उत्तर प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण की जांच को लेकर नया प्रोटोकाल जारी, इन लक्षण वाले मरीज की ही होगी जांच

यूपी में अब कोरोना के लक्षण वाले लोगों का ही टेस्ट किया जाएगा। ऐसे लोग जिन्हें खांसी, बुखार, गले में खराश व सांस लेने में दिक्कत हैं, उन्हीं का सैंपल लिया जाएगा। ऐसे 19 देश जहां कोरोना का संक्रमण ज्यादा है, वहां से आ रहे सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट होगा। बाकी देशों से आने वाले यात्रियों में से केवल दो प्रतिशत की ही जांच की जाएगी। रेलवे व बस स्टेशन पर भी थर्मल स्क्रीनिंग कर ऐसे लोग जिन्हें बुखार है, उनकी जांच की जाएगी।

अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से शुक्रवार को प्रदेश में कोरोना जांच के लिए नया प्रोटोकाल जारी कर दिया गया। अब कोरोना रोगियों के संपर्क में आने वाले ऐसे लोग जो बुजुर्ग हैं या फिर किसी गंभीर रोग से ग्रस्त हैं, उन्हीं की जांच कराई जाएगी। होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज होने वाले रोगियों की जांच नहीं होगी। दूसरे राज्यों से आ रहे लक्षण विहीन लोगों की जांच नहीं होगी। 

वहीं, कोरोना संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सदस्य व उनके सहायकों की जांच होगी। दूसरे देश की यात्रा पर जा रहे व्यक्ति की जांच उस देश के कोरोना प्रोटोकाल के अनुसार होगी। अस्पतालों में भर्ती मरीज जिनकी सर्जरी होनी है या गर्भवती महिला के प्रसव आदि में अगर कोई इमरजेंसी है तो जांच रिपोर्ट के इंतजार नहीं किया जाएगा। कोरोना के लक्षण होने पर ही जांच होगी। बिना जरूरत जांच नहीं होगी। सभी अस्पतालों में कोरोना जांच के सैंपल लेकर उन्हें प्रयोगशाला भेजने का इंतजाम करना होगा। कोरोना जांच के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल मरीज नहीं भेजे जाएंगे। घर पर स्वयं जांच व रैपिड एंटीजन टेस्ट में पाजिटिव पाए गए रोगियों की दोबारा जांच नहीं होगी। 

यदि जांच निगेटिव आती है लेकिन व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं तो जांच की जाएगी। कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक सर्विलांस कंसोर्टियम (इंसाकाग) से मान्यता प्राप्त लैब में ही कराई जाएगी। ज्यादा जोखिम वाले 19 देशों से आने वाले लोगों की जांच के लिए एयरपोर्ट पर सैंपल लिया जाएगा। उन्हें वहीं क्वारंटाइन सेंटर पर रखा जाएगा। रिपोर्ट अगर पाजिटिव है तो कोरोना अस्पताल में भर्ती होंगे। निगेटिव होने पर भी सात दिन घर पर क्वारंटाइन रहना होगा। आठवें दिन फिर सैंपल लिया जाएगा। ज्यादा जोखिम वाले देशों में यूके, चीन, दक्षिण अफ्रीका, चीन, बोत्सवाना, ब्राजील, घाना, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, तंजानिया, हांगकांग, इजराइल, कांगो, इथोपिया, कजाकिस्तान, केनिया, नाइजीरिया, जाम्बिया व ट््यूनीशिया शामिल है।

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