प्रवासी मजदूर सहायता मिशन ने कायम किया कीर्तिमान ,12,000 से अधिक मजदूरों का कराया सकुशल घर वापसी

ज़ैद खान

बिछिया/बहराइच l प्रवासी मजदूरों की घर वापसी में सहायता करने के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप प्रवासी मजदूर सहायता मिशन ने एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है और इस व्हाट्सएप ग्रुप में 12000 से अधिक मजदूरों की घर वापसी में अहम भूमिका निभाई है ।
प्रवासी मजदूर सहायता मिशन ग्रुप के संस्थापक और वनवासियों के अधिकारों के लिए पिछले 16 वर्षों से संघर्षरत सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देशभर में लागू किए गए लाकडाउन में बढ़ोतरी से मजदूरों के मन में अज्ञात आशंका उत्पन्न हुई जिससे उन्होंने घर वापसी का मूड बनाया और जब दिल्ली की सड़कों पर आनंद विहार बस अड्डे के पास डेढ़ लाख से अधिक मजदूर जमा हुए तो उनकी स्थिति को देखकर के हृदय द्रवित हो गया  इसके बाद जब  देश के विभिन्न भागों से  मजदूरों के पलायन की  आवाज उठने लगी तो आवाज उठने लगी तो स्थिति को भांपते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने प्रवासी मजदूर सहायता मिशन नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जिसमें उन्होंने लोगों से अपने नाम पते आदि की जानकारी मांगी। 

अपने साथी कार्यकर्ताओं की मदद से उनकी घर वापसी के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कराई इसके बाद इस ग्रुप पर कतरनिया वन क्षेत्र के विभिन्न गांवों के प्रवासी मजदूरों के नाम पता और मोबाइल नंबर आने शुरू हो गए और वन क्षेत्र के हजारों परिवार को इस ग्रुप से जोड़ दिया गया। देश के विभिन्न भागों में कार्यरत प्रवासी मजदूरों ने इस ग्रुप में अपना स्थान बनाया और इसके बाद एक दूसरे को ऑडियो मैसेज करने लगे साथ ही अपने यहां की स्थिति के बारे में भी बताते रहे । ऑडियो मैसेज में  एक गांव के विभिन्न  प्रांतों में रह रहे मजदूरों को एक दूसरे से  जुड़ने का  अवसर प्राप्त हुआ ।

मजदूर  ग्रुप पर अपना नाम पता बताते थे जहां से भी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन की जानकारी मिलती मजदूर एक दूसरे को बताते थे । इसके बाद जब ट्रेनों के चलने का सिलसिला शुरू हुआ तो उसकी विशेष जानकारी लगातार इस व्हाट्सएप ग्रुप पर डाली जाने शुरू की गई इससे मजदूरों को घर वापसी के लिए पंजीयन कराने में बहुत आसानी हुई ।


सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी बताते हैं कि प्रतिदिन 200 से ढाई सौ काल आते थे। हम प्रत्येक काल को अटेंड करने का प्रयास करते थे । कई मजदूरों के हम उनके नंबरों को  व्हाट्सएप  पर ऐड करते चले जाते थे  और  समयानुसार  उन्हें उत्तर दिया करते थे  लेकिन  जब  बहुत  ज्यादा लोगों के व्हाट्सएप नंबर ऐड हो गए  तो  उन्हें  मिलाकर एक प्रवासी मजदूर सहायता मिशन नाम के व्हाट्सएप ग्रुप  की  रचना कर दी गई  । इससे  एक साथ  सभी लोगों को मैसेज करने में  आसानी हो गई ।


मजदूरों की समस्याएं बहुत बड़ी थी और हमारे हाथ बहुत छोटे थे इसलिए हम लोग चाह करके भी बहुत कुछ नहीं कर पाते थे । कभी-कभी तो हमें उन्हें झूठा आश्वासन भी देना पड़ जाता था।
इस व्हाट्सएप ग्रुप पर प्रवासी मजदूरों से संबंधित टीवी और रेडियो की खबरें भी  रिकॉर्ड करके  डाली जाती थी । मजदूरों से  वीडियो कॉल भी  की जाती थी और उन्हें सांत्वना दी जाती थी और उनका मार्गदर्शन किया जाता था। उनकी समस्याओं के आधार पर उनके घरों पर  आवश्यक सहायता और राशन भी उपलब्ध कराया जाता था । यही नहीं जो मजदूर के पास पैसों का अभाव होता था उनके पास बिछिया बाजार के साथियों की मदद से जन सेवा केंद्र से पैसे भी भेजे गए।
इसके साथ साथ मजदूरों का ईपास कैसे बनेगा, जनसुनवाई ऐप पर अपना पंजीयन कैसे कर सकेंगे, इसके अलावा वह अपना रेल टिकट कैसे बना सकेंगे, इस पर वीडियो बना बना कर के लगातार सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया गया । साथ ही इस ग्रुप पर प्रवासी मजदूरों से संबंधित खबरों का भी बड़े पैमाने पर आदान प्रदान किया गया ।


धीरे धीरे जब मजदूरों की वापसी शुरू हो गई तो यह निकल कर के आया कि लगभग 12,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों ने इस प्रवासी मजदूर सहायता मिशन ग्रुप का पूरा फायदा उठाया ।
सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी के साथ-साथ इस ग्रुप में मदद करने वाले रामनाथ सुनील ,रामसमुझ मौर्य तथा टीम के अन्य 12 सदस्यों ने लगातार मजदूरों की सूचनाएं एक दूसरे तक पहुंचाने में बहुत मदद की ।


इस प्रकार व्हाट्सएप ग्रुप की तकनीक का बेहतर इस्तेमाल इस संकटकाल में प्रवासी मजदूरों के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ । सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी कहते हैं कि अब आगे मजदूरों को उनकी क्षमता के अनुसार गांव स्तर पर ही काम दिला पाने की या रोजगार उन्मुख बनाने की बड़ी चुनौती है जिसके लिए शासन प्रशासन के साथ मिलकर लगातार प्रयास किया जाएगा।
ग्रुप की मदद से घर वापस लौटे कई प्रवासी  मजदूरों ने बताया कि कोरोना वायरस के संकट काल में प्रवासी मजदूर सहायता मिशन नाम का व्हाट्सएप ग्रुप हमारे लिए उद्धार कर्ता के रूप में सामने आया और एक सहयोगी की तरह घर तक पहुंचाने में मददगार बना हम और हमारे साथियों की ओर से इस ग्रुप के संचालन कर्ताओं को हम दिल की गहराइयों से धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।

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