भारत के राफेल-सुखोई के खिलाफ रणनीति बना रहे चीन-पाक

भारतीय वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमानों की बढ़ती संख्या से चीन के होश उड़े हुए हैं। लद्दाख समेत पूरे बॉर्डर पर राफेल की उड़ान से दहशत में आया चीन इन दिनों अपने J-20 स्टील्थ लड़ाकू विमान को अपग्रेड करने में जुटा हुआ है। 2020 के आखिरी महीने में ही चीन ने गोबी रेगिस्तान में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) के जे-20 विमानों के साथ युद्धाभ्यास किया था। इस युद्धाभ्यास में शामिल छह जे-20 फाइटर जेट्स ने लद्दाख के पास तैनात H-6 बमवर्षक विमानों के साथ लाइव फायर एक्सरसाइज की थी। इतना ही नहीं, चीन ने तो पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के पश्चिमी बॉर्डर के करीब राफेल और सुखोई एसयू-30एमकेआई विमान के खिलाफ भी लड़ाई की तैयारियों को परखा था।

राफेल के खिलाफ J-20 को अपग्रेड कर रहा चीन

चीन के शुरुआती जे-20 लड़ाकू विमान रूसी इंजन पर उड़ान भरते हैं। चीन इस इंजन को स्थानीय स्तर पर बनाए गए अधित उन्नत इंजन के साथ बदलने की प्लानिंग कर रहा है। ऐसी खबरें हैं कि J-20 ट्विन-सीटर में अभी लगे WS-10 को भविष्य में अधिक शक्तिशाली WS-15 इंजन के साथ बदलने की योजना पर काम कर रहा है। चीन ने अबतक कुल 50 जे-20 लड़ाकू विमान का निर्माण किया है। इनमें से कुछ चीनी सेना के टेक्निकल एयर कॉम्बेट डेवलेपमेंट एजेंसी के पास है तो बाकी भारत और साउथ चाइना सी के मोर्चे पर तैनात हैं। अब जितने भी जे-20 विमान को चीन बना रहा है उसमें वह खुद के विकसित जे-10 इंजन का उपयोग कर रहा है। चीन को गुमान है कि उसका जे-20 हर मोर्चे पर राफेल के खिलाफ शक्तिशाली साबित होगा और इसी का ढिंढोरा उसकी सरकारी मीडिया भी आए दिन पीट रही है।

राफेल की खूबियों के आगे बौना है चीनी J- 20 जेट

भारतीय राफेल के मुकाबले में चीन का चेंगदू J-20 और पाकिस्‍तान का JF-17 लड़ाकू विमान हैं। मगर ये दोनों ही राफेल के मुकाबले थोड़ा कमतर हैं। चीनी J-20 का मेन रोल स्‍टील्‍थ फाइटर का है, वहीं राफेल को कई कामों में लगाया जा सकता है। J-20 की बेसिक रेंज 1,200 किलोमीटर है जिसे 2,700 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। J-20 की लंबाई 20.3 मीटर से 20.5 मीटर के बीच होती है। इसकी ऊंचाई 4.45 मीटर और विंगस्‍पैन 12.88-13.50 मीटर के बीच है यानी यह राफेल से खासा बड़ा है। पाकिस्‍तान के पास मौजूद JF-17 में चीन ने PF-15 मिसाइलें जोड़ी हैं मगर फिर भी यह राफेल के मुकाबले में कमजोर है।

राफेल को भारत की जरूरतों के हिसाब से मॉडिफाई किया गया है। राफेल की रेंज 3,700 किलोमीटर है, यह अपने साथ चार मिसाइल ले जा सकता है। राफेल की लंबाई 15.30 मीटर और ऊंचाई 5.30 मीटर है। राफेल का विंगस्‍पैन सिर्फ 10.90 मीटर है जो इसे पहाड़ी इलाकों में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट बनाता है। विमान छोटा होने से उसकी मैनुवरिंग में आसानी होती है।

भारत के राफेल-सुखोई के खिलाफ रणनीति बना रहे चीन-पाक

चाइना सेंट्रल टेलीविजन (CCTV) की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के साथ हाल में हुए शाहीन युद्धाभ्यास के दौरान चीन के J-10C और J-11B फाइटर जेट्स का इस्तेमाल भारत के राफेल और Su-30 फाइटर जेट्स को रोकने में किया गया। इस दौरान चीन और पाकिस्तान के पायलटो ने राफेल और सुखोई की घातक जोड़ी को मार गिराने के लिए J-10C और J-11B लड़ाकू विमानों के सिमुलेशन में ट्रेनिंग की। सिमुलेशन में पायलट को ठीक वैसी ही स्थिति का आभास कराया जाता है जैसा कि वह उड़ान के दौरान वास्तविक रूप से करता है। चीन का शेययांग जे 11 रूस की सुखोई एसयू 27 का चीनी वर्जन है। यह फाइटर प्लेन एयर सुपीरियर होने के साथ दूर तक हमला करने में सक्षम है। इसमें दो इंजन लगे होते हैं जिससे जेट को ज्यादा पॉवर मिलती है। चीन में निर्मित इस विमान को केवल चीनी एयर फोर्स ही ऑपरेट करती है। यह जेट 33000 किलोग्राम तक के वजन के साथ उड़ान भर सकता है। यह विमान एक बार में 1500 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकता है।

चीन और पाकिस्तान ने इन विमानों से किया युद्धाभ्यास

7 दिसंबर से 27 दिसंबर तक पाकिस्तान में हुए शाहीन युद्धाभ्यास के दौरान चीन ने J-10C और J-11B फाइटर जेट्स के अलावा KJ-500 अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट, Y-8 इलेक्ट्रॉनिक वॉर्निंग एयरक्राफ्ट को उतारा था। वहीं पाकिस्तान ने JF-17 और मिराज III फाइटर जेट को अपनी तरफ से इस युद्धाभ्यास में शामिल किया था। बता दें कि अमेरिका ने पाकिस्तान को पहले ही अपने एफ-16 लड़ाकू विमानों को इस युद्धाभ्यास में शामिल न करने की चेतावनी दी थी। चीन का चेंगदू जे-10CE पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के J-10 फाइटर जेट का निर्यात संस्करण है। यह एक मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है, जो किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। वजन में हल्का होने के कारण इस फाइटर जेट को ऊंचाई वाले इलाकों में भी आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है। एक बार में यह विमान 1,850 किलोमीटर उड़ान भर सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड मैक 1.8 है।

राफेल ही नहीं, इन मिसाइलों से चीन-पाक की चिंता बढ़ी

पाकिस्तान केवल भारत के राफेल लड़ाकू विमानों से परेशान नहीं है। बल्कि, उसकी चिंता मीटिओर, माइका जैसे मिसाइलों से भी बढ़ी है। इसके अलावा पाकिस्तान भारत के एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद से भी परेशान है। पाकिस्तानी एयरफोर्स वर्तमान में अपने 124 जेएफ-17 फाइटर जेट पर ही निर्भर है। इसके अलावा उसके पास 40 से भी कम संख्या में एफ -16 और मिराज फाइटर जेट हैं। ड्रैगन उत्‍तर भारत से सटे अपने इलाकों में हवाई ताकत को लगातार मजबूत करने में जुट गया है। चीन ने अपने भारत से लगे हवाई ठिकानों पर परमाणु बम गिराने में सक्षम विमानों से लेकर हमलावर ड्रोन विमान तक तैनात कर दिए हैं। यही नहीं चीन नए एयरबेस भी बना रहा है। चीन भारत से सटे अपने 13 एयरबेस को लगातार अपग्रेड करने में जुटा हुआ है। चीन के ये एयरबेस भारत के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के भारतीय इलाकों से सटे हुए हैं।

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