दीपावली में दिपक को किस तरफ रखकर जलाना चाहिए, जानिए आगे

22 अक्टूबर से दीपोत्सव शुरू हो रहा है। 24 अक्टूबर को दीपावली है, इस दिन लक्ष्मी पूजा की जाएगी। इस बार पंचांग भेद की वजह से 22 और 23 अक्टूबर को धनतेरस रहेगी। 23 को ही रूप चौदस भी है। दीपावली के बाद 25 को आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। 26 को गोवर्धन पूजा, 27 को भाई दूज है। इन दिनों में घर के अंदर और बाहर मिट्टी के दीपक खासतौर पर जलाए जाते हैं।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक इन दिनों में मिट्टी के दीपक जलाने से घर का वातावरण सकारात्मक रहता है, उत्सव मनाने का उत्साह बढ़ता है, दीपों से घर में उत्सव का वातावरण बन जाता है। मिट्टी के दीपक पंचतत्वों के प्रतीक होते हैं। दीपक बनाने में पृथ्वी, आकाश, वायु, जल और अग्नि, इन पांचों तत्वों का इस्तेमाल होता है। इन पंच तत्वों से ही हमारा शरीर और पूरी प्रकृति बनी है। जलते हुए दीपक हमें संदेश देते हैं कि इन पांच तत्वों से ही अंधकार दूर होता है, हमें इन पंच तत्वों का अनादर नहीं करना चाहिए।

अब जानिए दीपों से जुड़ी खास बातें

दीपावली पर पूजा करते समय देवी लक्ष्मी के सामने घी और तेल के दीपक जलाए जाते हैं। ध्यान रखें घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर जलाना चाहिए। तेल का दीपक अपने दाएं हाथ की ओर रखना चाहिए।

ध्यान रखें कि पूजा के बीच में दीपक बुझना नहीं चाहिए। दीपक हमेशा भगवान की प्रतिमा के ठीक सामने रखना चाहिए।

अगर घर में नियमित रूप से दीपक जलाया जाता है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। वास्तु दोष खत्म होते हैं।

दीपक के धुएं से वातावरण में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं। दीपक अंधकार खत्म करता है और प्रकाश फैलाता है।

मान्यता है देवी-देवताओं को दीपक की रोशनी बहुत पसंद होती है, इसीलिए पूजा-पाठ में दीपक अनिवार्य रूप से जलाया जाता है।

रोज शाम को मुख्य द्वार के आसपास दीपक लगाना चाहिए। ये दीपक घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है।

घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती उपयोग किया जाना चाहिए। जबकि तेल के दीपक के लिए लाल धागे की बत्ती श्रेष्ठ बताई गई है।

कभी भी पूजन में खंडित यानी टूटे-फूटे दीपक न जलाएं। धार्मिक कार्यों में खंडित सामग्री शुभ नहीं मानी जाती है।

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