गजब हैं ये नन्हे दाने, वजन घटाएं और खूबसूरती बढ़ाएं, पीरियड्स में भी काम आएं

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई चाहता है वह चुस्त-दुरुस्त रहें लेकिन अफसोस कि उसे समय नहीं मिल पाता है। आज के समय मे व्यक्ति पैसा कमाने में इतना मशगुल हो चुका है कि वह अपने खाने-पीने के से लेकर स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाता है। इस लापरवाही के कारण कब शरीर में कौन सी बीमारी घर कर जाती है। इसका पता भी नहीं चल पाता है और कब यह गंभीर रूप ले लेती हैं इस बात की भी जानकारी नहीं हो पाती है आज हम आपको एक ऐसी समस्या के बारे में बताने वाले हैं जिस से आधे से ज्यादा लोग परेशान रहते हैं।

आप सभी मेथी के बारे में जरूर जानते होंगे ये हर भारतीय घरों के किचन में आसानी से पाई जाने वाली वस्तु है। जी हां आपको बता दें कि इसे हम खाने में मसाले के रूप में प्रयोग करते हैं या फिर इसकी हरी पत्तियों को साग के रूप में सेवन करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये एक बेहद ही खास तरह की जड़ी बूटी होती है। जी हां और यही कारण है कि ये हमारे स्वास्थ के लिए बेहद ही ज्यादा फायदेमंद है ये हम नहीं बल्कि आयुर्वेद में भी माना गया है।
आपको बताते चलें कि मेथी के अंदर कई सारे ऐसे गुण पाए जाते हैं जिससे वो कई तरह के रोगों का उपचार करने में सक्षम है इतना ही नहीं ये पुराने समय से ही आयुर्वेद में दवाइयां बनाने के लिए कई बार मेथी का प्रयोग किया जाता था। वहीं ये बात भी सच है कि मेथी जितना ही फायदेमंद है लेकिन उसके बीजों का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है मगर इसकी खुशबू काफी अच्छी होती है। तो आइए जानते हैं मेथी के कई सारे फायदे और नुकसान के बारे में
डायबिटीज में
सबसे पहले तो आपको बता दें कि मेथी में रक्‍त शर्करा को कम करने के गुण पाए जाते है। कुछ अध्‍ययन बताते है कि मैथी के बीजों का सेवन करने से टाईप-2 डायब्‍टीज लोगों के खून में शुगर का स्‍तर कम होता है। मेथी के बीजों को प्रतिदिन 5 – 50 ग्राम तक खाना चाहिए। टाइप-1 मधुमेह वाले लोगों में मैथी के उपयोग से मूत्र में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है।
मासिक धर्म में
आपको बता दें कि मेथी का प्रयोग मासिक धर्म के समय होने वाले असहनीय दर्द में राहत प्रदान करता है। अगर मेंथी पाउडर का उपयोग मासिक धर्म के तीन दिन पहले से इस्‍तेमाल किया जाए तो इस प्रकार की समस्‍या से बचा जा सकता है। इसके अलावा मेथी में एस्‍ट्रोजेन जैसे गुणों के साथ डायोजजेनिन और इससोफ्लावोन जैसे यौगिक होते है जो मासिक धर्म से जुड़े ऐंठन जैसे लक्षणों को कम करने में मदद करते है।
त्वचा के लिए
यदि स्किन प्रॉब्लम्स जैसे- रिंकल्स, ब्लैकहेड्स, पिंपल्स, ड्राईनेस आदि से परेशान हैं, तो मेथी की पत्तियों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं और क़रीब 20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें.
स्तनपान कराने में
अगर आप नई नई मां बनी है और आपको स्तनपान कराने में समस्या हो रही है तो मेथी पाउडर का सेवन स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध उत्‍पादन बढ़ता है। कुछ अध्‍ययन यह भी बताते है कि मैथी को अकेले ही या अन्‍य पदार्थो के साथ चाय के रूप में लेने पर भी दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।
ये तो हुआ मेथी के फायदे अब बात करते हैं मेथी से होने वाले नुकसान के बारे में जिसे जानना भी बेहद जरूरी है।

  1. सबसे पहले तो बता दें कि मेथी की तासीर गर्म होती है और इसके ज्यादा सेवन करने से आपको दस्त की समस्या भी हो सकती है, वो भी खासतौर पर स्तनपान कराने वालीं महिलाओं को ये समस्या होती है तो उन्हें इसे तुंरत बंद कर देना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे को भी दस्त की शिकायत हो सकती है।
  2. त्वचा की समस्या से छुटाकारा पाने के लिए इसे अपनाने से पहले कहीं थोड़ा सा लगाकर चेक कर लें क्योंकि कई लोगों को इससे एलर्जी भी होती है।
  3. ध्यान रहे कि मेथी का ज्यादा सेवन खट्टी डकार, पेट में सूजन आदि समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए जब भी मेथी खाएं कम मात्रा में ही खाएं।
  4. प्रेगनेंसी के दौरान अगर आप मेथी का सेवन कर लेती है तो इससे आपको इंटरनल ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।

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