चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों से मिले प्रधानमंत्री मोदी, कहा- आपकी जितनी सराहना करूं, उतनी कम है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ISRO के कमांड सेंटर में चंद्रयान-3 टीम के वैज्ञानिकों से मिले। यहां उन्होंने 3 घोषणाएं कीं। पहली- 23 अगस्त को हर साल भारत नेशनल स्पेस डे मनाएगा। दूसरा- चांद पर लैंडर जिस जगह उतरा, वह जगह शिव-शक्ति पॉइंट कहलाएगी। तीसरी- चांद पर जिस जगह चंद्रयान-2 के पद चिन्ह हैं, उस पॉइंट का नाम ‘तिरंगा’ होगा। मोदी ने 45 मिनट के भाषण में कहा, ‘मैं साउथ अफ्रीका में था, फिर ग्रीस के कार्यक्रम में चला गया, लेकिन मेरा मन पूरी तरह आपके साथ ही लगा हुआ था। मेरा मन कर रहा था आपको नमन करूं। लेकिन मैं भारत में… (रुंधे गले से) भारत में आते ही… जल्द से जल्द आपके दर्शन करना चाहता था।’

मोदी बोले, ‘मैं आपको सैल्यूट करना चाहता था। सैल्यूट आपके परिश्रम को… सैल्यूट आपके धैर्य को.. सैल्यूट आपकी लगन को… सैल्यूट आपकी जीवटता को… सैल्यूट आपके जज्बे को….

बाद में शनिवार दोपहर पीएम मोदी बेंगलुरु से दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने पालम एयरपोर्ट पर एक जनसभा को संबोधित किया।

PM सुबह 7.30 बजे कमांड सेंटर पहुंचे, इसरो चीफ की पीठ थपथपाई

प्रधानमंत्री सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर बेंगलुरु के ISRO के कमांड सेंटर पहुंचे। यहां वे चंद्रयान-3 की टीम के वैज्ञानिकों से मिले। इसरो कमांड सेंटर पर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने PM मोदी को गुलदस्ता देकर स्वागत किया। PM ने सोमनाथ को गले लगाया और पीठ थपथपाई। उन्हें चंद्रयान 3 मिशन के सफल होने पर बधाई दी। इस दौरान उन्होंने टीम के सभी वैज्ञानिकों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।

मोदी की स्पीच 8 बड़ी बातें, वैज्ञानिकों से कहा- आपकी जितनी सराहना करूं, उतनी कम है

चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर: आप देश को जिस ऊंचाई पर लेकर गए, ये कोई साधारण सफलता नहीं। अनंत अंतरिक्ष में भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य का शंखनाद है। इंडिया इज ऑन द मून, वी हैव अवर नेशनल प्राइड प्लेस्ड ऑन मून। हम वहां पहुंचे जहां कोई नहीं पहुंचा था। हमने वो किया जो पहले कभी किसी ने नहीं किया था। ये आज का भारत है निर्भीक भारत, जुझारू भारत। ये वो भारत है जो नया सोचता है नए तरीके से सोचता है। जो डॉर्क जोन में जाकर भी दुनिया में रोशनी की किरण फैला देता है।

वैज्ञानिकों की सराहना में: मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त का वो दिन, वो एक-एक सेकेंड बार-बार घूम रहा, जब टचडाउन कन्फर्म हुआ। जिस तरह देश में लोग उछल पड़े वो दृश्य कौन भूल सकता है। वो पल अमर हो गया। वो पल इस सदी के प्रेरणादायक पलों में एक है। हर भारतीय को लग रहा था कि विजय उसकी अपनी है। ये सब मुमकिन बनाया है आप सब ने। देश के मेरे वैज्ञानिकों ने ये मुमकिन बनाया है। मैं आप सबका जितना गुणगान करूं वो कम है। मैं आपकी जितनी सराहना करूं वो कम है।

विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर: साथियों मैंने वो फोटो देखी, जिसमें हमारे मून लैंडर ने अंगद की तरह चंद्रमा पर मजबूती से अपना पैर जमाया। एक तरफ विक्रम का विश्वास है, तो दूसरी तरफ प्रज्ञान का पराक्रम है। हमारा प्रज्ञान चंद्रमा पर अपने पदचिह्न छोड़ रहा है। मानव सभ्यता में पहली बार धरती के लाखों साल के इतिहास में उस स्थान की तस्वीर मानव अपनी आंखों से देख रहा है। ये तस्वीर दुनिया को दिखाने का काम भारत ने किया है। भारत की साइंटिफिक स्पिरिट पर: आज पूरी दुनिया भारत की साइंटिफिक स्पिरिट का, हमारी टेक्नोलॉजी का, हमारे साइंटिफिक टेंपरामेंट का लोहा मान चुकी है। हमारा मिशन जिस क्षेत्र को एक्सप्लोर करेगा, उससे सभी देशों के लिए मून मिशन के नए रास्ते खुलेंगे। यह चांद के रहस्यों को खोलेगा।

नारी शक्ति पर: हमारे यहां कहा गया है कि निर्माण से प्रलय तक पूरी सृष्टि का आधार नारी शक्ति ही है। आप सब ने देखा है चंद्रयान-3 में देश में हमारी महिला वैज्ञानिकों ने कितनी बड़ी भूमिका निभाई। चंद्रमा का शिव शक्ति पाइंट सदियों तक भारत की इस वैज्ञानिक क्षमता का साक्षी बनेगा। ये शिव शक्ति पाइंट आने वाली पीढ़ियों को प्ररेणा देगा। हमें विज्ञान का उपयोग मानवता के कल्याण के लिए ही करना है। ये हमारा सुप्रीम कमिटमेंट है।
थर्ड रो से पहली रो तक का सफर: आज भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश है जिसने चंद्रमा की सतह को छुआ है। एक समय था जब भारत के पास जरूरी तकनीक नहीं थी। हमारी गिनती थर्ड रो में खड़े देशों में होती थी। वहां से निकलकर भारत आज दुनिया की पांचवी सबसे बड़ इकोनॉमी बना। आज ट्रेड से लेकर टेक्नोलॉजी तक भारत की गिनती पहली रो में खड़े देशों में होती है। थर्ड रो से फर्स्ट रो में आने में इसरो की अहम भूमिका है।

भारत की स्पेस इंडस्ट्री पर: अगले कुछ साल में भारत की स्पेस इंडस्ट्री एक बिलियन डॉलर से 16 बिलियन डॉलर बन जाएगी। हम लगातार रिफॉर्म कर रहे हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा पिछले चार सालों में स्पेस सेंटर के स्टार्टअप की संख्या 4 से बढ़कर 150 हो गई। अनंत आकाश में अनंत संभावनाए हैं। एक सितंबर से my gov चंद्रयान को लेकर कॉम्पिटिशन लॉन्च करने जा रही है। युवाओं को दिए दो टास्क: पहला टास्क- पुरानी खगोलीय गणनाओं को साइंटिफिक तौर पर साबित करें। भारत के पास विज्ञान के ज्ञान का खजाना है। वह गुलामी में छिप गया था उसे अब खंगालना है।

दूसरा टास्क- हमारी युवा पीढ़ी को आज की आधुनिक टेक्नोलॉजी के नए आयाम देने हैं। आसमान से लेकर समंदर तक करने के लिए बहुत कुछ है। डीप अर्थ से लेकर डीप सी तक रिसर्च करें। नई पीढ़ी के कंप्यूटर बनाइए।

बोले- मैंने सोच लिया था, भारत जाकर पहले वैज्ञानिकों को नमन करूंगा

मोदी अपनी दो देशों की यात्रा पूरी करने के बाद ग्रीस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे थे। सुबह 6 बजे एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने लोगों को 10 मिनट तक संबोधित किया। उन्होंने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा लगाया। इसमें उन्होंने जय अनुसंधान का नारा भी जोड़ा।

उन्होंने कहा, ‘सूर्योदय की बेला हो और बेंगलुरु का नजारा हो… देश के वैज्ञानिक देश को जब इतनी बड़ी सौगात देते हैं, इतनी बड़ी सिद्धि प्राप्त करते हैं, जो दृश्य मुझे बेंगलुरु में दिखाई दे रहा है, वो मुझे ग्रीस और साउथ अफ्रीका में भी देखने को मिला। आप सुबह-सुबह इतना जल्दी आए, मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। मैं दूर विदेश में था। तो मैंने सोच लिया था कि पहले भारत जाऊंगा तो पहले बेंगलुरु जाऊंगा। सबसे पहले उन वैज्ञानिकों से मिलूंगा और उन्हें नमन करूंगा।’

मोदी का रोड शो, लोग सुबह से इंतजार कर रहे थे

मोदी एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों से भी मिले। करीब 5 मिनट लोगों का अभिवादन करते रहे। यहां से उनका काफिला इसरो के कमांड सेंटर के लिए निकला। एयरपोर्ट से सेंटर की दूरी 30 किमी है। इस दौरान उन्होंने रोड शो भी किया। सड़क के दोनों तरफ हजारों की संख्या में लोग खड़े रहे। इस दौरान मोदी कार के दरवाजे के पास खड़े होकर लोगों का अभिवादन करते नजर आए।

वैज्ञानिक सुबह 4 बजे ही इसरो के कमांड सेंटर पहुंचे

बेंगलुरु के ISRO टेलिमीट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स (इस्ट्रैक) के बाहर वैज्ञानिक ​​​​​​सुबह 4:30 बजे से PM मोदी के इंतजार में खड़े रहे। यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था।

पाकिस्तान ने दो दिन बाद भारत को बधाई दी

चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के दो दिन बाद पाकिस्तान ने भारत को बधाई दी है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि है। इसके लिए ISRO के वैज्ञानिक तारीफ के हकदार हैं।

PM ने साउथ अफ्रीका से इसरो चीफ को फोन किया था

चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के समय पीएम मोदी साउथ अफ्रीका में थे। वे जोहान्सबर्ग से इस इवेंट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम जुड़े रहे। उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों और देशवासियों को वहीं से संबोधित किया था। उन्होंने इसरो चीफ एस सोमनाथ से फोन पर बात की थी और कहा था कि जितना जल्दी होगा वे इसरो वैज्ञानिकों से मिलेंगे।

जब आप अपनी आंखों के सामने इतिहास बनते देखते हैं तो गर्व होता है- मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर कहा कि यह नए भारत के जयघोष का क्षण है। जब आप अपनी आंखों के सामने इतिहास बनते देखते हैं तो गर्व होता है। भारत की यह उड़ान चंद्रयान से भी आगे जाएगी। जल्द ही इसरो आदित्य एल-1 मिशन भी लॉन्च करेगा, जिससे सूर्य का विस्तृत अध्ययन किया जा सकेगा। इसके बाद शुक्र और सौरमंडल के सामर्थ्य को परखने के लिए दूसरे अभियान भी शुरू किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब चांद से जुड़े मिथक भी बदल जाएंगे। इसके साथ ही नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। पहले कहा जाता था कि चंदा मामा दूर के लेकिन अब लोग कहेंगे चंदा मामा बस एक टूर के।

चंद्रयान-2 के दौरान भी बेंगलुरु पहुंचे थे मोदी

मोदी चंद्रयान-2 मिशन के विक्रम लैंडर की लैंडिंग को देखने के लिए 6 सितंबर, 2019 की रात को भी बेंगलुरु गए थे। हालांकि 7 सितंबर के शुरुआती घंटों में चंद्रमा की सतह से सिर्फ 2.1 किमी ऊपर, इसरो का यान से संपर्क टूट गया था, मिशन पूरी तरह कामयाब नहीं हो सका था।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें