दुबौलिया , बस्ती । किसानों को आमदनी बढाने और सस्ते दर पर खेती की सिंचाई के लिए किसानों की कृषि योग्य जमीन का अधिग्रहण कर बनायी गयी सरयू पम्प कैनाल में पानी न छोड़े जाने से बेमतलब सावित हो रही है जिसके चलते किसान अपनी फसल की सिंचाई निजी साधन से करने को बाध्य है । किसानों के फसलों की सस्ते दर पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार द्वारा सरयू नदी और मनवर नदी के दोआबा क्षेत्र में अस्सी के दशक में विक्रमजोत के करीब भैसहिया पम्प कैनाल का निर्माण किया गया ।नहर के बनने से क्षेत्रीय किसानों में उम्मीद जगी कि अब हमें इस नहर से सस्ती सिंचाई की सुविधा मिलेगी। लेकिन सरयू नहर की इस शाखा का उपयोग सिर्फ बरसात और बाढ़ के दौरान अतिरिक्त जल प्रवाह के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा ।जिससे किसानों के लिए यह बेमलब बन गई हैं। हर साल रवी के सीजन में नहर सूखी ही रहती है और किसानों की सिंचाई की समस्या नहर बनने के बाद भी खत्म नहीं हुई आज भी हजारों किसान पम्प सेट से सिंचाई करने के लिए मजबूर हैं ।इस सम्बन्ध में अधिशासी अभियंता सरयू नहर खंड प्रथम अयोध्या से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्विच आफ मिला ।जोगहटा ,धर्मूपुर ,सिसौनी ,भिउरा, मझियार ,विशुनपुरा ,गुलौरी के किसानों से हमारे प्रतिनिधि ने जब बात की तो किसानों का कहना है कि इस नहर के बनने से एक दर्जन किसान भूमिहीन हो गये यही नहीं बरसात के समय अतिरिक्त पानी छोड़ने से जगह जगह नहर क्षतिग्रस्त हो कर किसानों के धान की फसल डूब कर चौपट हो जाती है ।यह नहर किसानों के लिए बेमतलब साबित हो रही है ।
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