सीतापुर: रंगारग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया रजत जयंती समारोह

सीतापुर। सेक्रेड हार्ट डिग्री कॉलेज सीतापुर के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रजत जयंती समारोह का आयोजन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही, आगरा डायसिस के आर्क बिशप ईमेरिटस डॉ अल्बर्ट डी’सोजा, लखनऊ डाइसिस के बिशप जिराल्ड मेथियस, सेंट जॉन्स समिति के अध्यक्ष डॉ डेविस पूर्व प्रबंधक एवं प्राचार्य अभिभावकों की ओर से स्वर्ण पदक विजेता अरीशा खान के पिता मोइन अहमद खान तथा पूर्व छात्रों की ओर से डॉ हनी खान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और महाविद्यालय के संस्थापक फादर जिरार्ड के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

आरंभ में कार्यक्रम की रूपरेखा सांस्कृतिक समिति के समन्वयक व मुख्य शास्ता‌ डॉ योगेश चंद्र दीक्षित ने प्रस्तुति की। प्राचार्य फादर डॉ प्रशांत ने सभी गणमान्य अतिथियों तथा पूर्व प्राचार्य, प्रबंधक एवं शिक्षकों का स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आर्क बिशप डॉक्टर अल्बर्ट डिसूजा ने फादर जिरार्ड के जीवन वृत पर प्रकाश डालते हुए का कि वे इटली से आए विशुद्ध भारतीय संस्कृत में रचे बसे एक कर्म योगी थे जिन्होंने सीतापुर ही नहीं वरन उत्तर प्रदेश के लिए कई अप्रतिम शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ बीसीएम जैसा अस्पताल दिया।

हमें उनकी धरोहर को संभाल कर अपने युवाओं के उज्जवल भविष्य की कामना करनी चाहिए। मुख्य अतिथि कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही ने अपने पिता जी एवं फादर जिरार्ड की मित्रता के संस्मरण सुनाते हुए बताया कि अपने संघर्ष के समय और आवश्यकता पड़ने पर दोनों ने ही एक दूसरे का साथ दिया। सीतापुर के शैक्षणिक विकास तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान के कारण उन्हें सदैव याद किया जाएगा । इस अवसर पर बिशप जिराल्ड मेथियस और सेंट जॉन्स समिति के अध्यक्ष फादर डेविड ने भी विचार व्यक्त किये तथा छात्र-छात्राओं को आशीर्वाद दिया। पूर्व प्रबंधक फादर स्टीफन, फादर थॉमस,‌ फादर जॉन चॉकनट, फादर मैथ्यू तथा पूर्व प्राचार्य फादर डॉ जोस को सम्मानित किया गया।‌

महाविद्यालय में आरंभ से जुड़े  शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी को भी सम्मानित किया जिनमें डॉ संकेत वर्मा, डॉ शशि कला मिश्रा, डॉ मनीष गुप्ता,‌ कौशल किशोर, दुष्यंत जायसवाल, शंभू लाल, कुन्नू सम्मिलित रहे जबकि पूर्व सदस्यों के रूप में डॉ आलोक खरे, डॉ त्रिप्ता वर्मा, डॉ देवेंद्र पांडे, डॉ अनूज सक्सेना, वंदना पांडे, सीमा वैश, अमित वैश, सौरभ बाजपेई, हिमांशु गुप्ता, राजकिशोर बाजपेई आदि उपस्थित रहे।पूर्व शिक्षिका के रूप में डॉ तृप्ता वर्मा तथा पूर्व छात्र डॉ हनी खान ने महाविद्यालय से जुड़ी अपनी स्मृतियां साझा की।महाविद्यालय के प्रबंधक फादर डॉक्टर जॉनी वॉकर ने 25 वर्षों की विभिन्न उपलब्धियों के साथ अब तक की यात्रा के विषय में विचार व्यक्त किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की श्रृंखला में भारतीय संस्कृति की विभिन्न विधाओं जैसे शास्त्रीय नृत्य, बंगाली, पंजाबी, गुजराती,‌राजस्थानी लोक नृत्यों पर आधारित मनमोहक एवं भावपूर्ण प्रस्तुतियां दी गई। जिनका निर्देशन सोनाली श्रीवास्तव, रीमा, सुष्मिता, शिवांगी,‌श्रद्धा, कोमल, रश्मि तथा डॉ योगेश चंद्र दीक्षित ने किया। प्रखर सहाय, गरिमा, मानस, कृषा, मुदित, शाब्दी अक्शा, तन्मय, सिद्रा,  सौम्या ने कार्यक्रम का संचालन किया। उपप्राचार्य डॉक्टर साजिमन ने सभी अतिथियों, आगंतुकों तथा पूर्व छात्र छात्राओं को धन्यवाद देते हुए कहा की फादर जिराड  द्वारा स्थापित यह संस्थान वास्तव में सभी छात्र-छात्राओं तथा यहां अपनी सेवाएं देने वाले शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर सदस्यों के परिश्रम के कारण ही पूरे प्रदेश में अपनी पहचान बनाने में सफल हुआ है। इसे हमें और ऊंचाइयों पर लेकर जाना है।

कार्यक्रम के आयोजन में ईशान द्विवेदी, मोहित श्रीवास्तव, डॉ कुश कुमार पटवा,‌ डॉ अरशद अली, विश्वदीप शुक्ला,‌ डॉ राजेश श्रीवास्तव,‌ प्रशांत सिंह शोभिता टंडन अनिल श्रीवास्तव चंद्र प्रकाश अवस्थी आदि ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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