108 साल के लंबे इंतजार के बाद बाबा विश्वनाथ के आंगन में स्थापित हुईं मां अन्नपूर्णा, CM योगी बने यजमान

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) परिसर में आज माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा (Annapurna Mata Statue) को स्थापित कर दिया गया. यह वही प्रतिमा है जो कनाडा में एक म्यूजियम में रखी हुई मिली थी. वाराणसी के घाट से चोरी हुई उस प्रतिमा को कनाडा के म्यूजियम में देखकर एक महिला ने भारत सरकार से संपर्क किया था. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के प्रयासों से संस्कृति मंत्रालय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने इस प्रतिमा को भारत लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

वाराणसी: आखिरकार 108 साल के लंबे इंतजार के बाद सोमवार सुबह मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा (Annapurna Mata Statue) श्री काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Temple) पहुंच गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रतिमा यात्रा की अगवानी की. भव्य स्वागत के बाद प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आरंभ हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य यजमान बनकर प्रतिमा की पूजा-अर्चना की और इसे पुनर्स्थापित किया. 

मुख्यमंत्री योगी बने यजमान

वाराणसी के विश्वनाथ धाम में माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा (Annapurna Mata Statue) को स्थापित करने के लिए मुख्य यजमान के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे. इसके पहले अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने पूजा-पाठ की कमान संभाली थी और सुबह 6:00 बजे से शुरू हुए अनुष्ठान में पंचांग पूजन में गणेश अंबिका पूजन के साथ ही कलश स्थापना इत्यादि पूरा करने के बाद माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा को उनके स्थान पर स्थापित किया गया. 

राजाओं को कराई जाने वाली प्रक्रिया से हुई पूजा

इस पूरी प्रक्रिया को पूर्ण कराने वाले काशी विद्वत परिषद के महामंत्री पंडित राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि राजोपचार विधि के साथ माता अन्नपूर्णा की इस प्रतिमा की स्थापना की गई है. राजोपचार वह विधि होती है जो राजाओं के लिए पूर्ण की जाती है. सबसे बड़ी बात यह है कि माता अन्नपूर्णा को काशी की रानी माता पार्वती के रूप में पूजा जाता है. देवाधिदेव महादेव की नगरी में माता अन्नपूर्णा का आना और माता अन्नपूर्णा की स्थापना होना अपने आप में अद्भुत है.

बता दें कि चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 107 साल बाद काशी लौटी. मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की काशी में बाबतपुर से लेकर दुर्गाकुंड तक परिक्रमा कराई गई, जिसमें मुख्य तौर से पिंजरा के विधायक अवधेश कुमार सिंह, कैंट विधायक सौरव श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय शामिल थे. मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा जब दुर्गाकुंड पहुंची तब लोगों को उनके दर्शन कराए गए और भव्य आरती की गयी.

देवोत्थान एकादशी और माता का आगमन अद्भुत संयोग

यह अद्भुत संयोग इसलिए भी खास है क्योंकि आज देवोत्थान एकादशी यानी श्री हरि विष्णु के योग निद्रा से उठने का दिन है. काफी लंबे वक्त से भगवान विष्णु योग निद्रा में थे. अब तक सभी शुभ कार्य रुके हुए थे. आज हरि प्रबोधिनी एकादशी के मौके पर भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागने के साथ ही काशी में माता अन्नपूर्णा के आगमन पर बाबा विश्वनाथ धाम में माता अन्नपूर्णा की स्थापना होना, अपने आप में कई अद्भुत संयोग लेकर आया है.

बाबा विश्वनाथ के आंगन में स्थापित हुईं मां अन्नपूर्णा

सबसे बड़ी बात यह है कि माता अन्नपूर्णा का काशी में आगमन बाबा विश्वनाथ धाम में उचित स्थान पर हुआ है, जहां पहले भी माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा विराजमान थी. मंदिर विस्तारीकरण के तहत माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा और मंदिर को उस स्थान से भले हटाया गया हो लेकिन अब एक बार पुनः यह अद्भुत प्रतिमा बाबा विश्वनाथ के परिसर में स्थापित हुई है. यहां भक्त अब एक साथ माता अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे. माता अन्नपूर्णा की अद्भुत प्रतिमा बाबा विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह के ईशान कोण में स्थापित की गई है, जहां भक्तों को इसके दर्शन का लाभ अब मिलने भी लगा है.

बता दें कि भारत आने के बाद दिल्ली में हुए भव्य आयोजन के तहत 11 नवंबर को इस प्रतिमा को वाराणसी के लिए रवाना किया गया था. 18 जिलों से होती हुई यह प्रतिमा वाराणसी पहुंची, जहां पर रविवार की रात में इसका स्वागत खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था.

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