उन्नाव दुष्कर्म कांड : विपक्ष की सियासत के बीच विधायक सेंगर पर कसा कानून का शिकंजा

– कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार को होगा पीड़ित की चाची और मौसी का अंतिम संस्कार

लखनऊ । उन्नाव के चर्चित दुष्कर्म कांड मामले में पीड़ित और उसका वकील अभी भी वेंटिलेटर पर है। मंगलवार को पीड़ित के चाचा की पैरोल स्वीकृत होने से पहले सियासी दलों ने सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि सरकार ने कहा है कि इस मामले पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है और पीड़ित पक्ष के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। उन्नाव की दुष्कर्म पीड़ित की चाची और मौसी की रविवार को रायबरेली में सड़क हादसे में मौत हो गई थी जबकि स्वयं पीड़ित और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गये। तभी से दोनों का किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है।

पीड़ित परिवार के धरन से सकते में आये अधिकारी

आज सुबह उस समय अधिकारी सकते में आये जब पीड़ित परिवार के सदस्य ट्रामा सेंटर के बाहर धरने पर बैठ गये। उन्होंने रायबरेली जेल में बंद चाचा के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर वापस लेने और उन्हें पैरोल पर रिहा करने की मांग की। पीड़ित की बहन ने आरोप लगाया कि आरोपित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से लगातार उनके परिवार को धमकियां दी जा रही हैं। मुकदमा वापस लेने के लिए पूरे परिवार को जान से मारने की साजिश रची गई है। इसीलिए चाचा को भी मुकदमा दर्ज कराते हुए जेल भेज दिया गया।

चाचा को मिली शॉर्ट टर्म बेल, अंतिम संस्कार को लेकर प्रशासन अलर्ट

पीड़ित के चाचा को एक दिन की शॉर्ट टर्म बेल मिल गई। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस फैज अहमद ने पीड़ित के चाचा को एक दिन की शॉर्ट टर्म बेल दी है, जिससे वह अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार की रस्में कर सकें। बुधवार सुबह से शाम तक बेल पर रहने के बाद उन्हें फिर शाम में वापस रायबरेली जेल भेज दिया जायेगा। वहीं अंतिम संस्कार को लकर उन्नाव में प्रशासन चौकन्ना हो गया है। अंतिम संस्कार और उस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी की हुई है। सभी थानों को अलर्ट रहने को कहा है।

पीड़ित और वकील अभी भी वेंटिलेटर पर

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के मुताबिक पीड़ित व उसके वकील की हालत स्थिर है और दोनों अभी भी वेंटिलेटर पर हैं। पीड़ित का परिवार इलाज से पूरी तरह संतुष्ट है। इलाज में जितना भी खर्च हुआ है और आगे भी जितना खर्च आएगा वह सरकार वहन करेगी। इलाज के लिए डॉक्टरों को देश के किसी भी कोने से बुलाना पड़े, बुलाया जाएगा। दरअसल हादसे के बाद से ही पीड़ित बेहोश है। उसके सिर, सीने व पैर में कई फ्रैक्चर हैं। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए लाइफ सपोर्ट का सहारा लिया जा रहा है। फेफड़ों से ब्लीडिंग हो रही है।

सेंगर पर कसा कानून का​ शिकंजा

मामले को लेकर संसद तक में हंगामे के बीच पुलिस ने दुष्कर्म के आरोप जेल में बंद विधायक कुलदीप सेंगर व अन्य के खिलाफ रायबरेली के गुरबक्शगंज थाने में हत्या का मामला दर्ज किया है। पीड़ित के चाचा की तहरीर पर विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई मनोज सिंह, विनोद मिश्रा, हरपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह, अवधेश सिंह पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। साथ ही 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।

विधायक की बदल सकती है जेल

मामले को लेकर राजधानी से विधि विज्ञान प्रयोगशाला की तीन सदस्यीय टीम घटनास्थल पर पहुंचकर जांच पड़ताल कर चुकी है। टीम ने विभिन्न बिंदुओं पर जांच की है। पीड़ित परिवार ने विधायक पर जेल के भीतर से अपने लोगों से फोन पर बात करने का आरोप लगाया है। इसलिए विधायक पर सीतापुर जेल से फोन का इस्तेमाल करने के आरोप की भी जांच होगी। माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार आरोपित विधायक की जेल बदल सकती है। विधायक को प्रयागराज या फर्रुखाबाद जेल भेजा जा सकता है।

चीफ जस्टिस को लिखा था पीड़ित परिवार ने पत्र

इस बीच कहा जा रहा है कि पीड़ित पक्ष ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी खत भेजा था। यह खत 12 जुलाई 2019 को लिखा गया है। इसमें यह कहा गया है कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए जो हमें धमका रहे हैं। लोग मेरे घर आते हैं, धमकाते हैं और केस वापस लेने की बात कर ये कहते हैं कि ऐसा नहीं किया तो पूरे परिवार को फर्जी केस में जेल में बंद करवा देंगे। पीड़ित परिवार ने मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का भी निवेदन किया। यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, प्रमुख सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, लखनऊ में सीबीआई के प्रमुख और पुलिस अधीक्षक (उन्नाव) को यह पत्र भेजा गया है।

अखिलेश ने प्रदेश सरकार को ठहराया जिम्मेदार

इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्रामा सेंटर जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और पूरे मामले में प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। अखिलेश यादव ने कहा कि परिवार की मांगे पूरी हों। इन्हें इतने वर्षों से न्याय नहीं मिला है, सरकार को उन्हें न्याय दिलाना चाहिये।उन्होंने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था में सुधार का दावा कर रही है लेकिन अपराध बढ़ते ही चले जा रहे हैं। पीड़ित के पिता को मार दिया गया। उसके चाचा को जेल में डाल दिया गया लेकिन सरकार विधायक पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। अखिलेश ने कहा कि जेल में हत्याएं हो रही हैं। जेलों में अपराधी क्या कर रहे हैं। इसकी खबरें लगातार मीडिया में आती रहती हैं। इन सबके लिए पुलिस जिम्मेदार है और पुलिस वही कर रही है जो सरकार कहती है। अखिलेश यादव ने कहा कि हमने संसद में मांग की कि एक सिटिंग जज से मामले की जांच करवाई जाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। संसद से लेकर सड़क तक पार्टी पीड़ित की लड़ाई लड़ेगी। वहीं सपा के प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित के परिवार को 10 लाख रुपये और घायल वकील के परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी। इसके अलावा एक लाख रुपये पार्टी फंड से दिया गया है। परिजनों को सपा प्रतिनिधि मंडल में शामिल मधु गुप्ता, जूही सिंह, जरीना उस्मानी व आईपी सिंह ने चेक सौंपा।

यूपी सरकार की इस कांड में मिलीभगत: मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘स्थानीय बीजेपी सांसद साक्षी महाराज द्वारा जेल में रेप आरोपी बीजेपी विधायक से मिलना यह प्रमाणित करता है कि गैंग रेप आरोपियों को लगातार सत्ताधारी बीजेपी का संरक्षण मिल रहा है, जो इंसाफ का गला घोटने जैसा है। माननीय सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान अवश्य लेना चाहिए। एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा, ‘उन्नाव रेप पीड़िता के कार की रायबरेली में ट्रक से टक्कर प्रथम दृष्टया उसे जान से मारने का षडयंत्र लगता है, जिसमें उसकी चाची व मौसी की मौत हो गई तथा वह स्वयं व उसके वकील गंभीर रूप से घायल हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट को इसका संझान लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।’ इसके अलावा उन्होंने पीड़ित परिवार के धरने को लेकर भी सरकार से ध्यान देने को कहा।

प्रियंका ने भी सरकार को घेरा
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि आखिर हम कुलदीप सेंगर जैसे लोगों को राजनीतिक शक्ति और संरक्षण क्यों देते हैं? और पीड़ितों को अकेले ही अपने जीवन की लड़ाई लड़ने के लिए छोड़ देते हैं? आखिर ऐसा क्यों? प्रियंका गांधी ने अपने दूसरे ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी से अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भगवान के लिए इस अपराधी और राजनीति में सक्रिय इसके भाई को अपनी पार्टी द्वारा दी जा रही राजनीतिक शक्ति को रोकें। अभी भी देर नहीं हुई है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, लाठीचार्ज
घटना को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी हुये। कांगेस नेताओं ने भाजपा मुख्यालय का घेराव करने की कोशिश की। विधायक आराधना मिश्रा सांसद सावित्रीबाई फुले और पूर्व सांसद राकेश सिंह, अजय सिंह लल्लू समेत अन्य नेताओं ने कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया। बवाल को देखते हुए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया वहीं उग्र रूप दिखाने वालों पर लाठी चार्ज किया ।

सेंगर पहले से ही पार्टी से निलम्बित: स्वतंत्र देव सिंह
विपक्ष के कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकालने की मांग पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने स्पष्ट किया कि सेंगर पहले से ही पार्टी से निलम्बित है। पार्टी सेंगर को कभी बचाने के पक्ष में नहीं रही है। उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना में जिस ट्रक मालिक का नाम आ रहा है वह पूर्व में समाजवादी पार्टी का जिला सचिव रहा है। इसकी भी जांच चल रही हैं। प्रदेश सरकार ने परिवार के इस दुर्घटना की सीबीआइ जांच कराने की बात को मानकर संस्तुति भी कर दी है। हमको भरोसा है कि केंद्र सरकार भी इस पर अपनी मुहर लगा देगा। विपक्षी पार्टियां इस दुर्घटना पर हो-हल्ला मचा रही हैं। उनके पास प्रदेश या देश में कोई मुद्दा नही है।

सरकार पीड़ित परिवार के साथ: दिनेश शर्मा
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने केजीएमयू पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सरकार पीड़ित परिवार के साथ है। जैसा कि परिवार ने पीड़ित के चाचा के लिए पैरोल आवेदन प्रस्तुत किया था, अदालत ने उन्हे एक दिन की पैरोल दे दी है। वह अपने पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जो भी तहरीर मिली, उस पर एफआइआर हुई है। पुराने मामले में सीबीआई की जांच चल रही है। इस प्रकरण में भी सीबीआइ जांच की संस्तुति की गई है। राज्य सरकार सभी तरह की कार्रवाई कर रही है। ट्रक मालिक सपा नेता है। जांच की जा रही है कि घटना कैसे हुई।

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