मतदान के पहले गरमाया किसान मुद्दा, CM योगी व प्रियंका वाड्रा में छिड़ा ‘ट्वीट जंग’

-2012 से 2017 तक कहां रहे किसानों के ”तथाकथित” हितैषी: आदित्यनाथ

लखनऊ  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के बीच रविवार को ट्वीट संग्राम छिड़ गया। प्रियंका ने योगी सरकार पर किसानों के प्रति बेपरवाही का आरोप लगाते हुए अमीरों की चौकीदारी की बात कही। योगी ने इसके जवाब में ​ट्वीट करके पूछा कि किसानों के ये ”तथाकथित” हितैषी तब कहां थे जब 2012 से 2017 तक किसान भुखमरी के कगार पर था। प्रियंका की उप्र सरकार पर की गयी टिप्पणी के जवाब में योगी का ट्वीट सपा सरकार पर भी निशाना है। उन्होंने ​ट्वीट करके प्रियंका व सपा दोनों पर निशाना साधते हुए पूछा कि किसानों के ये ”तथाकथित” हितैषी तब कहां थे जब 2012 से 2017 तक किसान भुखमरी के कगार पर था।

उन्होंने अपने कार्यकाल में किसानों के खुशहाल होने का दावा​ किया है।योगी ने कहा कि इनकी नींद अब क्यों खुली है? अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश में गन्ना का क्षेत्रफल अब 22 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर हुआ है और बंद पड़ी कई चीनी मिलों को भी प्रदेश में दोबारा शुरू किया गया है।

किसान अब खुशहाल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद से हमने लंबित 57,800 करोड़ का गन्ना बकाया भुगतान किया है। यह रकम कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। पिछली सपा-बसपा सरकारों ने गन्ना किसानों के लिए कुछ नहीं किया, जिससे किसान भुखमरी का शिकार हो रहा था।

उन्होंने कहा कि आज सहारनपुर दंगों और माफियाओं से मुक्त हो चुका है। शक्कर की मिठास और लकड़ियों की नक्काशी वाले इस जनपद में अब अपना विश्वविद्यालय भी होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर स्वास्थ्य तक राज्य सरकार ने हर दिशा में कार्य किया है। उन्होंने बताया कि मां शाकुम्भरी देवी के आशीर्वाद से संवरते सहारनपुर में मैं अपनी सरकार के दो साल का रिपोर्ट कार्ड लेकर आप के बीच होऊंगा। केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ यहां की जनता को मिले, हमने ये सुनिश्चित किया है।

गौरतलब है कि इसके पूर्व प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट करके कहा कि गन्ना किसानों के परिवार दिनरात मेहनत करते हैं। मगर उप्र सरकार उनके भुगतान का भी जिम्मा नहीं लेती। किसानों का 10000 करोड़ बकाया मतलब उनके बच्चों की शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य और अगली फसल सब कुछ ठप्प हो जाता है। यह चौकीदार सिर्फ अमीरों की ड्यूटी करते हैं, गरीबों की इन्हें परवाह नहीं।

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