गोरखपुर : पत्नी, दो बच्चों की गला रेतकर हत्या, फिर किया सुसाइड, कर्ज में डूबा था परिवार

गोरखपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है। यहां पति ने पत्नी और दो बच्चों की गला रेतकर हत्या कर दी। फिर खुद आग लगाकर सुसाइड कर लिया। रविवार सुबह पड़ोसियों ने घर से धुआं निकलता देखा तो दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। तुरंत पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुंची पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी। कमरे में चारों के शव पड़े हुए थे। पुलिस ने कमरा सील करके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। घटना गोला इलाके के देवकली गांव की है। सूचना पाते ही DM और SSP भी गांव पहुंचे।

रोशनदान से निकल रहा था धुआं

देवकली गांव में इंद्र बहादुर मौर्य (42) पत्नी सुशीला (38), बेटी चांदनी (10) और बेटे आर्यन (8) के साथ रहते थे। रविवार सुबह आस-पास के लोगों ने देखा कि इनके घर के रोशनदान से धुआं निकल रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी। कमरे में चारों के शव पड़े हुए थे। तुरंत फोरेंसिक टीम को बुलाया गया।

पत्नी और दोनों बच्चों की गर्दन और पेट पर चाकू के निशान थे। उनकी गला रेतकर हत्या की गई थी। इसके बाद, पिता इंद्र बहादुर ने कमरे में मिट्‌टी का तेल डालकर खुद को आग लगा दी। इससे पूरा कमरा जल गया। कमरे में पत्नी और बच्चों के अधजले थे, जबकि इंद्र बहादुर का शव पूरी तरह जल चुका था।

सूदखोर बना रहे थे दबाव
इंद्र बहादुर सब्जी की दुकान लगाते थे। उनकी शादी महाराजगंज जिले के रजई गांव में 20 साल पहले हुई थी। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि इंद्र बहादुर शराब और जुएं का आदी था। उसने गांव के लोगों से सूद पर कर्ज ले रखा था।

कर्ज की वजह से घर को छोड़ बाकी अन्य प्रॉपर्टी या तो वह बेच चुका था या जुएं में हार चुका था। इसी बात को लेकर परिवार में अक्सर विवाद होता था। जबकि, सूदखोर लगातार कर्ज चुकाने का दबाव बना रहे थे। हालांकि, पुलिस ने अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इंद्र बहादुर पर कितना कर्ज था? इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

पिता की हो चुकी थी मौत, मां बेटी के पास रहती है

दरअसल, दो साल पहले तक इंद्र बहादुर का पूरा परिवार साथ ही रहता था। लेकिन, कोरोना काल में दो साल पहले इंद्र बहादुर के पिता श्याम बिहारी की मौत हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक, इंद्र बहादुर का भाई जय बहादुर भी कर्ज की वजह से करीब 3 साल पहले परिवार संग गांव छोड़कर भाग गया था। पिता की मौत पर भी जय बहादुर गांव नहीं आया था। इनकी इन्हीं हरकतों की वजह से मां मजबूर होकर बेटी के पास भिलाई रहने चली गईं।

कमरे में पति-पत्नी के बीच संघर्ष के निशान
फोरेंसिक टीम ने जांच की तो पत्नी और दोनों बच्चों के शरीर पर चाकू के कई निशान थे। गले के अलावा उनके पेट पर भी चाकू से हमला किया। कमरे में भी संघर्ष के निशान नजर आए हैं। पुलिस को आशंका है कि पत्नी ने बचने की कोशिश की है। लेकिन, इंद्र बहादुर ने उसकी हत्या कर दी। बाद में दोनों बच्चों को भी मार डाला। काफी देर तक कमरे में वह अकेला रहा है। जब कुछ समझ नहीं आया तो उसने भी आग लगाकर जान दे दी।

साले ने दी तहरीर, बोला-बहनोई जुआ खेलने का आदी था
घटना की जानकारी होने पर महिला के मायके वाले भी महाराजगंज से देवकली पहुंच गए। मृतका सुशीला के भाई विनोद मौर्य ने पुलिस को तहरीर दी है। इसमें उन्होंने बताया, ”बहनोई शराब और जुआ का आदी था। वह जमीन, खेत और घर के सामान बेचकर जुआ खेलता था। बहन इस बात का हमेशा विरोध करती थी। इसी बात को लेकर परिवार में विवाद भी होता था। रविवार को मेरे बहनोई इंद्र बहादुर ​ने बहन के विरोध करने पर उसकी और उसके दो मासूम बच्चों की पहले हत्या कर दी। इसके बाद खुद को भी आग लगाकर अपनी जान दे दी।”

गांव में होता है जुआ, सूदखोर तत्काल देते हैं पैसा

दिल दहला देने वाली इस घटना के पीछे ग्रामीण पुलिस को भी जिम्मेदार बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है, ”जुआ और सूदखोरी ही इस गांव का असल पेशा है। पूरे दिन गांव में बैठकर लोग जुआ खेलते हैं। जहां जुआ होता है, वहां खेलने वाले तो होते ही हैं, साथ ही उनके पीछे सूदखोर पहले से खड़े रहते हैं। जोकि जुआ हारने वालों को तत्काल सूद पर रकम मुहैया करा देते हैं।”

इसके एवज में वह कर्ज लेने वालों के मोबाइल, बाइक, खेत और मकान तक गिरवी रखवा लेते हैं। ग्रामीण बताते हैं, “जुआड़ियों पर कार्रवाई के लिए पुलिस कभी गांव नहीं आती है। इस पेशे में गांव के कई दबंग भी शामिल हैं। इसकी वजह से सूदखोरी के इस खेल पर पुलिस अपनी आंख बंद किए रहती है। अगर बीट पुलिस सूदखोरी और जुआ पर कार्रवाई करती तो शायद आज एक परिवार खत्म होने से बच जाता।”

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