की एक महिला होने के नाते मैं ये पत्र लिख रही हूँ। आशा है आप मेरा यह पत्र ज़रूर पढेंगे। मुज़फ़्फ़रपुर की कहानी शायद इस दुनिया की सबसे भयावह कहानियों में से एक हैं। यहां कम से कम 34 लड़कियों के साथ बार बार रेप किया गया और कुछ का मर्डर कर के बालिका गृह में ही दफना दिया गया। लड़कियां सिर्फ सात से 14 साल की थीं और अधिकतर अनाथ थीं। ”
उन्होंने पत्र में लिखा हैं “किस तरह ‘स्वयं सेवी संगठन का मालिक ब्रजेश ठाकुर नाम का हैवान एवं कई अफसर और नेता रोज़ रात में उनके साथ दुष्कर्म करते थे। ब्रजेश ठाकुर को वो ‘हंटरवाला अंकल’ कहती थी जो हर रात लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाता था। छोटी सी 10 साल की मासूम ने बताया है कि कैसे उसे ड्रग्स देकर रोज़ रात ब्रजेश ठाकुर उसके साथ रेप करता था।
Muzaffarpur shelter home case: Delhi Commission for Women (DCW) chief Swati Jaihind writes letter to Bihar Chief Minister Nitish Kumar asking what steps are being taken by the Bihar government in interest of the girls of the shelter home pic.twitter.com/bjI7YGjeve
— ANI (@ANI) August 4, 2018
लड़कियां रात होते ही कांपने लग जाती थी क्योंकि उन्हें पता था कि उनके साथ रात में अत्याचार होगा। इस बालिका गृह की ये भयावह स्थिति अप्रैल 2018 में एक टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल स्टडीज की रिपोर्ट में उजागर हुई। मुझे बहुत दुख है कि आपकी सरकार ने तीन महीने तक इस रिपोर्ट पर कोई एक्शन नही लिया बल्कि ब्रजेश ठाकुर नाम के संगठन को और प्रोजेक्ट दे दिए। जब मीडिया द्वारा ये पूरी घटना सामने आई, तब भी आप कोई कड़ा निर्णय लेते हुए नही नज़र आये अौ आपने मामला केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंप कर अपना पिंड छुड़ाया। आपकी सरकार के एक भी मंत्री या सन्तरी पे अब तक कोई एक्शन नही हुआ है।”
पत्र में उन्होंने लिखा है “सर, आपकी कोई बेटी नहीं है पर मैं आपसे पूछना चाहती हूँ कि अगर उन 34 लड़कियों में से एक भी आपकी बेटी होती, तो भी आप किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेते? आपके इस एक कर्म से आपने इस देश की करोड़ों महिलाओं और बच्चियों में अपनी इज़्ज़त खोई है। मैं बार बार यह सोच कर परेशान हो रही हूँ कि उन लड़कियों का अब क्या हाल है। जिस सरकार द्वारा उन्हें न्याय नही मिला, क्या वह सरकार उनका अब ख्याल रखने में सक्षम है? क्या वो लड़कियां अभी भी किसी बालिका गृह में घुट रही हैं या कम से कम अब उनके बेहतर भविष्य के लिए कोई कार्य हो रहा है?
क्या उनको एक अच्छे स्कूल भेजा जाना शुरू हो गया है? क्या उनके खाने पीने, खेलने कूदने के बेहतर प्रबन्धन हुए हैं? क्या उन्हें मनोचिकित्सक की मदद दी जा रही है? क्या उनका स्वास्थ्य अब बेहतर है? क्या उनके आस पास का वातावरण अब सुरक्षित और खुशहाल है? क्या उनको अपने बयान बदलने के लिए कोई दबाव तो नही बना रहा? ये सवाल मेरे ज़ेहन में बार बार घूम रहे हैं। मैं आपसे गुज़ारिश करना चाहूंगी कि आप यह बताएं कि बिहार सरकार इन लड़कियों के हित में क्या कदम उठा रही है? मै आपके जवाब का इंतजार करूंगी।