जनाब आजमगढ़ की पुलिस है ? न हेलमेट न मास्क और स्कूटी पर सवारी तीन

  • यातायात माह में उड़ रही है धज्जियां
  • छतवारा चौराहे पर पुलिस की नजरों के सामने टूट रहा है नियम
  • सुबह शाम हर रोज लग रहा है जाम
  • जाम के झाम में फंस जा रहे हैं दुल्हे राजा
  • ना मास्क,न सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन
    बड़े कप्तान जरा इधर भी नजर इनायत करिये


रामअवतार उपाध्याय प्रभारी

आजमगढ़ नवंबर माह यातायात माह के नाम से जाना जाता है जनपद में जगह-जगह यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाया जा रहा है लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है लेकिन आजमगढ़ से 7 किलोमीटर दूर स्थित छतवारा चौराहे पर कितना इसका पालन हो रहा है रविवार को लगभग 11:00 बजे चौराहे पर स्थित पिकेट ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मी के सामने से फर्राटा भर्ती स्कूटी वाली तस्वीर बयां कर रही है मजे की बात तो यह है यह वाक्य चौराहे पर पुलिस पिकेट की ड्यूटी है जहां हमेशा चार या पांच की संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं उन पुलिसकर्मी के नजरों के सामने हो रहा है लापरवाही कहें या नजरअंदाज करना खैर जो भी हो पर कार्रवाई के नाम पर टाय टाय फिश?
पूरे देश में जहां कोरोना को लेकर सरकार गंभीर है वही जनपद के सिधारी थाना अंतर्गत छतवारा चौराहे पर शायद बिना आरटीओ लाइसेंस के बेखौफ होकर चला रहे यह लोग ना हेलमेट उसके बाद भी तीन सवारी बैठा कर नियमों का कितना पालन हो रहा है यह हमें बताने की जरूरत नहीं है यही नहीं सुबह हो या शाम लंबी-लंबी कतारें जाम की लगा रहता है हर कोई अपने समय से काफी विलंब से मंजिल तक पहुंच पा रहा है मजे की बात तो यह है लग्न का माहौल है दूल्हे राजा बेचारे मौके से दरवाजे पर रस्म तक पूरी नहीं करवा पा रहे हैं हर कोई बस यही कह रहा है बड़े साहब जरा इन समस्याओं पर भी ध्यान दीजिए अब यह देखना है कि इस समस्या से कितनी जल्दी लोगों को निजात मिल पाती है

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