लखनऊ. देश भर के मन मे सवाल है कि आखिर मुंबई के बांद्रा में अचानक से इतनी भीड़ कैसे जुट गई? हालांकि इसके पीछे की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड विनय दुबे को मुम्बई पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। दरसल मुख्य आरोपी विनय उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के औराई थाना क्षेत्र के हरिनारायनपुर गांव का निवासी है। वह लंबे समय से मुंबई में ही रहता है।
स्थानीय लोगों के अनुसार वहां पहले वह बेकरी का काम करता था, फिर उत्तर भारतीय महापंचायत संगठन बनाया। ग्रामीणों की सूचना के अनुसार पिता मुंबई में ऑटो चलाते हैं। मुंबई में जब उत्तर भारतीयों को पीटा जा रहा था, तब यह आदमी फेसबुक पर मनसे, राज ठाकरे को खुली चनौती देता था। कई उत्तर भारतीयों ने ही उस पर पैसे खाने के आरोप लगाए। फेसबुक पर ही उन्हें देख लेने की धमकी भी दी है। पिछले लोकसभा चुनाव में कल्याण से चुनाव लड़ा मगर जमानत जब्त हो गई। विनय दुबे ने मुंबई से वाराणसी के लिए बसें भी चलवाईं हैं। इस सख्स के 2-4 महीने पहले फेसबुक पर करीब एक लाख फॉलोवर थे, अब 2 लाख से ज्यादा हैं। एनआरसी और सीएए के विरोध में इसने सैकड़ों यात्राएं की, उसी दौरान फॉलोवर भी बढ़े। इसके जिस वीडियो की वजह से बांद्रा में आज भीड़ जुटी उसके 15 हजार से ज्यादा शेयर हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार क्षेत्र के जटाशंकर दुबे का पुत्र विनय जन्म से ही मुम्बई में रहता है।
भदोही जनपद के औराई क्षेत्र में स्थित हरिनरायणपुर गांव पूरे देश में विनय की वजह से सुर्खियों में है। उसके पिता जटाशंकर दुबे मुंबई में ही रहकर आटो रिक्शा चलाते रहे हैं। विनय दुबे सहित उनके चार लडक़े हैं। विनय दुबे, अजय, अभय और निर्भय जन्म से ही मुंबई में ही रहकर शिक्षण ग्रहण किया। विनय दुबे खुद इंजीनियरिंग कर चुका है। उसे दो अन्य भाई भी इंजीनियर हैं और एक भाई किसी प्राइवेट कंपनी में काम करता है। विनय दुबे नौकरी करने के बजाए मुंबई में उत्तर भारतीय महापंचायत संगठन का गठन किया है।
सीएम केयर फंड में सहायता राशि का चेक भी प्रदान किया
2 दिन पहले ही वह अपने पिता जटाशंकर दुबे के साथ महाराष्ट्र प्रदेश के गृहमंत्री से मिलकर कोविड-19 से बचाव के लिए सीएम केयर फंड में सहायता राशि का चेक भी प्रदान किया था। वह फेसबुक के माध्यम से 14 अप्रैल को ही प्रदेश सरकार को चेताया था कि यदि वह 18 अप्रैल तक मुंबई आदि क्षेत्रों में फंसे उत्तर भारतीयों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करें। अन्यथा आंदोलन किया जाएगा। महाराष्ट्र में भी लोकसभा चुनाव में चंदा इकट्ठा करके कल्याण से चुनाव लड़ा था लेकिन अपनी जमानत भी नहीं बचा पाया।
राज ठाकरे के साथ नजदीकियां देखने को मिली
💪मुझे गर्व है मेरे पिताजी पर💪
मेरे पिताजी ने महाराष्ट्रा सरकार को कोरोना से लडने के लिए अपने जिवन की सेविंग मे से कुछ राशी अनुदान किया !! गृहमंत्री @AnilDeshmukhNCP जी ने खुद मिलकर यह अनुदान स्विकारा !! धन्यवाद @OfficeofUT सहयोग के लिए आभार @MantralayaRoom टिम🙏@AUThackeray https://t.co/RuJctTnNGA— Vinay Dubey (@the_VinayDubey) April 10, 2020
बता दें कि 03 मई तक लाकडाउन बढ़ाये जाने के बाद मुम्बई के बांद्रा में प्रवासी कामगारों को गुमराह कर इकट्ठा करने का आरोपी विनय कुमार दुबे 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी एनसीपी की टिकट पर वाराणसी पूर्वी विधानसभा से चुनाव लड़ चुका है। विनय भदोही जिले का ही रहने वाला है। विनय दुबे के सोशल मीडिया एकाउंट के मुताबिक उसके मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ भी नजदीकियां देखने को मिली है। एक पोस्ट में विनय ने दावा किया है कि मुम्बई विधानसभा चुनाव में मनसे से नामांकन करने के बाद राज ठाकरे के निर्देश पर उसने अपना नामांकन वापस ले लिया।
कई मौलाना से मिलने का फोटो भी किया था पोस्ट
मुंबई से उत्तरभारत के लिए निशुल्क बससेवा !!
यात्रा परमिशन के लिए राज्य सरकारो को अधिकृत #इमेल भेजा गया है.#VinayDubeyMumbai@OfficeofUT @CMOMaharashtra @CMOfficeUP @ChouhanShivraj @NitishKumar @HemantSorenJMM @PMOIndia @ANI @rajnathsingh @RahulGandhi @INCIndia @AUThackeray pic.twitter.com/A9CE4hr9Xb
— Vinay Dubey (@the_VinayDubey) April 9, 2020
सरकार इन फंसे हुए "मजदुर" लोगो को अपने गांव परिवार के बिच पहुचाने के लिए रास्ता निकाले वरना मजदुर रास्तो पर उतरने को "मजबुर" है !! भुखे मरने से अच्छा पैदल गाव जाएंगे 🙏@myogiadityanath @NitishKumar @narendramodi @CMOMaharashtra @RahulGandhi @INCIndia @PawarSpeaks @AUThackeray pic.twitter.com/BzJPOHnFz3
— Vinay Dubey (@the_VinayDubey) April 11, 2020
विनय भदोही जिले के औराई थाना क्षेत्र के हरिनारायणपुर का रहने वाला है। विनय के पिता का नाम जटाशंकर है। विनय लगातार सीएए और एनआरसी के विरोध में अभियान चला रहा था और वो कई सीएए विरोधी कार्यक्रमो में भी शामिल होकर इसका विरोध किया था। फेसबुक पर उसने सीएए के विरोध को लेकर कई मौलाना से मिलने का फोटो भी पोस्ट कर रखा है। उत्तर भारतीयों की हक की बात करके सीएए और एनआरसी विरोधी अभियान चलाकर सोशल मीडिया पर विनय ने इस कदर सुर्खिया बटोरी की सिर्फ फेसबुक पर इसके दो लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं।
मनसे नेताओ के साथ कई फोटो किए पोस्ट
मुंबई में उत्तर भारतीयों के साथ मारपीट करने वाले मनसे के खिलाफ आवाज उठाने के लिए विनय दुबे ने महापंचायत एनजीओ के माध्यम से उत्तर भारतीय महापंचायत संघटन शुरू किया था | कुछ दिनों बाद मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से नजदीकी बढ़ानेऔर उत्तर भारतीयों में मशहूर होने के लिए संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया था | लेकिन इस कार्यकम में राज ठाकरे ने हिंदी भाषा में भाषण करते हुए उत्तर भारतीयों को ही खरी खोटी सूना कर चले गए |
इसके बाद से उसकी नजदिकिया मनसे नेताओ के साथ उसके नजदीकी बढ़ गई | उसके बाद फेसबुक पर राज ठाकरे , मनसे नेता संदीप देशपांडे , बाला नांदगांवकर सहित कई लोगो के साथ फोटो पोस्ट किया है | लेकिन मनसे के तरफ से अब ट्वीट कर सफाई दी गई है की विनय दुबे से कोई संबंध नही है |