इमरान बोले इस्लाम पर हमला कर रहे हैं फ्रांस के राष्ट्रपति तो मैक्रों ने कर दी बोलती बंद

पाकिस्तान में इस्लाम के नाम पर आतंकवादी पैदा किए जाते हैं. इसके लिए यहां की सरकार फौज और खुफिया एजेंसी आईएसआई बाकायदा योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है. पाकिस्तान की ये हरकत किसी से छुपी नहीं है. संयुक्त राष्ट्रसंघ से लेकर आतंकवाद और आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने वाली संस्था एफएटीएफ सवाल खड़े कर चुकी है. संयुक्त राष्ट्रसंघ की सूची में जिन आतंकवादियों का नाम है, उन्हें पाकिस्तान खुलेआम आश्रय दे रहा है. एफएटीएफ ने तो पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला हुआ है और चेतावनी दी है. इस सब के बाद भी जब ये देश दूसरे देश में आतंक की बात करता है तो लगता है कि इससे नीच राष्ट्र पूरी दुनिया में दूसरा नहीं होगा.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फ्रांस में हुई हालिया घटनाओं पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया तो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने करारा जवाब देकर बोलती बंद कर दी. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट कर कहा, ‘हम कभी ऐसा नहीं होने देंगे. हम शांति की भावना में सभी मतभेदों का सम्मान करते हैं. हम अभद्र भाषा को स्वीकार नहीं करते हैं और तर्कसंगत बहस का बचाव करते हैं. हम हमेशा मानवीय गरिमा और सार्वभौमिक मूल्यों के लिए खड़े रहेंगे.’


पाक पीएम इमरान खान ने कहा था, ‘राष्ट्रपति मैक्रों रेसिज्म और ध्रुवीकरण हटाने की बजाय अतिवादियों को हीलिंग टच और अस्वीकृत स्थान देने में लगे हैं, जो निश्चित रूप से उनकी कट्टरवादी सोच को दिखाता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति मैक्रों हिंसा करने वाले आतंकवादियों के बजाय इस्लाम पर हमला करके इस्लामोफोबिया को प्रोत्साहित कर रहे है. अफसोस की बात है कि राष्ट्रपति मैक्रो ने इस्लाम और इस्लाम के रहनुमा पैगंबर साहब को निशाना बनाने वाले कार्टून के प्रदर्शन को बढ़ावा दिया हैं और जानबूझकर मुसलमानों को भड़कने पर मजबूर कर रहे हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘फ्रांस के राष्ट्रपति को इस्लाम की कोई समझ नहीं है, फिर भी उन्होंने इस पर हमला करके यूरोप और दुनिया भर में लाखों मुसलमानों की भावनाओं पर हमला किया और उन्हें चोट पहुंचाई.’


आपको बता दें कि 16 अक्टूबर को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाते हुए छात्रों को पैगंबर मोहम्मद का विवादित कार्टून दिखाने वाले टीचर सैमुअल पैटी का गला काट दिया गया था. इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने टीचर को श्रद्धांजलि दी थी और कहा था कि टीचर को मार दिया गया, क्योंकि इस्लामवादी हमारा भविष्य चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि फ्रांस में इस्लामिक अतिवादियों को लिए जगह नहीं है.

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