उत्तरकाशी : सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, जानिए कौन-सी नई मशीन मंगाई गई?

उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। घटना के 6 दिन बीत जाने के बाद भी मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी मशीन की मदद ली जा रही है। इसकी मदद से ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया गया है।

 सिल्क्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में बीते 6 दिनों से 40 मजदूर फंसे हैं। रेस्क्यू टीम ने गुरुवार को फिर से अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू किया है। बता दें कि पहले एक ऑगर मशीन को देहरादून से मंगाया गया था मगर वो मशीन खराब हो गई थी। इसके बाद एयर फोर्स के विमान से अमेरिकन ऑगर मशीन को दिल्ली से उत्तरकाशी में एयरलिफ्ट किया गया।


जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से रेस्क्यू
अब नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। इस हैवी ऑगर मशीन को इंस्टालेशन करने का काम पूरा कर लिया गया है। 9 मीटर पाइप बिना किसी परेशानी के ड्रिल हो जाने से रेस्क्यू टीम को उम्मीद जगी है। उम्मीद जताई जा रही है कि एस्केप टनल बनाकर मजदूरों को बाहर निकाला जा सकेगा।

इस वजह से रेस्क्यू में हो रही परेशानी

बता दें कि मजदूर टनल के एंट्री प्वाइंट से करीब 200 मीटर अंदर फंसे हैं। रेस्क्यू टीम को परेशानी इस वजह से हो रही है कि टनल का यह हिस्सा बेहद कमजोर है। जितना मलबा निकला जाता उससे ज्यादा मलबा दोबारा उपर से गिर जाता है। यही वजह है कि हादसे के 6 दिन बीत जाने के बाद भी रेस्क्यू टीम मजदूरों तक पहुंच नहीं पाई है।

स्टील पाइप की मदद से बाहर आएंगे मजदूर

नई जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन  की मदद से मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। लगभग 50 मीटर से ज्यादा लंबे मलबे के बीच 800 और 900 मिलीमीटर चौड़े स्टील पाइप डाले जा रहे हैं। रेस्क्यू टीम कोशिश कर रहै कि मलबे के आर-पार स्टील पाइप डालकर अंदर से एक-एक मजदूरों को निकाल जा सका। 

बता दें कि सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच बन रही सुरंग का एक हिस्सा रविवार, 12 नवंबर को अचानकर गिर गया था। हादसे में 40 मजदूर टनल के अंदर फंस गए। मजदूरों को सुरंग के अंदर ऑक्सीजन, पानी और खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। वॉकी-टॉकी से बातचीत भी हो रही है। बताया जा रहा है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं।

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