गर्ल्स हास्टल का किया निरीक्षण
बहराइच। जनपद के भ्रमण पर आये उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. राम बाबू हरित ने निरीक्षण भवन लो.नि.वि. बहराइच में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान बताया कि वर्ष 2021-2022 (माह जून 2021 से मई, 2022 तक) में आयोग में कुल 6210 प्रार्थना-पत्र प्राप्त हुये जिनमें से 4262 प्रकरणों में सम्बन्धित विभागों को अपने स्तर से निस्तारण हेतु भेजा गया है। जबकि 1918 प्रकरणों में सम्बन्धित विभागों से आख्याएं मंगाकर आयोग द्वारा निस्तारण किया गया। डॉ. हरित ने बताया कि आयोग द्वारा 31 अगस्त 2021 से पूर्व में विचाराधीन 342 और 328 नये कुल 670 प्रकरणों की सुनवाई की गयी। सुनवाई के उपरान्त 448 प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा शेष 222 प्रकरणों में अग्रिम सुनवाई नियत है।
डॉ. हरित ने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पीड़ित व्यक्तियों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता सक्षम प्राधिकारियों द्वारा समय से प्रदान न कराये जाने के सम्बन्ध में आयोग को प्राप्त होने वाली शिकायतों को गम्भीरता से लिया जा रहा है। मा. अध्यक्ष ने बताया कि आर्थिक सहायता से सम्बन्धित मामलों का गम्भीरतापूर्वक संज्ञान लेकर उनके द्वारा त्वरित निस्तारण कराया गया है। जिसके फलस्वरूप 92 प्रकरणों का निस्तारण करते हुये पीड़ित परिवार को रू. 1,74,91,250=00 (रू. एक करोड़ चौहत्तर लाख इक्यानबे हजार दो सौ पचास मात्र) की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में आयोग के हस्तक्षेप से उपलब्ध करायी गयी। इससे पीड़ित व उसके परिवार के सदस्यों को आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ और वे पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल हुये। डॉ. हरित ने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उत्पीड़़न से सम्बन्धित गम्भीर प्रकरणों में प्रदेश के 11 जनपदों आजमगढ़, शाहजहॉपुर, आगरा, औरया, इटावा, बदायूँ, बरेली, कानपुर नगर, अलीगढ़, फतेहपुर व अमरोहा में आयोग की ओर से टीम भेजकर जांच करायी गयी।
इससे पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरित ने पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर विनय कुमार द्विवेदी, उप जिलाधिकारी सदर न्यायिक सुभाष सिंह धामी, तहसीलदार राज कुमार बैठा, जिला समाज कल्याण अधिकारी आर.एस. गुप्ता, सहायक प्रबन्धक समाज कल्याण निगम देवव्रत शर्मा के साथ बैठक कर विभागीय योजनाओं के प्रगति की समीक्षा के साथ अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उत्पीड़न से सम्बन्धित प्रकरणों तथा उनके निस्तारण की स्थिति इत्यादि की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। प्रेस-वार्ता के उपरान्त डॉ. हरित ने महिला महाविद्यालय परिसर में संचालित गर्ल्स हास्टल का स्थलीय निरीक्षण कर आवासित बालिकाओं से रू-ब-रू होते हुए उनकी शिक्षा-दीक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रेरित भी किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने हास्टल की व्यवस्थाओं तथा सुरक्षा इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।