कोरोना महामारी के बाद के दो खतरों को लेकर अरबपति बिजनेसमैन ने दी दुनिया को चेतावनी

वॉशिंगटन
माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक और अरबपति बिजनेसमैन बिल गेट्स ने कोरोना वायरस महामारी के बाद के दो खतरों को लेकर दुनिया को चेतावनी दी है। यूट्यूब चैनल वेरिटासियम को दिए इंटरव्यू में बिल गेट्स ने कहा कि केवल कोविड-19 ही मानवता के लिए अंतिम खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जैव आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से पैदा होते खतरे वर्तमान की महामारी से भी कई गुना ज्यादा घातक होंगे।

भविष्य के खतरे पर कोई नहीं कर रहा बात
बिल गेट्स ने कहा कि दुनिया में कई ऐसे खतरे भी हैं जिनके बारे में कोई बात करना नहीं चाहता है। कोई भी व्यक्ति वायरस को म्यूटेट कराकर मानवता के खिलाफ खतरा बन सकता है। इससे सबसे बड़ा खतरा यह है कि इस म्यूटेटड वायरस के संक्रमण की रफ्तार मौजूदा महामारी से अधिक हो सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य की महामारी वर्तमान में जारी कोरोना वायरस के संक्रमण से कई गुना अधिक घातक होगी।

10 गुना अधिक खतरनाक होगी आने वाली महामारी
पिछले महीने ही बिल गेट्स ने जर्मन मीडिया से बात करते हुए चेतावनी दी थी कि हम भविष्य में आने वाली महामारी के लिए अभी तक तैयार नहीं हुए हैं। उन्होंने दुनिया भर की सरकारों से अपने नागरिकों को संभावित नई बीमारियों से बचाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि यह महामारी खराब है, लेकिन भविष्य की महामारी 10 गुना अधिक गंभीर हो सकती है। गेट्स ने दावा किया कि अगर कोरोना वायरस महामारी आज से पांच साल पहले आई होती, तो दुनिया इतनी जल्दी वैक्सीन नहीं बना पाती।

वैक्सीन राष्ट्रवाद को लेकर चेताया
बिल गेट्स ने उन वैज्ञानिकों और संगठनों की प्रशंसा की जिन्होंने कोविड वैक्सीन बनाने में अपना सहयोग दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने वैश्विक नेताओं से वैक्सीन राष्ट्रवाद से बचने की भी अपील की। गेट्स ने कहा कि सभी को वैक्सीन के उचित वितरण के सहयोग करना चाहिए।

क्या है ‘वैक्सीन राष्ट्रवाद’?
जब कोई देश सिर्फ अपने नागरिकों या अपने यहां रहने वाले लोगों के लिए वैक्सीन डोज सुरक्षित करने की कोशिश करता है तो इसे ‘वैक्सीन राष्ट्रवाद’ नाम दिया जाता है। ऐसी स्थिति तब होती है जब कोई देश वैक्सीन को अन्य देशों में उपलब्ध होने से पहले ही उन्हें अपने घरेलू बाजार और अपने नागरिकों के लिए एक तरह से रिजर्व करने की कोशिश करता है। इसके लिए संबंधित देश की सरकार वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर के साथ प्री-परचेज अग्रीमेंट कर लेती है।

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