यूक्रेन को लेपर्ड टैंक देने का जर्मनी में विरोध, डेनिप्रो में मरने वालों की संख्या हुई 40

कीव । यूक्रेन को सैन्य मदद के रूप में जर्मनी लेपर्ड टैंक देने का विरोध होने लगा है। सहयोगी देशों की बैठक से जर्मनी की रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैंब्रेट ने इस्तीफा दे दिया है। यूक्रेन को लेपर्ड टैंक देने के फैसले पर जर्मन सरकार को तीखी आलोचना के बाद लैंब्रेट ने यह कदम उठाया है। वहीं यूक्रेन के डेनिप्रो शहर में बहुमंजिला आवासीय भवन पर रूसी हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है।

यूक्रेन पर रूस के हमले के करीब 11 महीने के दौरान यूरोपीय देश-जर्मनी, फ्रांस और इटली यूक्रेन को सैन्य मदद देने में हिचक दिखाते रहे हैं। हाल में अमेरिका के यूक्रेन को टैंक देने की घोषणा के बाद फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और पोलैंड ने भी यूक्रेनी सेना के लिए टैंक और तोपें देने का ऐलान किया है। जिस पर रूस ने अमेरिका और ब्रिटेन से सीधी नाराजगी भी जताते हुए कहा था कि पश्चिमी देश युद्ध भड़का रहे हैं, इससे युद्ध का दायरा बढ़ सकता है। उनके हथियार यूक्रेन में आए तो उन पर हमला किया जाएगा और ब्रिटेन के टैंक जला दिए जाएंगे।

यूक्रेन को सैन्य मदद बढ़ाने के मसले पर शुक्रवार को जर्मनी में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मित्र देशों की बैठक होने वाली है। इस बैठक में अमेरिकी रक्षा मंत्री भी भाग लेंगे। लेकिन इस बैठक से पहले ही जर्मनी की रक्षा मंत्री लैंब्रेट ने इस्तीफा दे दिया है। लैंब्रेट के इस्तीफे का कारण यूक्रेन को सैन्य मदद के मुद्दे पर सरकार की बढ़ रही आलोचना को माना जा रहा है। लेपर्ड टैंक देने की घोषणा का सरकार के सहयोगी दल विरोध कर रहे है और इंटरनेट मीडिया पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यूक्रेन युद्ध के चलते जर्मनी के रूस के साथ द्विपक्षीय संबंध बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं और गैस व तेल की आपूर्ति बाधित हुई है। इसके कारण जर्मनी में महंगाई बढ़ गई है और मंदी का खतरा पैदा हो गया है।

रूस के कब्जे वाले क्रीमिया प्रायद्वीप के नजदीक काला सागर के ऊपर सोमवार को सात ड्रोन को रूसी डिफेंस सिस्टम ने मार गिराए। ये ड्रोन सेवास्टोपोल बंदरगाह के नजदीक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे। माना जा रहा है कि ये ड्रोन यूक्रेन ने भेजे थे।

रूसी सेना की ताजा गोलाबारी में खेरसान में तीन लोगों के मारे जाने और 14 के घायल होने की सूचना है। वहां पर एक अस्पताल और बिजलीघर समेत कई ठिकाने रूसी हमले का निशाना बने हैं। जपोरीजिया में रूसी हमले में एक औद्योगिक इकाई निशाना बनी है जिसमें पांच लोग घायल हुए हैं।

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