बड़ा फैसला : मथुरा-वृंदावन तीर्थस्‍थल घोषित, नहीं बिकेगा मांस और शराब

उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने मथुरा और वृंदावन (Mathura and Vrindavan) में मांस तथा शराब की बिक्री पर प्रतिबंध (Prohibition on sale of meat and liquor) लगा दिया है. योगी सरकार ने मथुरा तथा वृंदावन में 10 किलोमीटर के क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित किया है और उस 10 किलोमीटर के क्षेत्र में मांस तथा शराब की बिक्री पर रोक रहेगी.

लखनऊ: प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने मथुरा-वृंदावन क्षेत्र (Mathura and Vrindavan) को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. यहां, 10 किलोमीटर क्षेत्र में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है. योगी सरकार (Yogi Government) ने मथुरा और वृंदावन में 10 किलोमीटर के क्षेत्र को तीर्थस्थल घोषित करते हुए उस 10 किलोमीटर की परिधि में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगाया है. मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश जारी किए जाने की जानकारी दी गई है. 

तीर्थ स्थल घोषित किए गए इलाके में 22 नगर निगम वार्ड क्षेत्र आते हैं. यूपी में तीर्थस्थलों के विकास का काम चल रहा है. अयोध्या, वाराणसी, मथुरा में सुविधाएं बेहतर की जा रही हैं. आदेश में कहा गया है कि मथुरा-वृंदावन कृष्ण जन्मस्थली के 10 किलोमीटर तीर्थ स्थल घोषित किया गया है. अब यहां इस क्षेत्र में शराब और मीट नहीं बिकेगा.

मथुरा वृंदावन में मीट बैन

बता दें कि सीएम योगी ने जन्माष्टमी के मौके पर बड़ा एलान किया था. उन्होंने कहा था कि मथुरा के सातों तीर्थ स्थल क्षेत्रों में शराब और मांस की बिक्री पर रोक लगाई जाए. उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजने के भी निर्देश दिए थे. धर्मार्थ कार्य विभाग के मुताबिक, मथुरा के 7 इलाकों को हाल ही में तीर्थ क्षेत्र का दर्जा दिया गया है. बता दें कि योगी सरकार ने 2017 में वृन्दावन, नंदगांव, गोवर्धन, गोकुल, बलदेव और राधाकुंड को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने के आदेश दिए थे. अब इन इलाकों में शराब और मांस नहीं बेचा जा सकेगा.

गौरतलब है कि , पिछले महीने सीएम योगी आदित्यनाथ ने मथुरा में ही जन्माष्टमी भी मनाई थी, जिसके बाद तीर्थस्थल घोषित किए जाने का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जन्माष्टमी के कार्यक्रम में शामिल हुए योगी आदित्यनाथ ने कृष्ण जन्मस्थान पर पहुंचकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन किए थे. उसी दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि पहले त्योहार में बधाई देने के लिए विधायक, मुख्यमंत्री यहां नहीं आते थे और जो पहले मंदिरों में जाने से डरते थे, वे अब कह रहे हैं कि राम मेरे हैं, कृष्ण भी मेरे हैं. बता दें कि यूपी में तीर्थस्थलों के विकास का काम चल रहा है. अयोध्या, वाराणसी, मथुरा आदि में सुविधाएं पहले की मुकाबले बेहतर हो रही हैं. अयोध्या में डेढ़ साल पहले आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से जारी है. माना जा रहा है कि साल 2024 से पहले तक अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा.

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