चर्चित चेहरों की निजता का सम्मान हो, आमजन की भी है जवाबदेही

डॉ. मोनिका शर्मा

बीते दिनों क्रिकेटर विराट कोहली ने पिता बनने की ख़ुशी ट्विटर पर साझा कर प्रशंसकों से मिले  प्यार और शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया कहते हुए यह भी जोड़ा  कि ‘हम  जिंदगी के इस नए अध्याय की शुरुआत से बेहद खुश हैं। हमें उम्मीद है कि इस समय आप हमारी निजता का सम्मान करेंगे ।  बस, एक छोटी से विनती करना चाहते हैं | हम अपनी बेटी की निजता की रक्षा करना चाहते हैं और हमें इसमें आपका सहयोग चाहिए | सही समय आने पर खुद उससे जुड़ी जानकारी साझा करेंगे’

दरअसल, एक तरफ आम यूजर्स  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की बदलती  नीतियों और नियमों से अपनी निजता के हनन को लेकर परेशान हैं , तो दूसरी तरफ इन्हीं प्लेटफॉर्म्स पर  बड़ी   संख्या में ऐसे  यूजर्स भी मौजूद हैं, जो खुद चर्चित चेहरों की निजता का  सम्मान नहीं करते | जानी-मानी हस्तियों की जिंदगी से जुड़ा  ख़ुशी का अवसर हो या गम का मौका  |  पल भर में अजब गज़ब तस्वीरें और अपुष्ट  समाचार सोशल मीडिया में छा जाते हैं  | ऐसे लोग कभी हंसी-मजाक के नाम पर खुद   पोस्ट्स और  तस्वीरें  तैयार करते हैं तो कभी  सोचे-विचारे बिना दूसरों के ऐसे अपडेट्स को साझा कर आगे बढ़ाते रहते हैं | बहुत से लोग सही जानकारी ना होने के बावजूद  लोकप्रिय चेहरों के निजी जीवन को लेकर तर्क-कुतर्क भी करते हैं | विशेष कर किसी ख़ास मौके पर उनकी व्यक्तिगत जिंदगी को लेकर स्क्रीन की दुनिया में मनचाहे  विचार उड़ेलते हैं | फेक तस्वीरें साझा करते हैं | सेलिब्रिटीज के अपडेट्स पर उनके विचारों को लेकर ट्रोल करते हैं | ख़ुशी ही नहीं दुःख से अवसर पर भी मीम्स और मजाक हर हर ओर छ जाते हैं | 

लोकप्रिय चेहरों के रिश्तों का बिखराव हो, कामकाज की दुनिया का ठहराव या आर्थिक-मानसिक  मोर्चे पर  जीवन का तकलीफदेह दौर | हर बार अभिव्यक्ति की आजादी  का यह विद्रूप चेहरा देखने को मिलता है | कई बार तो किसी  जाने-माने चेहरे की बीमारी, दुर्घटना या मौत तक की फर्जी खबर साइबर संसार में वायरल हो जाती है | ऐसे में अपनी ख़ुशी साझा करते हुए विराट का यह  कहना कि  ‘आप यह जरूर समझेंगे कि इस वक्त हमें थोड़ी प्राइवेसी चाहिए’ वाकई जानबूझकर या अनजाने में ऐसी नासमझी  करने वाले यूजर्स के लिए गौर करने वाली है | यह समझने की दरकार है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी की सीमा वहां खत्म हो जाती है, जहां यह किसी ओर निजी जीवन में दखल बनने लगे |  दूसरे को आहत  करने लगे | किसी तरह का नुकसान करने लगे | इस आजादी  की सीमा को पार करना कानून का उल्लंघन करने जैसा ही है |  गौरतलब है  कि हमारे  संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है | हालिया बरसों में इंटरनेट और सोशल मीडिया ने इस स्वतंत्रता को खुलकर जीने और अपनी बात  कहने के मंच भी दिए हैं | अब यह आमजन को भी समझना होगा कि इन  प्लेटफॉर्म्स  का सही और सार्थक  इस्तेमाल कैसे किया जाय ?  

विचारणीय है कि पहले भी कई खिलाड़ी, अभिनेता या राजनेता ऐसी अपील करते रहे हैं | भारत ही  नहीं दुनिया भर में निजता का हनन जानी-मानी हस्तियों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है |   खासकर सोशल मीडिया के जरिये पल भर में ऐसे समाचार, विचार या छवियाँ देश ही  नहीं दुनिया भर में पहुँच जाते हैं | जो उनके लिए मानसिक प्रताड़ना का सबब भी बनता है | ऐसे में कभी  अभद्र भाषा,  कभी अनचाही लोकप्रियता तो कभी मानसिक यातना उनके हिस्से आ  रही है |  कभी उनके साझा किये गए  विचारों के लिए ट्रोल किया जाता है तो तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर डाला जाता है|  क्लिक भर में किसी के व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी जानकारियाँ अनगिनत लोगों तक पहुंचा देना यकीनन बेहद गैर-ज़िम्मेदारी भरा व्यवहार है |  ग़ौरतलब है कि पिछले साल ही शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा  था कि  जीने का अधिकार, निजता के अधिकार और स्वतंत्रता के अधिकार को अलग-अलग करके नहीं बल्कि एक समग्र रूप देखा जाना चाहिये। न्यायालय के मुताबिक़  निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जिसे अनुच्छेद 21 के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त है। असल में देखा जाय तो यह बात सरकार, समाज और व्यक्तिगत रूप से देश के हर नागरिक को समझनी चाहिए |  यह अधिकार हमें उस  भाव  का सम्मान करने की बात कहता है, जिसके तहत हर इंसान को यह तय करने का हक़ है  कि वो  अपनी जिंदगी को  दुनिया  से किस हद तक बाँटना चाहते हैं।

आज विश्व की लगभग आधी से ज्यादा आबादी तक इंटरनेट की पहुँच है |  इनमें से कम से कम दो-तिहाई लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं | हालिया आंकड़ों के  मुताबिक़  दुनिया भर में एक अकेले फेसबुक पर हर  ही दिन 30 करोड़  से अधिक तस्वीरें अपलोड होती हैं तो यूट्यूब पर  500 करोड़  वीडियो हर दिन देखे जाते हैं | जबकि ट्विटर यूजर्स  हर दिन 14 करोड़  ट्वीट्स पोस्ट करते हैं जो एक हफ्ते में एक बिलियन ट्वीट तक पहुंच जाते हैं।  फेसबुक के मुताबिक़  इस प्लेटफ़ॉर्म पर 1.6 बिलियन डेली एक्टिव यूजर्स हैं। इनमें 88 फीसदी यूजर स्मार्ट फोन पर फेसबुक चलाते हैं  |  साल 2020  के आंकड़ों के मुताबिक हमारे यहाँ  करीब 40.3 करोड़ लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं | ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं कि यूजर्स  द्वारा व्यक्तिगत जीवन से जुड़े अपडेट्स के अलावा  अन्य  तरह की सूचनाएं, तस्वीरें और वीडियो भी पल-पल  देखे या साझा किया जाते हैं | इनमें बड़ी संख्या में फेक तस्वीरें भी होती हैं | ऐसी अजब-गज़ब छवियाँ या ख़बरें आमतौर पर किसी ना किसी क्षेत्र के लोकप्रिय चेहरों से ही जुड़ी होती हैं | डीपफेक तकनीक की सहायता से तैयार किये जाने  वाले फेक वीडियो और तस्वीरें तो ऐसे होते हैं, जिन्हें मौजूदा फॉरेंसिक टूल्स तक पकड़ने में सक्षम नहीं हैं। हॉलीवुड के चर्चित चेहरे भी इस तकनीक से मॉर्फ किये जा रहे कंटेंट से परेशान हैं | 

 यह वाकई  विचारणीय है कि  इंटरनेट पर निजता हनन और मानसिक उत्पीड़न के कारण दुनिया भर में कई   चर्चित चेहरे  सोशल मीडिया  को अलविदा कह चुके हैं |  ट्रोलिंग और यूजर्स के गैर जिम्मेदार  व्यवहार से परेशान होकर  सितारे इन आभासी मंचों से  कुछ समय के लिए अवकाश भी लेते रहते  हैं  | सार्वजनिक जीवन जीने वाले लोकप्रिय चेहरों की निजी जिंदगी पर किये जाने वाले कमेंट्स और उससे जुड़ा कंटेंट कई बार गहरी पीड़ा पहुंचाने वाला होता है | जरूरी है कि यहाँ मौजूद यूजर्स  इस व्यवहार गत अराजकता से दूरी बनायें | किसी चर्चित हस्ती के  व्यक्तिगत जीवन से जुड़े कंटेंट पोस्ट करने या उसे शेयर करने से पहले सोचें |  इन आभासी मंचों पर आत्मनियमन, सजगता और जवाबदेही के साथ मौजूद रहें | 

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