भोपाल समेत 16 रेलवे स्टेशनों पर अब लगाए जा रहे ई-चार्ट, अब आरक्षण चार्ट फटने और खराब होने की झंझट समाप्त


भोपाल । रेलवे स्टेशनों पर आरक्षण चार्ट फटने और खराब होने की झंझट समाप्त हो गई है। पश्चिम मध्य रेलवे ने भोपाल समेत 16 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को टिकट बुकिंग की स्थिति बताने वाले ई-चार्ट लगाए जा रहे हैं। इससे रेलवे को लाखों रुपए की बचत भी हो रही है। हर माह चार्ट को प्रिंट करने और कागज पर आने वाला खर्च की बचत हो रही है। इन चार्टों के लिए एलईडी स्क्रीन लगाई हैं। ये ई-चार्ट फटते नहीं है और न ही खराब हो रहे हैं। यात्री आसानी से इनका अवलोकन कर अपनी बर्थ खोज रहे हैं। पहले चार्ट की हार्ड प्रति लगाई जाती थी जो कई बार फट जाती थी या बीच के पन्‍ने निकल जाते थे यात्री परेशान होते थे। अब ई-चार्ट में इस तरह की झंझट नहीं है। रेलवे को भी फायदा हुआ है हर माह चार्ट को प्रिंट करने और कागज पर आने वाला खर्च बच रहा है। जोन के अलावा रेलवे सभी स्टेशनों पर इस तरह बचत कर रहा है।मालूम हो ‎कि भोपाल में प्लेटफार्म एक और प्लेटफार्म छह पर मिलाकर छह एलईडी स्क्रीन लगी है। पुन: विकसित किए गए हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर भी छह बड़ी स्क्रीन है जहां रिवर्जेशन चार्ट सो हो रहा है। 

बीना स्टेशन पर पांच और गुना में दो स्क्रीन है। इटारसी जंक्शन, हरदा, होशंगाबाद, संत हिरदाराम नगर, विदिशा समेत अन्य स्टेशनों पर अभी प्रिंट करके ही रिजर्वेशन चार्ट चस्पा किए जा रहे हैं। यहां भी जल्द ही एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। यात्रियों को बर्थ खोजने में दिक्कत नहीं हो रही है। जगह-जगह एलईडी पर चार्ट दिखाए जा रहे हैं। पहले एक जगह प्रिंट वाला चार्ट लगाते थे जिसके सामने भीड़ होती थी। खासकर ट्रेन आने के समय में तो मारामारी होने लगती थीं। कागज की खपत घटी है, चार्ट को प्रिंट कराने में आने वाला खर्च भी कम हुआ है। रेलवे को बचत हो रही है।ई रिजर्वेशन चार्ट तय समय पर दिखाई देने लगता है। प्रिंट किए हुए चार्ट को कई बार रेलकर्मी लगाने में देरी कर देते थे। यात्रियों को परेशान होना पड़ता था। अब ऐसी नौबत नहीं बन रही है। बता दें ‎कि कोरोना महामारी ने इंसानों से लेकर बड़े से बड़े संस्थानों को रुपयों की बचत करना सीखा दिया है। तंगी से गुजर रहा रेलवे भी नए-नए कदम उठाकर रुपये बचाने में लगा है।

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