उंगलियां चटकाने की आदत नहीं है मामूली, आपको शिकार बना लेगी ये गंभीर बीमारी

इंसान को अलग-अलग तरह की आदतें होती हैं. किसी को नाखून चबाने की आदत होती है तो किसी को बैठे-बैठे पैर हिलाने की. किसी को नहाते वक्त गाना गुनगुनाने की आदत होती है तो किसी को साफ़-सफाई करने की. कुछ आदतें अच्छी होती हैं तो कुछ बुरी. आदत अच्छी लगे तो अच्छा है लेकिन बुरी आदत की लत लग जाने पर जिंदगी बर्बाद हो जाती है.घर पर या फिर ऑफिस में बैठे-बैठे या कुछ लिखते समय उंगलियां चटकाना कई लोगो की आदत में शुमार होता है। अक्सर लोग इसे शौक या मामूली आदत मानती हैं। भले ही उंगुलियों के चटकने के बाद हाथों को काफी आराम मिलता है, लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि आपका ये शौक आपको गंभीर बीमारी का शिकार बना सकता है।

यहां तक कि कुछ लोग तो गर्दन की हड्डियां भी सुबह-सुबह उठकर चटकाती हैं। मेरी ऑफिस में काम करने वाली एक महिला को तो मैंने अक्‍सर अपनी गर्दन की हड्डियो को चटकाते हुए देखा है। उसका कहना हैं कि उसे ऐसा करने से आराम महसूस होता है। लेकिन शायद वह ये बात नहीं जानती हैं कि इस तरह से हड्डियों को या उंगुलियों को चटकाना काफी नुकसानदेह होता है। आइए जानें उंगलियों को चटकाने से आपकी हेल्‍थ को कैसे नुकसान हो सकता है।

क्यों पड़ती है उंगलियां चटकाने की आदत?

इस आदत कोई किसी को सिखाता भी नहीं है। तो ऐसे में सवाल उठता है कि ये आदत कैसे पड़ती है? दरअसल उंगलियों को चटकाने से जोड़ों के आस-पास की मसल्स और हाथों को आराम मिलता है। इसलिए ज्‍यादातर महिलाएं लिखते-पढ़ते या ऑफिस व अन्य जगह में बैठे-बैठे ही उंगलियां चटकाने लगती हैं, क्योंकि ऐसा करने से उन्हें आराम मिल जाता है।

उंगलियों को चटकाने के नुकसान

उंगलियों को चटकाने से हडि्डयों बुरा प्रभाव पड़ता है। हाथ, पैर की उंगलियां चटकाने से काम करने की क्षमता कमजोर होती है। इसलिए उंगलियां चटकाने की आदत को छोड़ना होगा।

उंगलियों के जोड़ और घुटने के जोड़ों में सिनोवियल फ्लूइड लिक्विड पाया जाता है। यह लिक्विड हड्डियों को जोड़ने में मददगार है। यह लिक्विड हमारी हडि्डयों के जोड़ों में ग्रीस का काम करता है। यह लिक्विड हडि्डयों को एक दूसरे से रगड़ खाने से रोकता है। उस लिक्विड में मौजूद गैस जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड नई जगह बनाती जिससे हड्डियों मे बुलबुले बन जाते हैं।

जब उंगलियों को चटकाते हैं तो वही बुलबुले फूटते हैं। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि उंगलियों के बार-बार चटकाने से सिनोवियल फ्लूइड लिक्विड कम होने लगता है। सिनोवियल फ्लूइड लिक्विड के ख़त्म होने से अर्थराइटिस हो सकता है और जोड़ों को बार-बार खींचने से हडि्डयों की पकड़ भी कम हो सकती है। इसलिए उंगलियां चटकाने से बचे।

उंगलियां चटकाने से हाथ में सॉफ्ट टिश्यूज में सूजन आ सकती है। लंबे समय से उंगलियां चटकाने का बुरा असर पड़ सकता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने इस पर रिसर्च करके बताया है कि इस तरह से उंगलियों को चटकाने से हड्डियां कमजोर होती हैं।

इस तरह दूर करें अपनी ऊँगली चटकाने की आदत

अपने हाथ व्यस्त रखें

हाथ में पेंसिल या सिक्के रखे रहें ताकि उंगलियां चटकाने की जरूरत न महसूस हो।

रबर बैंड का करें इस्तेमाल

कुछ लोग इस आदत से छुटकारा पाने के लिए कलाई पर रबर बैंड का इस्तेमाल करते हैं

थेरेपिस्‍ट की मदद ले

अगर इस आदत से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है, तो डॉक्टर या थेरेपिस्ट कुछ तरह की बिहेवेरियल थेरेपी दे सकते हैं।

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