क्रूर कोरोना ने कैसे दिन दिखाए : एक साथ हुई 3 भाइयों की मौत, लावारिस की तरह हुए अंतिम संस्कार

देशभर में कोरोना का हाहाकार मचा हुआ है, हर तरफ से मौतों की खबरों का सिलसिला जारी है। अस्पतालों में मरीजों की कतारें लगी हैं तो श्मशान तक में मरने वालों की चिताओं को जलाने के लिए लाइनें 24 घंटे लगी हुयी हैं। यह डरावनी स्थिति लगातार बेकाबू होती जा रही है।

उत्तर प्रदेश का लखनऊ हो या फिर गुजरात का सूरत या फिर किसी अन्य महानगर का कोई श्मशान घाट चौबीसों घंटे लाशों को लिए परिजनों की कतारें लगी हुयी हैं। भयावहता इतनी ज्यादा है कि सूरत में लाशघर की चिमनी तक पिघल चुकी है।कोरोना का डर लोगों के जेहन में इस कदर बैठ गया है कि कोरोना से हुई मौत तो छोड़िये साधारण मौत पर भी लोग मृतक के पास जाने से कतरा रहे हैं। गोरखपुर में शिक्षक पुत्र और पिता की मौत के बाद अब एक साथ परिवार में 3 मौतों का मामला यूपी के लखीमपुर खीरी जिले से सामने आया है। यहां एक ही परिवार में 3 भाइयों की एक के बाद एक मौत हो गयी, मगर कोरोना के खौफ से अंतिम संस्कार के लिए लाशों को उठाना तो दूर लोग परिवार के पास तक नहीं आये।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक लखीमपुर खीरी के मोहल्ला शांतिनगर में 8 घंटे में तीन भाइयों की मौत हो गयी। तीनों भाई पेशे से व्यापारी थे। शुक्रवार 16 अप्रैल को एक व्यापारी की मौत हो गई थी, जिसके बाद दो भाइयों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।सबसे छोटे भाई की मौत के बाद परिवार वाले उसका अंतिम संस्कार करके वापस लौटे ही थे कि अस्पताल में भर्ती दोनों भाइयों ने भी एक के बाद एक दम तोड़ दिया। अचानक तीन भाइयों की 8 घंटों में मौत के बाद आस-पड़ोस के लोगों में कोरोना का डर फैल गया और डर के मारे लोग लाशों के पास तक नहीं आये।

जानकारी के मुता​बिक लखीमपुर खीरी के संतोष नगर निवासी व्यापारी सुशील अग्रवाल, अनिल अग्रवाल और अतुल अग्रवाल की मेला रोड पर आरा मशीन चलती है। तीनों भाइयों के बच्चे नहीं हैं इसलिए सुशील ने एक लड़की, अतुल और अनिल ने एक-एक लड़का गोद लिया था। शुक्रवार 16 अप्रैल की सुबह सबसे पहले छोटे भाई अतुल की मौत हुई थी। अतुल की शादी भी नहीं हुई थी। पड़ोसियों के सहयोग से तब परिवार ने उसकी लाश को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट तक पहुंचाया था।अंतिम संस्कार के बाद शाम होते-होते बड़े भाई सुशील की भी मौत हो गई। कुछ लोग दोनों की मौत का कारण समझ पाते कि तीसरे भाई ने भी दम तोड़ दिया। एक साथ तीन मौतों से पूरे मोहल्ले के लोग हैरान हैं, और डर का माहौल व्याप्त है।

मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक दोनों भाइयों की मौत के बाद उन्हें जब पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया तो पोस्टमार्टम करने से भी इनकार कर दिया गया। दूसरी तरफ मोहल्लों वालों ने पैसा इकट्ठा करके लावारिस लाश ढोने वाले कमरुद्दीन को बुलाया और दोनों भाइयों की लाशों का लावारिस से अंतिम संस्कार करवाया। हालांकि जिस अस्पताल में दोनों भाई भर्ती थे, वहां के प्रशासन ने दोनों की कोरोना से मौत होने की बात से इनकार किया है। मगर तीनों भाइयों की मौत कैसे हुई, अभी तक इसका खुलासा नहीं हो पाया है।

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