सीतापुर: आरक्षण को लेकर फिर फंसा पेच

सीतापुर। आरक्षण को लेकर लगातार मची घमासान के बीच एक बार फिर असमंजस की स्थिति उस वक्त पैदा हो गई जब चुनाव आयोग ने वीसी कर पुनः आरक्षण की सूची की जांच कर 18 नवंबर तक भेजे जाने के दिशा निर्देश दिए। उसके बाद से प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई और वह जिले की 11 निकायों की बनाई गई आरक्षण सूची की जांच में दिन-रात जुटे हुए हैं। बताते चलें पहले आरक्षण की सूची 4 नवंबर को मांगी गई थी।

चुनाव आयोग ने दोबारा आरक्षण सूची की जांच कर भेजे जाने के लिए दिशा निर्देश

जब आरक्षण की सूची 4 नवंबर को भेजी गई तो उसमें एक नियमावली को लागू कर चुनाव आयोग ने फिर से आरक्षण की सूची बनाने के दिशा निर्देश जारी किए। जिस पर पुनः 13 नवंबर तक अधिकारी जुटे रहे और उसी रात को आनन-फानन में सूची बनाकर चुनाव आयोग को भेजी गई। बताया जाता है कि असमंजस की एक बार स्थित उस वक्त पैदा हो गई जब चुनाव आयोग ने वीसी कर पुनः आरक्षण की सूची का निरीक्षण की जांच करने के दिशा निर्देश यूपी के समस्त जिलों को दिए।

जानकारों की माने तो आरक्षण की बनाई गई सूची में संतकबीरनगर जिला की वजह से सभी को फिर से आरक्षण की सूची के जांच करने के दिशा निर्देश चुनाव आयोग ने दिए हैं। सूत्रों की माने तो संतकबीर नगर जिला के द्वारा जो आरक्षण की सूची तैयार की गई थी उसमें जातिगत आरक्षण जो देना था उससे अधिक आरक्षण देकर सूची भेज दी गई थी। जब उसे चुनाव आयोग ने देखा तो उसके होश उड़ गए और उन्होंने आनन-फानन में सभी जिले के अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारी जिलों में बनाई गई आरक्षण की सूची पुनः जांच लें और उसे 18 नवंबर तक हर हालत में भेज दें।

प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो सीतापुर के प्रशासनिक अधिकारी दिन-रात जुटे हुए हैं और एक बार फिर से आरक्षण की सूची तैयार करने में लग गए हैं। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि सीतापुर जिले के पैतेपुर में भी आरक्षण की सूची में कुछ संशोधन मिला जब उसका निरीक्षण किया गया तो पता चला कि पैंतेपुर के आरक्षण में भी कुछ गड़बड़ी थी जिसे आनन-फानन में ठीक किया गया है। ज्ञात हो कि जिले में 11 नगर निकाय हैं जिसमें अब 228 वार्ड है। पूर्व में जिले के सभी निकायों में 222 वार्ड थे लेकिन अब महोली तथा तंबौर में परिसीमन हो जाने के कारण अब 228 वार्ड है।

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