इन 8 बैंक में अकाउंट है तो आज ही कर लें ये सबसे जरूरी काम, 1 अप्रैल से बदल जाएंगे नियम

पहली अप्रैल से देश के अलग-अलग कई सेक्टरों में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. नियमों में तब्दीली नजर आएंगी. ऐसे में अगर आपका खाता इन 8 बैंकों में से किसी में है तो ये खबर आपको जान लेना बेहद जरूरी है.

मोदी सरकार ने हाल ही में देना बैंक, विजया बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इलाहाबाद बैंक का दूसरे बैंकों में मर्जर कर लिया था. जिस कारण 1 अप्रैल 2021 से इन आठ बैंकों के ग्राहक की पुरानी चेक बुक, पासबुक और इंडियन फाइनेंसियल सर्विस कोड यानी IFSC इनवैलिड हो जाएगी. कहने का मतलब ये है कि 1 अप्रैल से आपका पुराना चेकबुक किसी काम का नहीं रहेगा. तो आइए अब जान लीजिए सबकुछ…

चेक बुक के लिए जरूरी जानकारी

  1. 1 अप्रैल से मर्ज होने वाले बैंकों की चेकबुक मान्य नहीं होगी. आपको एंकर बैंकों (जिसमें अन्य बैंक विलय कर रहे हैं) से नई चेकबुक प्राप्त करने की जरूरत होगी. बैंकों के चेक से भुगतान बंद हो जाएगा. ऐसे में अगर आपका बैंक खाता भी इन सार्वजनिक बैंक में है तो समय रहते चेक बुक बदलवा लें.
  2. बैंकों की वेबसाइटों के अनुसार, उदाहरण के लिए, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की चेकबुक 31 मार्च तक ही मान्य होगी. दोनों बैंकों का पंजाब नेशनल बैंक में विलय हो गया है.
  3. अगर आप सिंडिकेट बैंक ग्राहक हैं तो आप 30 जून तक अपनी चेकबुक का उपयोग कर सकते हैं. क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ बैंकों को एक या दो तिमाही के लिए पुरानी चेकबुक जारी रखने की अनुमति दी है.
  4. आपका बैंक आपको चेक बुक और पासबुक चलाने की कब तक अनुमति देता है इसके लिए आपको बैंक से लगातार अपडेट लेना पड़ेगा. यदि आपने पोस्ट-डेटेड चेक दिए हैं, तो आपको नई चेकबुक मिलते ही उन्हें एक नए से बदलना होगा. IFSC और MICR कोड कुछ बैंकों के लिए बदल जाएगा.
  5. अगर आप किसी को अपनी बैंक डिटेल देते हैं तो आपको अपडेटेड आईएफएससी कोड देना होगा. आप अपने नए आईएफएससी कोड का पता बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए भी पता कर सकते हैं.
  6. मनी ट्रांसफर के मामले में भी, IFSC और MICR कोड कुछ बैंकों के लिए बदल जाएगा और कुछ बैंको के लिए भी वही रहेगा.
  7. जैसे कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में खाता संख्या नहीं बदली है, केवल IFSC कोड बदल गया है. हर बैंक का माइग्रेशन अलग होता है.
  8. आपको फिर से अपने बैंक के साथ जांच करनी होगी कि क्या बदल गया है और क्या नहीं. आपको लोन और अन्य भुगतान जैसे जीवन बीमा और म्यूचुअल फंड निवेश के लिए अपने ईसीएस निर्देशों को भी बदलने की आवश्यकता होगी.
  9. यदि आपने विलय वाले बैंकों से लोन लिया है, तो एंकर बैंक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा. इसमें कुछ बैंक के लिए अपडेट किए गए नियम और शर्तें और दरें हो सकती हैं. इस बारे में बैंको से पता करें.
  10. जहां तक ​​फिक्स्ड डिपॉजिट का सवाल है, बैंक ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेंगे. लेकिन नवीकरण पर, एंकर बैंक उनके साथ दरों को संरेखित कर सकता है.

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