ग्वालियर । दुनिया को कोरोना जैसी घातक महामारी देने वाला चीन अब पीपीई किट जैसी अतिआवश्यक सामग्री में भी बेईमानी कर रहा है। कोरोना से लड़ने में सबसे ज्यादा आवश्यकता पीपीई किट की है, क्योंकि इसकी सुरक्षा के बगैर मरीज का उपचार करने में चिकित्सक एवं अन्य लोगों में भी इसका संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। चूंकि चीन पीपीई किट का बड़ा निर्यातक है, इसलिए भारत को मजबूरी में चीन से यह अतिआवश्यक सामग्री मंगानी पड़ी है, लेकिन चीन से आए पीपीई किट गुणवत्ताहीन निकली है। इसका खुलासा रक्षा मंत्रालय की ग्वालियर स्थित लैब की जांच में हुआ है।
बताया जा रहा है कि भारत में पिछले दिनों चीन से एक लाख 70 हजार पीपीई किट आई थी। रक्षा मंत्रालय की ग्वालियर स्थित लैब रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डीआरडीओ) के जन संपर्क अधिकारी परितोष मालवीय के अनुसार, पिछले सप्ताह पीपीई किट के सेम्पल हमारे यहाँ जांच के लिए आये थे, जो क्वालिटी में खरे नहीं उतरे हैं। यह किट भारत सरकार के निर्धारित मापदंडों के अनुरूप नहीं है। इसकी रिपोर्ट बनाकर यहाँ से वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेज दी गई। अब इस लॉट में कितनी किट थी, इसकी जानकारी हमें नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन द्वारा भारत भेजे गए एक लॉट के सेम्पल करीब 50 हजार किट फेल हो गए। वे भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप नहीं निकले। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन से भारत में 5 अप्रैल तक 1,70,000 पीपीई किट आई थी और ये किट भारत सरकार को चीन की कंपनियों ने दान किए थे जिसमें से करीब 50,000 किट घटिया हैं।