नेपाली अर्थव्यवस्था में आई गिरावट, 150 रुपये प्रति लीटर बिक रहा पेट्रोल

नेपाल में बढ़ती महंगाई आम लोगों की जिंदगी को नर्क बना रही है। चूंकि सरकारी कंपनी नेपाल आयल ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है इसलिए आने वाले महीनों में हालात बद से बदतर होंगे। नेपाल में पेट्रोल के दाम पहले ही 150 रुपये लीटर पहुंच चुके हैं। मौजूदा घटनाक्रम से इसमें और तेजी आने की आशंका है। पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने महंगाई को बेतहाशा बढ़ा दिया है। नेपाल की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है।

कीमतों में राहत मिलने के आसार नहीं

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोलियम पदार्थों के बेतहाशा बढ़ते दाम ने जनता की जेबें निचोड़ ली हैं। अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से भी आने वाले समय में पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में कोई राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

अर्थव्यस्था पर मंदी

श्रीलंका की ही तरह नेपाल में भी बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने पर्यटन पर आश्रित अर्थव्यवस्था को बेदम कर दिया है। इससे यहां की अर्थव्यस्था पर मंदी छा गई है। पिछले 64 महीनों में यहां पर महंगाई की दर सर्वाधिक यानी 7.11 फीसद है। खाने-पीने की वस्तुओं के भी दाम आसमान छू रहे हैं। नेपाल का आयात बिल भी एक खरब रुपये को पार कर गया है। इस वित्त वर्ष में इसमें 51.1 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

80 वर्षों में सबसे कम बढ़ी नेपाली आबादी

नेपाल के केंद्रीय सांख्यिकीय विभाग के अनुसार इस पर्वतीय देश की आबादी 2.99 करोड़ हो गई है लेकिन देश की 12वीं जनगणना के अनुसार पिछले 80 सालों में नेपाली आबादी में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है। नेपाली नागरिकों की कुल आबादी में 1,49,1169 महिलाएं हैं और 1,42,91311 पुरुष हैं। दस साल पहले हुई जनगणना के अनुसार नेपाल की आबादी 2.64 करोड़ ही थी। नेपाल की जनसंख्या वृद्धि दर सिर्फ 0.93 फीसद है जिसका अर्थ है कि यह आबादी पिछले दस वर्षों में केवल 27 लाख ही बढ़ी है।

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