लॉकडाउन बढ़ने के बाद रेलवे का बड़ा फैसला, रेलवे की यात्री सेवाएं तीन मई तक निलंबित

नयी दिल्ली.  देश में लॉकडाउन बढ़ने के बाद भारतीय रेलवे ने भी अपनी यात्री सेवाओं को तीन मई तक निलंबित कर दिया है।वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में जारी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा के बाद यह निर्णय किया गया।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन बढ़ाए जाने के मद्देनजर हमने यह निर्णय किया है। जल्द ही इस पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी।’’ इससे पहले यात्री सेवाएं 14 अप्रैल रात तक निलंबित की गईं थी

. लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ेगा, गाइडलाइन कल जारी होगी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि लॉकडाउन को अब 3 मई तक बढ़ाना पड़ेगा। कल इस बारे में सरकार की तरफ से विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं।’’

मायने : न ट्रेनें शुरू होने जा रही हैं, न बसें, न उड़ानें। देश की 100 करोड़ से ज्यादा की आबादी 25 मार्च से घरों में है, अब यह 19 दिन और घरों में ही रहेगी।

2. देश में लॉकडाउन का सबसे सख्त दौर 20 अप्रैल तक
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने का खतरा है, वहां कड़ी नजर रखनी होगी। इसलिए अगले एक हफ्ते तक सख्ती और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को बड़ी बारीकी से परखा जाएगा।’’
मायने : मोदी सरकार देशभर में कोरोना के हॉटस्पॉट्स पर नजर रखेगी। देश में अभी 13 शहर हॉटस्पॉट हैं। ये हैं- मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल, राजस्थान का जयपुर, गुजरात का अहमदाबाद, देश की राजधानी दिल्ली, यूपी का नोएडा, महाराष्ट्र का मुंबई और पुणे, केरल का कन्नूर और कासरगोड, तेलंगाना का हैदराबाद और तमिलनाडु का चेन्नई और कोयंबटूर।

3. छूट मिलेगी, बशर्ते कोरोना के हॉटस्पॉट न बढ़े
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो इस अग्नि परीक्षा में सफल होंगे, जो अपने यहां हॉटस्पॉट नहीं बढ़ने देंगे और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति, छूट दी जा सकती है। गरीब भाई-बहनों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।’’
मायने : देश के 718 जिलों में से 380 जिलों में कोरोना पहुंच चुका है। 104 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इस बार बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे। लॉकडाउन के नियम टूटे और कोरोना बढ़ा तो तुरंत सारी रियायतें वापस हो जाएंगी। छूट इसलिए दी जा रही है ताकि हर दिन की कमाई से अपना परिवार चलाने वाले काम पर लौट सकें।

4. लॉकडाउन क्यों जरूरी?
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बीते दिनों के अनुभवों से यह साफ है कि हमने जो रास्ता चुना, आज की स्थिति में वही हमारे लिए सही है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो यह महंगा जरूर लगता है, बहुत बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी है, लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती।’’
मायने : भारत अभी स्टेज-3 यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन के दौर में नहीं पहुंचा है, जब कोरोना फैलने के सोर्स का ही पता नहीं लग पाता। देश में लॉकडाउन के पहले दिन 659 मरीज थे। 20 दिन में संक्रमितों की संख्या 15 गुना बढ़ चुकी है। जबकि अमेरिका में 20 दिनों में मरीज 200 गुना से ज्यादा बढ़ चुके हैं, क्योंकि वहां टाेटल लॉकडाउन नहीं है।

5. भारत संभली हुई स्थिति में है 
मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया के बड़े-बड़े देशों की तुलना में भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है। महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में भारत के बराबर खड़े थे, आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के मामले 25 से 30 गुना बढ़ गए हैं। उन देशों में हजारों लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है। भारत ने पुलिसिंग अप्रोच, इंटिग्रेटेड अप्रोच न अपनाई होती, समय पर तेज फैसले नहीं लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती, इसकी कल्पना करते ही रोएं खड़े हो जाते हैं।’’

जब एक भी केस नहीं था, जब 100 मामले आए और जब 550 मरीज हुए, तब देश ने क्या किया?
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के मरीज 100 तक पहुंचे, उससे पहले ही भारत ने विदेश से आए हर यात्री के लिए 14 दिन का अाइसोलेशन जरूरी कर दिया था। मॉल, थिएटर, क्लब, जिम बंद किए जा चुके थे। जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बहुत बड़ा कदम उठाया। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया।’’

मोदी की सबसे बड़ी चिंता : कोरोना के नए मरीज, गरीब और किसान 

  • नए मरीज : प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरी सभी देशवासियों से यह प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अगर एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। न खुद कोई लापरवाही करनी है, न किसी और को लापरवाही करने देना है।’’
  • गरीब : मोदी ने कहा, ‘‘20 अप्रैल से चिह्नित क्षेत्रों में इस सीमित छूट का प्रावधान हमारे गरीब भाई-बहनों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए किया गया है। जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से जरूरतें पूरी करते हैं, वही मेरा वृहद परिवार है। मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता में इन गरीबों की दिक्कतों को कम करना है। नई गाइडलाइन में भी उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा।’’
  • किसान : प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस समय रबी की फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो।’’

कोरोना मरीजों के लिए देश में 1 लाख से ज्यादा बेड और 600 से ज्यादा अस्पताल
मोदी ने कहा, ‘‘हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ रहा है। जहां सिर्फ एक लैब थी। वहीं अब 220 से ज्यादा लैब टेस्टिंग का काम कर रही हैं। विश्व का अनुभव कहता है कि कोरोना के 10 हजार मरीज होने पर 1500 से 1600 बेड की जरूरत होती है। भारत में आज हम 1 लाख से ज्यादा बेड की व्यवस्था कर चुके हैं। 600 से ज्यादा अस्पताल कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है।’’

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