वापस लौटे श्रमिकों को रोजगार देने की योजना में जुटी योगी सरकार, बनाया रही ये बड़ा प्लान…

लखनऊ :  यूपी की योगी सरकार ने अन्य राज्यों से यूपी लौटने वाले कामगारों और श्रमिकों के लिए 20 लाख रोजगार देने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। जिन क्षेत्रों में श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा, उसमें रेडिमेड गारमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, गो आधारित उत्पाद, फूलों की खेती और फूलों से बनने वाले उत्पादों से जुड़े उद्योग शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में भी रोजगार देने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

शनिवार को टीम-11 की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कैबिनेट ने श्रम कानून में संशोधन करने का फैसला किया है। जल्द ही इसका आदेश भी जारी कर दिया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार देने के लिए योगी ने यूपी को रेडिमेड गारमेंट का हब बनाने को भी कहा है।

श्रमिकों की रुचि के अनुसार मिलेगा काम
प्रदेश में दूसरे राज्यों से जो भी श्रमिक आ रहे हैं, उनका पूरा विवरण तैयार किया जा रहा है कि वे किस क्षेत्र में काम करते हैं। उसी के अनुसार श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा। श्रमिकों का बेहतर इस्तेमाल हो सके इसके लिए रॉ मटीरियल बैंक की स्थापना होगी। साथ ही उनके तुरंत भुगतान की व्यवस्था भी होगी। प्रॉडक्ट डिवेलपमेंट और मार्केटिंग के लिए एक अलग संस्था बनेगी, जिससे श्रमिकों को उनके बनाए उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सके।

क्वारंटीन पूरा होते ही देंगे काम: योगी

दूसरे प्रदेशों से जो श्रमिक आ रहे हैं, उनका क्वारंटीन पीरियड पूरा होने के बाद सरकार उन्हें रोजगार मुहैया करवाएगी। शुरुआती दौर में श्रमिकों को मनरेगा, ईंट भट्टे, चीनी मिलें और जिलों में चल रहे एमएसएमई उद्योगों में समायोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी देश का पहला राज्य है, जिसने दूसरे प्रदेशों में रह रहे अपने श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी की शुरुआत की।

मार्च के अंतिम हफ्ते से नई दिल्ली से शुरू यह सिलसिला जारी है। अब तक विभिन्न राज्यों से ट्रेनों और बसों के जरिए करीब आठ लाख श्रमिक लाए जा चुके हैं। उम्मीद है कि कुल 20 लाख प्रवासी इस दौरान अपने घरों को लौटेंगे। इन सबको स्थानीय स्तर पर उनके हुनर के अनुसार रोजगार देने को हम प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए दीर्घकालीन और अल्पकालीन दोनों तरह की योजनाएं सरकार के पास हैं।

नई नगर पंचायतों में पदों के सृजन की प्रक्रिया शुरू
हाल ही में ग्रामीण इलाकों को शहरी निकायों का दर्जा देकर बनीं नगर पंचायतों में काम देखने के लिए पदों के सृजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शासन ने सभी 56 नगर पंचायतों को आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें एक अधिशासी अधिकारी, एक टैक्स कलेक्टर और एक चपरासी के रखे जाने की व्यवस्था फिलहाल की गई है। आगे आने वाले समय में इन पदों और इजाफा किया जाएगा। शासन ने पदों की अनुमति देने के बाद यह तय किया है कि इनपर होने वाले खर्च का वहन शहरी निकायों को स्वयं अपने खर्च से करना होगा।

बीते साल दिसंबर के बाद से जनवरी तक 56 शहरी निकायों का गठन सरकार ने किया था। इसके अलावा तकरीबन 40 शहरी निकायों की सीमा में विस्तार किया था। लेकिन तब ग्रामीण इलाकों में चल रही योजनाओं पर कोई असर न पड़े, इसके लिए यह तय किया गया था कि 31 मार्च तक निकाय भले ही शहरी हो गए हों लेकिन जो योजनाएं पहले चल रही थीं, उन्हें बरकरार रखा जाएगा। एक अप्रैल से इन शहरी निकायों में शहरों में चलने वाली योजनाओं को लागू किया जाना था।

हालांकि इसके पहले ही कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन की स्थिति आ गई और निकायों में काम शुरू नहीं हो सका है। अब जबकि लॉकडाउन में छूट के बाद अब इसके अंत की तरफ बढ़ने की उम्मीद की जा रही है तो शहरी निकायों का काम सुचारु रूप से हो सकेगा, इसके लिए तैयारी की जा रही है। इन्हीं तैयारियों के क्रम में तकरीबन पदों के सृजन की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए प्रस्ताव पर वित्त विभाग से सहमति ली जा चुकी है।

सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए महिलाओं को मौका
महिलाओं को रोजगार देने के लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप का सहारा लिया जाए। जिलों में चल रहे सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए इन महिलाओं को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजों को बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि इनका उत्पादन किया जा सके। सरकार इन उत्पादों के लिए बाजार मुहैया करवाने में भी मदद करेगी।

2 दिन में आएंगी 98 ट्रेनें
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि शनिवार शाम तक 114 ट्रेनों से करीब 1 लाख 20 हजार लोग यूपी पहुंच गए हैं। बीते दो दिनों में हरियाणा से पांच हजार से ज्यादा और राजस्थान से दस हजार से अधिक लोगों को लाया गया है। प्रदेश में सबसे अधिक 11 ट्रेनें लखनऊ और गोरखपुर में आई हैं, जो एक रेकॉर्ड है। अगले दो दिनों में प्रदेश में 98 और ट्रेनें आएंगी। उन्होंने बताया कि स्टेशन पर उतरते ही श्रमिकों का क्वारंटीन सेंटर में मेडिकल चेकअप किया जाता है। इसके बाद उन्हें गृह जनपदों तक पहुंचा दिया जाता है। अपर मुख्य सचिव के मुताबिक, प्रदेश में अभी कोरोना मरीजों का रिकवरी प्रतिशत 42 है। मुख्यमंत्री ने इसे और बेहतर करने का निर्देश दिया है।

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