40 रोटी, 10 प्लेट चावल और 80 लिट्टी, अकेले ही क्वारंटाइन सेंटर का दिवाला निकाल रहा ये युवक

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली की तस्वीरें और कहानियां तो आपने खूब देखी और पढी होगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बता रहे हैं, जिसमें क्वारंटाइन किये गये युवक की खुराक सुनकर हर कोई दंग है, जी हां, बिहार के बक्सर के 21 साल के युवा अनूप ओझा का भोजन चर्चा का विषय बना हुआ है।

अकेले खाते हैं 10 लोगों का भोजन
दरअसल 21 वर्षीय इस युवक का भोजन दो या तीन नहीं बल्कि दस व्यक्तियों के बराबर है, जब अनूप परदेश से लौटने के बाद अपने इलाके के एक स्कूल में क्वारंटाइन किये गये, तो उनकी खुराक देखकर अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक के पसीने छूटने लग गये, दरसअल अनूप ओझा अकेले 10 लोगों का खाना खाता है, फिर चाहे बात रोटी की हो, या फिर चावल की, उसकी खुराक आम आदमी से 10 गुना है, हद तो तब हो गई, जब अनूप ने सेंटर पर एक रात 85 लिट्टी अकेले ही हजम कर गये।

ऐसा है डाइट
अनूप ओझा आमतौर पर एक बार में आठ-दस प्लेट चावल या 35-40 रोटी के साथ दाल और सब्जी खाते हैं, बक्सर के मंझवारी के राजकीय बुनियादी विद्यालय में बनें क्वारंटाइन केन्द्र में रह रहे प्रवासी युवक अनूप का भोजन जुटाने में विभाग से ज्यादा रसोइयों का पसीना छूटता है, खासकर रोटी बनाने में, युवक की डाइट को लेकर गड़बड़ी की आशंका हुई, तो खुद अंचलाधिकारी युवक से मिलने पहुंच गये, लेकिन उसका भोजन देखकर वो भी हैरान रह गये।

रोजी-रोटी की तलाश में राजस्थान गया था
युवक मूल रुप से बक्सर जिला के ही सिमरी प्रखंड के खरहाटांड गांव निवासी गोपाल ओझा के बेटे हैं, एक सप्ताह पहले ही उन्हें क्वारंटाइन सेंटर लाया गया है, परिजनों ने बताया कि अनूप लॉकडाउन से पहले राजस्थान रोजी-रोटी की तलाश में गया था, लेकिन तभी पूरे देश में लॉकडाउन हो गया, वो पिछले डेढ महीने तक राजस्थान में ही फंसा रहा, अब बिहार लौटा है।

शर्त लगाने पर 100 समोसा
अनूप जिस केन्द्र पर है, वहां 87 प्रवासी रह रहे है, लेकिन भोजन 100 से ज्यादा लोगों का बनता है, इसका कारण अनूप ओझा का खान-पान है, गांव के लोगों ने बताया कि शुरु से ही वो अधिक भोजन करता है, शर्त लगाने पर एक बार करीब सौ समोसे खा गया था, फिलहाल अंचलाधिकारी द्वारा मामले की पड़ताल के बाद उन्हें भरपेट भोजन देने को कहा गया है।

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