आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्या ने दिया इस्तीफा, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

Viral Acharya
नई दिल्ली । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपना कार्यकाल पूरा होने के छह माह पहले ही इस्तीफा दे दिया है। आरबीआई के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आचार्या अमेरिका के न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र के सीवी स्टार प्रोफेसर के रूप में पढ़ाने के लिए जाएंगे।
केंद्रीय बैंक में सबसे कम उम्र के डिप्टी गवर्नर में से एक विरल आचार्या ने 23 जनवरी,2017 को आरबीआई में पदभार ग्रहण किया था। पिछले वर्ष 26 अक्टूबर को आरबीआई की स्वायत्तता बरकरार रखने की जरूरत को लेकर उनके बयान के बाद इस बात की अटकलें तेज हो गई थीं कि आचार्या अपना पद छोड़ देंगे।
उल्लेखनीय है कि जून माह के पहले सप्ताह सम्पन्न हुई मौद्रिक नीति की बैठक में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के बीच वित्तीय घाटा और इसका सही-सही आकलन के मुद्दे पर असहमति दिखी थी।
कौन हैं विरल आचार्य
1995 में भारतीय तकनीकी संस्थान, मुंबई (IIT) से बी टेक करने के बाद  विरल आचार्य ने 2001 में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से वित्त में पीएचडी की। विरल लंदन बिज़नेस स्कूल (एलबीएस) में भी अर्थशास्त्र का अध्यापन कर चुके हैं। विरल आचार्य न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के स्टर्न स्कूल में वित्त विभाग में 2008 से अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं और 2017 में अवकाश लेकर उन्होंने रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाला था। कहा जा रहा है कि विरल एक बार फिर अपने अध्यापन के क्षेत्र में वापसी करते हुए न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए जाएंगे।

कार्यकाल के 6 महीने पहले इस्‍तीफा

अहम बात यह है कि डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल पूरा होने के करीब छह महीने पहले ही अपने पद को छोड़ दिया है. विरल आचार्य आरबीआई के उन बड़े अधिकारियों में शामिल थे जिन्‍हें उर्जित पटेल की टीम का हिस्‍सा माना जाता था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विरल आचार्य अब न्‍यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के सेटर्न स्‍कूल ऑफ बिजनेस में बतौर प्रोफेसर ज्‍वाइन करेंगे. बता दें कि आचार्य ने तीन साल के लिए आरबीआई के बतौर डिप्‍टी गवर्नर 23 जनवरी 2017 को ज्‍वाइन किया था. इस हिसाब से वह करीब 30 महीने केंद्रीय बैंक के लिए अपने पद पर कार्यरत रहे।.

दिसंबर 2018 में उर्जिट पटेल ने छोड़ा था RBI गवर्नर का पद

इससे पहले दिसंबर 2018 में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने भी अचानक इस्तीफा दे दिया था। तब पटेल ने व्यक्तिगत कारणों को हवाला दिया था। अपने बयान में उर्जित पटेल ने कहा था,  ‘मैं व्यक्तिगत कारणों की वजह से तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। बीते वर्षों में रिजर्व बैंक के लिए काम करना मेरे लिए गर्व की बात रही। अपने कार्यकाल के दौरान मुझे आरबीआई के अधिकारियों, प्रबंधन और स्टाफ का भरपूर सहयोग मिला और इसके लिए मैं सभी को तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।’

उर्जित पटेल  के इस्तीफे के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर उर्जित पटेल को आर्थिक मुद्दों की गहरी समझ रखने वाला एक उच्च क्षमता का अर्थशास्त्री बताया था। पीएम ने कहा था कि उर्जित पटेल ने बैंकिंग प्रणाली को अराजकता से बाहर निकाला। वह अपने पीछे महान विरासत छोड़ रहे हैं।

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